महर्षि दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना की, तथा कितने गुरुकुलों की स्थापना की और कितने शास्त्रार्थ किए यह सब लेख यह उपस्थित है। ( महर्षि स्वामी दयानंद द्वारा आर्य समाज की स्थापनाएं कब और कहां कहां की गई ) दीवान बहादुर हरबिलास शारदा द्वारा रचित,विश्व गुरु स्वामी दयानंद का जीवन चरित्र एवं उनकी शिक्षाएं […]
Category: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
सब लोगों को मारता हुआ भी नहीं मारता, यह बात आज के कानून विदों के लिए या विधि विशेषज्ञों के लिए समझ में न आने वाली एक रहस्यमयी पहेली है। पर इसे हमारे वीर योद्धाओं ने भारतीय स्वाधीनता और संस्कृति की रक्षा के अपने प्रण का निर्वाह करते समय पूर्णतया अपनी नजरों के […]
ओ३म् शहीद ऊधम सिंह (जन्म 26-12-1899, बलिदान 31-7-1940, जीवन 40 वर्ष 7 महीने 5 दिन) का आज 81वां बलिदान दिवस है। ऊधम सिंह जी हमें पंजाब की धरती सुनाम संगरूर से मिले थे। पंजाब की धरती से हमें विगत एक शताब्दी में लाला लाजपत राय, स्वामी श्रद्धानन्द, सरदार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जी आदि […]
अदम्य साहस और शौर्य का प्रतीक राजा दाहिर सेन सब लोगों को मारता हुआ भी नहीं मारता, यह बात आज के कानून विदों के लिए या विधि विशेषज्ञों के लिए समझ में न आने वाली एक रहस्यमयी पहेली है। पर इसे हमारे वीर योद्धाओं ने भारतीय स्वाधीनता और संस्कृति की रक्षा के अपने प्रण […]
क्यों है हमारी स्वाधीनता का रक्षक राजा दाहिर सेन? दाहिर सेन को स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय संस्कृति का रक्षक क्यों कहा जाए ? इस प्रश्न पर भी विचार करना बहुत आवश्यक है । क्योंकि कई लोगों को ऐसी भ्रांति हो सकती है कि हम ऐसा किसी पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर कह रहे हैं। संस्कृति […]
आज(23 जुलाई) लोकमान्य बालगंगाधर तिलक जी का जन्म दिन है. मुझे यह जानकार दुःख हुआ कि अम्बेडकरवादी लगातार अपने लेखों में तिलक जी के लिए अत्यन्त अपमानजनक भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं कि माँ भारती के इस सपूत ने कितना बड़ा कार्य किया था. आज अपनी ओर […]
राजा ने की बड़ी चूक कई इतिहासकारों की ऐसी मान्यता है कि इस्लाम के इस सत्ता संघर्ष में उस समय राजा दाहिर सेन ने मोहम्मद साहब के कई परिजनों की रक्षा की थी। राजा दाहिर सेन ने अपनी उदारता का परिचय देते हुए कई मुस्लिमों को सिंधु देश में बसने दिया । इसके पीछे […]
राजा पोरस का अवतार हमें यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि सिकन्दर के समय राजा पोरस ने अपने पौरुष के प्रताप से विदेशी आक्रमणकारी को मार भगाया था । जिसे इतिहासकारों ने इतिहास में सही स्थान व सम्मान नहीं दिया । अब उसी पोरस के उत्तराधिकारी के रूप में एक नया योद्धा हमारी सीमाओं […]
बख्तियार खिलज़ी तू ज्ञान के मंदिर नालंदा को जलाकर कामरूप (असम) की धरती पर आया है…अगर तू और तेरा एक भी सिपाही ब्रह्मपुत्र को पार कर सका तो मां चंडी (कामातेश्वरी) की सौगंध मैं जीते-जी अग्नि समाधि ले लूंगा…* *राजा_पृथु” 27 मार्च 1206 को असम की धरती पर एक ऐसी लड़ाई लड़ी गई जो मानव […]
राजा दाहिर सेन जिस समय भारत में एक राजा के रूप में अपना कर्तव्य निर्वाह कर रहे थे उस समय की परिस्थितियां बहुत ही विपरीत थीं। भारतीय धर्म और संस्कृति के लिए उस समय अरब की ओर से बड़ी भारी चुनौती बार-बार उपस्थित होती थी। भारतवर्ष की एकता और अखण्डता के लिए एक […]