शिवाजी भारतीय स्वाधीनता संग्राम के देदीप्यमान नक्षत्र हैं, जिनकी दीप्ति से भारत का समकालीन इतिहास आज भी दीप्तिमान है । शिवाजी एक ऐसे व्यक्तित्व हैं जिनके नाम से आज भी इस देश के युवा प्रेरणा लेते हैं । ऐसे महानायक को कुछ षड्यंत्रकारी इतिहासकारों ने बहुत ही संकीर्ण दृष्टिकोण से देखने का राष्ट्रघाती प्रयास किया […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
◼️आत्मदर्शी दयानन्द◼️ ✍🏻 लेखक – पंडित चमूपति एम॰ए० ऋषि दयानन्द का जन्म एक भ्रान्ति-प्रधान युग में हुआ था। कोई ऐसी असम्भव बात न थी जिसे योग की सिद्धि के नाम पर सम्भव न समझा जाता हो । योगियों की विशेषता ही चमत्कार था । धार्मिक नेताओं का गौरव ही उनके आलौकिक कारनामों के कारण था। […]
डॉ डी के गर्ग निवेदन: ये लेख 6 भागो में है ,पूरा पढ़े / इसमें विभिन्न विद्वानों के द्वारा समय समय पर लिखे गए लेखो की मदद ली गयी है । कृपया अपने विचार बताये। भाग- 4 –बुद्ध से सम्बंधित कुछ प्रश्नोत्तरी : साभार- विद्यासागर वर्मा ,पूर्व राजदूत प्रश्न .क्या गोतम बुध ईश्वर का अवतार […]
महान देशभक्त अखंड भारतवर्ष की आजादी के लिए क्रांतिकारियों के प्रेरणा स्त्रोत काला पानी सेल्यूलर जेल के हीरो एक साथ कवि लेखक और क्रांतिकारी वीर विनायक दामोदर सावरकर भारत की आजादी के पहले देशभक्त क्रांतिकारी थे जिन्होंने जान हथेली पर लेकर अथाह समुद्र में आजादी की छलांग लगाई थी I 8 जुलाई को उनके राष्ट्र […]
* डॉ डी के गर्ग निवेदन: ये लेख 6 भागो में है ,पूरा पढ़े / इसमें विभिन्न विद्वानों के द्वारा समय समय पर लिखे गए लेखो की मदद ली गयी है । कृपया अपने विचार बताये। भाग- 2 –बुद्ध से सम्बंधित कुछ प्रश्नोत्तरी : साभार- विद्यासागर वर्मा ,पूर्व राजदूत प्रश्न १ : क्या महात्मा बुद्ध […]
Nehru ji ki jayanti 27 Mai per Vishesh नेहरू जी की जयंती 27 में पर विशेष स्वतंत्रता आंदोलन के काल में हमारे क्रांतिकारी जब भी कोई ‘आतंकी घटना’ कर ब्रिटिश सरकार को हिलाने का प्रशंसनीय कार्य करते थे तभी हमारे कांग्रेसी नेताओं की कंपकंपी छूट पड़ती थी। उस कंपकंपी से मुक्ति पाने के लिए गांधीजी […]
हमारे क्रांतिकारियों ने हर वर्ष की भांति 1933 के प्रारंभ से ही कई स्थानों पर बम विस्फोट कर करके सरकार की नाक में दम कर दिया था। सरकार का उन दिनों वश चलता तो वह एक क्रांतिकारी को भी छोड़ती नही। परंतु क्रांतिकारियों के पीछे जनता जनार्दन का व्यापक समर्थन था, इसलिए सरकार पूर्णत: क्रूर […]
(बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रकाशित ) कार्तिक अय्यर अपने आपको मूलनिवासी कहने वाले लोग प्राय: ब्राह्मणों को कोसते मिलते हैं, विदेशी कहते हैं, गालियां बकते हैं। पर बुद्ध ने आर्यधर्म को महान कहा है । इसके विपरीत डॉ अंबेडकर आर्यों को विदेशी नहीं मानते थे। अपितु आर्यों होने की बात को छदम कल्पना मानते […]
(14 मई को जन्मदिवस पर विशेष रूप से प्रचारित) #डॉविवेकआर्य वीर शम्भा जी का जन्म 14 मई 1657 को हुआ था। आप वीर शिवाजी के साथ अल्पायु में औरंगजेब की कैद में आगरे के किले में बंद भी रहे थे। आपने 11 मार्च 1689 को वीरगति प्राप्त की थी। इस लेख के माध्यम से हम […]
अरब देशों से भारत आए आक्रांता शुरू में तो केवल भारत में लूट खसोट करने के उद्देश्य से ही आए थे, क्योंकि उन्होंने सुन रखा था कि भारत सोने की चिड़िया है एवं यहां के नागरिकों के पास स्वर्ण के अपार भंडार मौजूद हैं। परंतु, यहां आकर छोटे छोटे राज्यों में आपसी तालमेल एवं संगठन […]