भारतीय इतिहास को विकृतियों के मकड़जाल से मुक्त करने में डॉ रतन लाल वर्मा जैसे महान इतिहासकार का विशेष योगदान रहा है। उन्होंने इतिहास पर शोध परक ग्रंथ लिखे और भारतीय इतिहास में गुर्जर समाज के विशेष योगदान की विशद विवेचना कर इतिहास को समृद्ध करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया । श्री वर्मा जी […]
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मुगलों के आक्रमण का प्रतिकार करने में उत्तर भारत में जिन राजाओं की प्रमुख भूमिका रही है, उनमें भरतपुर (राजस्थान) के महाराजा सूरजमल जाट का नाम बड़ी श्रद्धा एवं गौरव से लिया जाता है। उनका जन्म 13 फरवरी, 1707 में हुआ था। ये राजा बदनसिंह ‘महेन्द्र’ के दत्तक पुत्र थे। उन्हें पिता की ओर से […]
1917 से 1947 तक स्वाधीनता समर के हर कार्यक्रम में सक्रिय रहने सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को भाग्यनगर (हैदराबाद, आंध्र प्रदेश) में हुआ था। वे आठ भाई-बहिनों में सबसे बड़ी थीं। उनके पिता श्री अघोरनाथ चट्टोपाध्याय वहां के निजाम कॉलेज में रसायन वैज्ञानिक तथा माता श्रीमती वरदा सुन्दरी बंगला में कविता लिखती […]
भारत में सब ओर स्वतन्त्रता के लिए प्राण देने वाले वीर हुए हैं। ग्राम लंकर (उत्तर कछार, असम) में शम्भुधन फूंगलो का जन्म फागुन पूर्णिमा, 1850 ई0 में हुआ। डिमासा जाति की कासादीं इनकी माता तथा देप्रेन्दाओ फूंगलो पिता थे। शम्भुधन के पिता काम की तलाश में घूमते रहते थे। अन्ततः वे माहुर के पास […]
#डॉ_विवेक_आर्य स्वामी दयानन्द ने स्वमन्तव्य-अमन्तव्य प्रकाश में ‘आर्यावर्त्त’ की परिभाषा इस प्रकार से दी है। ‘आर्यावर्त्त’ देश इस भूमि का नाम इसलिए है कि जिस में आदि सृष्टि से पश्चात आर्य लोग निवास करते हैं परन्तु इस उत्तर में हिमालय, दक्षिण में विंध्याचल, पश्चिम में अटक और पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी है। इस चारों के […]
नाम – पंडित दीनदयाल उपाध्याय संघर्षपूर्ण प्रारंभिक जीवन पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का जन्म 25 सितम्बर सन् 1916 में चंद्रभान, फ़राह, जिला मथुरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था।वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से थे। उनके पिता का नाम श्री भगवती प्रसाद और माता का नाम रामप्यारी था। रेलवे में सहायक स्टेशन मास्टर के पद पर […]
अपने देश में राम को राष्ट्रीय महापुरुष कहने में राजनीतिज्ञों को हीनता का बोध होता है और उनको राम तथा रामायण में साम्प्रदायिकता दिखाई पड़ती है। किन्तु दक्षिण-पूर्व एशिया-स्थित थाईलैण्ड (Thailand) में न केवल राम को एक सुप्रतिष्ठित स्थान दिया गया है, अपितु थाई-रामायण को थाईलैण्ड के राष्ट्रीय ग्रंथ का सम्मान दिया गया है। उल्लेखनीय […]
विक्रम सिंह डाला कल्पना दत्त देश की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाली महिला क्रांतिकारियों में से एक थीं। इन्होंने अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए क्रांतिकारी सूर्यसेन के दल से नाता जोड़ लिया था। 1933 ई. में कल्पना दत्त पुलिस से मुठभेड़ होने पर गिरफ़्तार कर ली गई थीं। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी […]
एक साल पहले खबर आई थी कि अंडेमान प्रशासन के पास सावरकर जी के माफीनामे का कोई रिकार्ड नहीं है। विस्तार से जानिए सावरकर जी को। सावरकर को लेकर ये बहुत बड़ा भ्रम फैलाया जाता है कि उन्होंने मर्सी पिटीशन फाइल कर माफी मांगी थी. ये कोई मर्सी पिटीशन नहीं थी ये सिर्फ एक पिटीशन […]
6 फरवरी/जन्म-दिवस फिल्म जगत में अनेक गीतकार हुए हैं। कुछ ने दुःख और दर्द को अपने गीतों में उतारा, तो कुछ ने मस्ती और शृंगार को। कुछ ने बच्चों के लिए गीत लिखे, तो कुछ ने बड़ों के लिए; पर कवि प्रदीप के लिखे और गाये अधिकांश गीत देश, धर्म और ईश्वर के प्रति भक्ति […]