दिन काशी शास्त्रार्थ। सांय काल का समय था। आज प्रात: काशी के प्रमुख पंडितों से बनारस के महाराजा की अध्यक्षता में, हजारों काशी के निवासियों के समक्ष वेदों के प्रकाण्ड पंडित स्वामी दयानंद की वीर गर्जना की “वेदों में मूर्ति पूजा का विधान नहीं हैं ” को कोई भी जब असत्य न कह सका […]
Category: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
30 मार्च/पुण्य-तिथि भारत के स्वाधीनता संग्राम में जिन महापुरुषों ने विदेश में रहकर क्रान्ति की मशाल जलाये रखी, उनमें श्यामजी कृष्ण वर्मा का नाम अग्रणी है। चार अक्तूबर, 1857 को कच्छ (गुजरात) के मांडवी नगर में जन्मे श्यामजी पढ़ने में बहुत तेज थे। इनके पिता श्रीकृष्ण वर्मा की आर्थिक स्थिति अच्छी न थी; पर […]
(7 मार्च जन्मोत्सव पर विशेष रूप से प्रकाशित) -सहदेव समर्पित स्वामी भीष्म जी का जन्म 7 मार्च 1859 ई0 में कुरुक्षेत्र जिले के तेवड़ा ग्राम में श्री बारूराम जी के गृह मेें हुआ था। बचपन में इनका नाम लाल सिंह था। इनकी बचपन से ही अध्ययन में रूचि थी। आपने 11 वर्ष की आयु […]
23 मार्च/बलिदान-दिवस क्रान्तिवीर भगतसिंह का जन्म 28 सितम्बर, 1907 को ग्राम बंगा, (जिला लायलपुर, पंजाब) में हुआ था। उसके जन्म के कुछ समय पूर्व ही उसके पिता किशनसिंह और चाचा अजीतसिंह जेल से छूटे थे। अतः उसे भागों वाला अर्थात भाग्यवान माना गया। घर में हर समय स्वाधीनता आन्दोलन की चर्चा होती रहती थी। […]
22 मार्च/पुण्य-तिथि भारत ही नहीं, तो विश्व भर में हिन्दू धर्मग्रन्थों को शुद्ध पाठ एवं छपाई में बहुत कम मूल्य पर पहुँचाने का श्रेय जिस विभूति को है, उन श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार (भाई जी) का जन्म शिलांग में 17 सितम्बर, 1892 को हुआ था। उनके पिता श्री भीमराज तथा माता श्रीमती रिखीबाई थीं। […]
लेखक गजेंद्र आर्य राष्ट्रीय वैदिक प्रवक्ता जलालपुर अनूप शहर +91-9783897511 7 मार्च महाप्रयाण दिवस पर विशेष : “पंडित गोविंद बल्लभ पंत प्रथम मुख्यमंत्री (संयुक्त प्रांत) पूर्व गृह मंत्री भारत सरकार” राष्ट्र के स्वाधीनता आंदोलन में अनेकानेक महामनाओं ने राष्ट्र की पराधीनता की बेड़ियां काटने में अपनी हवि दी है, जिन्हें हम समय-समय पर अपनी […]
डॉ विवेक आर्य क्या आपने किसी ऐसे समाज सुधारक का नाम सुना है जिनका जन्म सवर्ण जाट परिवार में हुआ हो और उन्होंने दलितों के सामाजिक उत्थान के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए हो? संभवत नहीं। ऐसे महान आत्मा का नाम था वीर मेघराज जी। वीर मेघराज जी स्वामी दयानंद की उसी शिष्य परम्परा […]
ओ३म् ============= मनुष्य की पहचान व उसका महत्व उसके ज्ञान, गुणों, आचरण एवं व्यवहार आदि से होता है। संसार में 7 अरब से अधिक लोग रहते हैं। सब एक समान नहीं है। सबकी आकृतियां व प्रकृतियां अलग हैं तथा सबके स्वभाव व ज्ञान का स्तर भी अलग है। बहुत से लोग अपने ज्ञान के अनुरूप […]
ओ३म् सृष्टि के आरम्भ से संसार में मनुष्य आदि प्राणियों का जन्म होता आ रहा है। मनुष्य बुद्धि से युक्त प्राणी है जो सोच विचार कर सत्य और असत्य का निर्णय कर अपने सभी कार्य करता व कर सकता है। सामान्य मनुष्य दूसरे शिक्षित मनुष्यों को देखकर अपने जीवन को भी अच्छा व सुखी बनाने […]
#डॉविवेकआर्य [6 मार्च 1897 को पंडित जी का अमर बलिदान हुआ था। इस वर्ष उनके बलिदान की 124वीं वर्षगाँठ है। वर्ष 2022 में पं जी के बलिदान की 125वीं वर्षगांठ पर बृहद रूप से आर्य जगत में बनना चाहिए। ] पंडित लेखराम इतिहास की उन महान हस्तियों में शामिल हैं जिन्होंने धर्म की बलिवेदी पर […]