शहादत दिवस 23 मार्च पर विशेष डाॅ. राकेश राणा 28 सितम्बर, 1907 को पाकिस्तान परिक्षेत्र में पंजाब प्रांत के गांव लायलपुर में जन्मे भगत सिंह के पूरे परिवार में देशभक्ति की राष्ट्रीय धारा बह रही थी। पिता किशन सिंह, चाचा अजीत सिंह और स्वर्ण सिंह की ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों के किस्से सुनते […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
बात 1928 की है। जब देश की जनता पूर्ण स्वाधीनता के लिए अंगड़ाई ले रही थी पर पूर्ण स्वाधीनता के संकल्प को कांग्रेस का संकल्प बनाने में गांधीजी और उनके जैसे अन्य नरमपंथी लोग रोड़े अटका रहे थे । वह नहीं चाहते थे कि देश पूर्ण स्वाधीनता का संकल्प पारित करे। उन परिस्थितियों के बारे […]
डाॅ. राकेश राणा विजय सिंह पथिक भारतीय राजनैतिक परिदृश्य पर ऐसा नेतृत्व हैं, जिन्होंने समाज के साथ मिलकर सफल सत्याग्रह की शैली ईजाद की। होली के दूसरे दिन दुल्हेंडी 27 फरवरी, 1884 को जन्में भूपसिंह ही विजय सिंह पथिक बने। उनके पिता व माता दोनों के परिवारों की 1857 की क्रांति में सक्रिय भागीदारी थी। […]
देवेंद्र सिंह आर्य आर्य वास्तव में गुर्जरों का इतिहास इतना गौरवपूर्ण है यदि उसको एक जगह संकलित करके राष्ट्र के समक्ष प्रस्तुत कर दिया जाए तो जनमानस में क्रांति उत्पन्न हो जाएगी। तथा जो लोग यह कहते हैं कि गुर्जरों का इतिहास क्या है? यह गुर्जर कौन होते हैं? उनको ऐसे सभी प्रश्नों के उत्तर […]
क्रांतिकारी भूपेंद्रनाथ दत्त का जन्म 4 सितंबर,1880 को कोलकाता में हुआ था । वे स्वामी विवेकानंद के छोटे भाई थे ।उन्होंने हिंदू समाज में व्याप्त जाति पांति , छुआछूत , भेदभाव , ऊंच-नीच और महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचारों का विरोध किया था। वह क्रांतिकारियों में एक समाजसुधारक , समाजशास्त्री , क्रांतिकारी लेखक और […]
सरदार बल्लभ भाई पटेल भारतीय स्वातंत्र्य समर के कोहेनूर हैं। यदि उन्हें भारतीय स्वतन्त्रता समर से निकाल दिया जाये तो भारत की स्वतन्त्रता का ‘ताज’ आभाहीन हो जायेगा। सरदार जी के नाम से प्रसिद्ध और इतिहास में ‘लौहपुरुष’ की ख्याति प्राप्त इस महापुरुष की एक बात सभी ने मुक्तकण्ठ से सराही है कि ये स्पष्टवादी […]
इतिहास में कोई भी घटना अपने समकालीन इतिहास को अवश्य प्रभावित करती है । यदि उस घटना के समकालीन घटना चक्र पर दृष्टिपात किया जाए तो पता चलता है कि एक घटना दूसरी को और दूसरी घटना तीसरी को प्रभावित करके चली जाती है । इससे एक घटना का प्रभाव बहुत आगे तक भी पड़ना […]
भारत के संबंध में मैथिलीशरण गुप्त की ये पंक्तियां बड़ी सार्थक हैं :— ” गौतम वशिष्ट समान मुनिवर ज्ञान दायक थे यहां , मनु याज्ञवल्क्य समान उत्तम विधि विधायक थे यहां । वाल्मीकि वेद व्यास से गुणगान गायक थे यहां , पृथु , पुरु ,भरत , रघु से अलौकिक लोकनायक थे यहां।। ” हमारे महान […]
आज के दिन ही दी गई थी 1940 में फांसी आज ही के दिन 1974 में ब्रिटेन ने सौंपे थे उनकी अस्थियों के अवशेष दुखद है कि आज तक भी नहीं मिला इतिहास में उचित सम्मान पंजाब के ऐतिहासिक नगर अमृतसर का जलियांवाला (जलियां नामक एक माली का) बाग भारत के क्रांतिकारी स्वतंत्रता आंदोलन का […]
मित्रो ! भारत के क्रांतिकारी आंदोलन के अनेकों ऐसे महान नक्षत्र हैं जिन्होंने अपनी दिव्य आभा से भारत के तत्कालीन नभमंडल को अपनी तेजोमयी ज्योति से ज्योतित कर अपना सर्वोत्कृष्ट बलिदान भी दिया । ऐसा ही एक नाम है जतिंद्रनाथ दास का, जिन्हें उनके साथी क्रांतिकारी ‘जतिन दा’ कहकर पुकारते थें। हमारे इस क्रंतिकारी नेता […]