सौरभ द्विवेदी गोपाल कृष्ण गोखले, जिन्होंने सबसे पहले एक सरकारी बिल के विरोध में लेजिस्लेटिव काउंसिल से वॉक आउट किया।एक ऐसा नेता, जिसके सादगी से भरे और आंकड़ों से दुरुस्त बजट भाषणों के बारे में पढ़ने के लिए लोग अखबार का इंतजार करते थे। ऐसा नेता, जिसे गांधी और जिन्ना, दोनों ही अपना राजनीतिक गुरु […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
15 मई/जन्म-दिवस पर शत शत नमन। स्वतन्त्रता संग्राम के समय उत्तर भारत में क्रान्तिकारियों की दो त्रिमूर्तियाँ बहुत प्रसिद्ध हुईं। पहली चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल तथा अशफाक उल्ला खाँ की थी, जबकि दूसरी भगतसिंह, सुखदेव तथा राजगुरु की थी। इनमें से सुखदेव का जन्म मुहल्ला नौघरा लुधियाना शहर पंजाब में में 15 मई, 1907 […]
1857 की क्रांति हमारे आक्रोश और विदेशी सत्ता के प्रति पनप रहे विद्रोह के भाव का प्रतीक थी। जिसमें दलन, दमन और अत्याचार के विरुद्ध खुली बगावत के स्पष्ट संकेत दिखाई दे रहे थे । चारों ओर लोग ‘मारो फिरंगियों को’ का नारा देकर देश को अंग्रेजों से मुक्त कर देना चाहते थे। अब वह […]
10 मई 1857 की प्रातः कालीन बेला। स्थान मेरठ । जिस वीर नायक ने इस पूरे स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण एवं क्रांतिकारी भूमिका निभाई थी वह अमर शहीद धन सिंह कोतवाल चपराना निवासी ग्राम पाचली मेरठ थे। क्रांति का प्रथम नायक धनसिंह गुर्जर कोतवाल। नारा था – ‘मारो फिरंगियों को।’ मेरठ में ईस्ट इंडिया कंपनी […]
राव कदमसिंह गुर्जर भारतीय स्वाधीनता संग्राम के क्रांतिकारी आंदोलन के एक देदीप्यमान नक्षत्र हैं। जिन्होंने समय आने पर ‘राष्ट्र प्रथम’ के उद्घोष को स्वीकार करते हुए अपना सर्वस्व माँ भारती की गोद में समर्पित कर दिया था । राम कदम सिंह 18 57 की क्रांति से पूर्व इसके पूर्व के क्षेत्र के क्रांतिकारियों […]
10 मई 1857 की प्रातः कालीन बेला। स्थान मेरठ । जिस वीर नायक ने इस पूरे स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण एवं क्रांतिकारी भूमिका निभाई थी वह अमर शहीद धन सिंह कोतवाल चपराना निवासी ग्राम पाचली मेरठ थे। क्रांति का प्रथम नायक धनसिंह गुर्जर कोतवाल। नारा – ‘मारो फिरंगियों को।’ मेरठ में ईस्ट इंडिया कंपनी की […]
उगता भारत रवींद्रनाथ टैगोर एक ही साथ महान साहित्यकार, दार्शनिक, संगीतज्ञ, चित्रकार, शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता और राष्ट्रवादी के साथ मानवतावादी भी थे जिन्होंने दो देशों के लिए राष्ट्रगान लिखा। रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता में हुआ था। बचपन में उन्हें प्यार से ‘रबी’ बुलाया जाता था। रवींद्रनाथ टैगोर अपने माता-पिता की […]
आरएन तिवारी श्री भगवान ने कहा – मैं इस सम्पूर्ण संसार को नष्ट करने वाला महाकाल हूँ, इस समय इन समस्त प्राणियों का नाश करने के लिए लगा हुआ हूँ, यहाँ स्थित सभी विपक्षी पक्ष के योद्धा तेरे युद्ध न करने पर भी भविष्य में नही रहेंगे। कुरुक्षेत्र की धर्म भूमि में भगवान अर्जुन को […]
सुखी भारती गुरु ग्रन्थ साहिब जी में 31 रागों में बाणी दर्ज है। 13 प्रदेशों की भाषाओं का प्रयोग किया गया है। 6 गुरुओं श्री गुरू नानक देव जी से लेकर 5वें गुरू श्री गुरू अर्जुन देव जी व नौवें गुरु श्री गुरू तेग बहादुर जी की बाणी अंकित है, 15 जातियों के भक्त, 4 […]
पुष्यमित्र जोशी और जिनकी रूचि हमेशा भारत के इतिहास के प्रति वामपंथ के पूर्वाग्रह से ग्रसित रही हैं| भारत के पिछले 250 वर्ष के इतिहास में जब भी वीर योद्धाओ का नाम लिया जायेगा, वीर शिरोमणि हरी सिंहजी नलवा के नाम के उल्लेख के बिना अधुरा ही माना जायेगा| में जब भारत वर्ष में मुस्लिम […]