ओ३म् ========= महाभारत युद्ध के बाद न केवल देश में अपितु विश्व में अज्ञान छा गया था। महाभारत का युद्ध लगभग पांच हजार वर्ष पूर्व हुआ। महाभारत के बाद यज्ञों में पशु हिंसा आरम्भ हुई थी। समय के साथ यज्ञों में विकृतियों में वृद्धि होती गई। वेदों के अध्ययन-अध्यापन की परम्परा भी धीरे-धीरे समाप्त होती […]
Category: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
असम के लोग तीन महान व्यक्तियों का बहुत सम्मान करते हैं। प्रथम, श्रीमंत शंकर देव, जो पन्द्रवीं शताब्दी में वैष्णव धर्म के महान प्रवत्र्तक थे। दूसरे, लाचित बरफूकन, जो असम के सबसे वीर सैनिक माने जाते हैं और तीसरे, लोकप्रिय गोपी नाथ बारदोलोई, जो स्वतन्त्रता संघर्ष के दौरान अग्रणी नेता थे। लाचित बरफूकन ‘अहोम […]
एक कल्पना कीजिए… तीस वर्ष का पति जेल की सलाखों के भीतर खड़ा है और बाहर उसकी वह युवा पत्नी खड़ी है, जिसका बच्चा हाल ही में मृत हुआ है… इस बात की पूरी संभावना है कि अब शायद इस जन्म में इन पति-पत्नी की भेंट न हो. ऐसे कठिन समय पर इन दोनों ने […]
सुधीर सिंह।आज महान क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त का जन्मदिन है। भगत सिंह के साथ असेंबली में बम फेंकने वाले बटुकेश्वर दत्त की कहानी बताती है कि अपने शहीद क्रांतिकारियों को पूजने वाला यह देश जीते जी भी उनके साथ क्या -क्या सुलूक कर सकता है. बटुकेश्वर दत्त की जिंदगी और उनकी स्मृति, दोनों की आजाद […]
“स्वतंत्रता संग्राम का दीवाना। भारत का प्रथम राजघराना।।” भारत भूमि आदिकाल से ही समस्त भूमंडल को अपनी उर्वरा के द्वारा आलोकित करती रही है। इस धर्म प्रसूता वसुंधरा पर अनेक नायक, महानायक, लोकनायक हमारे प्रणेता रहे हैं। इसी ब्रजभूमि के मुरसान गांव में राजा घनश्याम सिंह की धर्मपत्नी माता दानकौर की कुक्षि (कोख) से एक […]
17 नवम्बर/बलिदान-दिवस ‘‘यदि तुमने सचमुच वीरता का बाना पहन लिया है, तो तुम्हें सब प्रकार की कुर्बानी के लिए तैयार रहना चाहिए। कायर मत बनो। मरते दम तक पौरुष का प्रमाण दो। क्या यह शर्म की बात नहीं कि कांग्रेस अपने 21 साल के कार्यकाल में एक भी ऐसा राजनीतिक संन्यासी पैदा नहीं कर […]
सहदेव समर्पित उदयपुर में एक दिन दो साधु स्वामीजी से मिले। अनेक विषयों पर वात्र्तालाप के बाद स्वामीजी से बोले कि आप अधिकारी लोगों को ही उपदेश किया करें। जो लोग आपके व्याख्यानों में आते हैं वे सब ही तो अधिकारी नहीं होते! इसका स्वामीजी ने जो उत्तर दिया उसका अभिप्रायः यह था […]
ओ३म् ===================== महाभारत के बाद उत्पन्न प्रथम वेद ऋषि दयानन्द ने विलुप्त वेदों का पुनरुद्धार किया था। उन्होंने केवल वेद संहिताओं का ही उद्धार नही नहीं किया अपितु वेदों के बीस हजार से अधिक मन्त्रों के सत्य अर्थ जानने की प्रक्रिया व पद्धति का भी पुनरुद्धार किया था। वह स्वात्म प्रेरणा एवं लोगों के आग्रह […]
सभी राष्ट्रवादियों के लिए यह एक बहुत ही उत्साहजनक खबर है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) अपनी वीरता ,शौर्य और पराक्रम के लिए इतिहास में विशेष सम्मानित स्थान रखने वाले सम्राट पृथ्वीराज चौहान से संबंधित संग्रहालय बनाएगा। इसे किला राय पिथौरा में बनाया जाएगा। इसके लिए योजना बन चुकी है। इस किले में पहले से […]
नरेंद्र सहगल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष अधर्मियों, आतंकवादियों, समाजघातकों, देशद्रोहियों और भ्रष्टाचारियों को समाप्त करने के उद्देश्य से धराधाम पर अवतरित हुए योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्म से लेकर अंत तक अपने निर्धारित उद्देश्य के लिए सक्रिय रहे. वे एक आदर्श क्रांतिकारी थे. कृष्ण के जीवन की समस्त लीलाएं/क्रियाकलाप प्रत्येक मानव के लिए प्रेरणा देने वाले अद्भुत प्रसंग हैं. […]