धरमलाल कौशिक विश्व जगत हर क्षेत्र में भारत से नेतृत्व की उम्मीद कर रहा है। इसके पीछे एकात्म मानववाद पर आधारित मौजूदा केंद्र सरकार की नीतियां और कार्यशैली है। यहां मैं कुछ बातों का जिक्र करना चाहूंगा, जिनसे प्रत्यक्ष रूप से पं. दीनदयाल उपाध्याय जी द्वारा प्रदत्त दर्शन की अभिव्यक्ति होती है। श्रद्धेय पंडित दीनदयाल […]
Category: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
अमृता गोस्वामी कवि दिनकर की प्रारंभिक रचनाएं उनके काव्य संग्रह ‘प्राणभंग’ और ‘विजय संदेश’ थे जो उन्होंने 1928 में लिखे थे। इसके बाद दिनकर ने कई प्रसिद्ध रचनाएं लिखीं जिनमें रेणुका, ‘परशुराम की प्रतीक्षा’, ‘हुंकार’ और ‘उर्वशी’ काफी प्रचलित रचनाएं हैं। हिंदी साहित्य में रामधारी सिंह दिनकर को उनकी राष्ट्र प्रेम और ओजस्वी कविताओं के […]
भारत के क्षत्रिय धर्म के बारे में महाभारत में बड़ा विशद विवेचन किया गया है। वहाँ पर बताया गया है कि सभी पुरुष देखने में तो समान ही होते हैं, परन्तु युद्धभूमि में जब सैनिकों के परस्पर लड़ने – भिड़ने का समय आता है और चारों ओर से वीरों की पुकार होने लगती है, उस […]
राजा दाहिर सेन का बलिदान महाभारत के ‘शान्ति पर्व’ के अनुसार जो राजा समस्त प्रजा को धनक्षय, प्राणनाश और दुःखों से बचाता है, लुटेरों से रक्षा करके अपने लोगों को जीवन-दान देता है, वह प्रजा के लिये धन और सुख देने वाला परमेश्वर माना गया है। वह राजा सम्पूर्ण यज्ञों द्वारा भगवान की आराधना करके […]
राजकुमार ने दिखाई अद्भुत वीरता राजकुमार जयशाह ने अरब सेना के विरुद्ध लड़ते हुए अपनी अनुपम वीरता का परिचय आज भी दिया। वह किसी भी कीमत पर अपनी पीठ पर कायरता का दाग लगवाना उचित नहीं मानते थे । उन्होंने माँ के दूध का सम्मान करते हुए और माँ भारती के प्रति अपने पूर्ण समर्पण […]
नवनीत कुमार गुप्ता एक बार सर मोक्षगुंडम रेलगाड़ी में यात्रा कर रहे थे। अचानक उन्होंने उठकर जंजीर खींच दी और रेलगाड़ी रुक गई। यात्री उन्हें भला-बुरा कहने लगे। थोड़ी देर में गार्ड भी आ गया। विश्वेश्वरैया ने स्वीकार करते हुए बताया कि उन्होंने ही जंजीर खींची है क्योंकि यहां से कुछ दूरी पर रेल की […]
राजस्थान के जोधपुर के राजवंश का विशेष महत्व है। इसमें कई ऐसे शासक हुए जिन्होंने अपने महान कार्यों से इतिहास में अपना विशिष्ट स्थान प्राप्त किया। इन्हीं में से राव मालदेव राठौड़ भी एक रहे हैं। जिनका जीवनकाल 1511 से 1562 ई0 तक माना जाता है। इनके पिता का नाम गांगा था। इनका जन्म 5 […]
यही कारण था कि अरब के सैनिक बड़ी नृशंसता और निर्दयता के साथ भारतीय सैनिकों की हत्या करते जा रहे थे। नरसंहार को भी इस्लाम की सेवा मानने वाले इन राक्षसों के लिए सोते हुए सैनिकों की हत्या करना भी आनन्द का विषय बन चुका था। जब नीचतापूर्ण कृत्य आनन्द का विषय बन जाए तब […]
बज गई रणभेरी विश्वशान्ति के लिए उस समय बहुत बड़ा खतरा स्पष्ट मंडराता हुआ दिखाई दे रहा था। इसके उपरान्त भी मजहबी उन्माद से पगलाए हुए शत्रु दल का कोई भी नेता यह सोचने के लिए तैयार नहीं था कि वे मानवता के विरुद्ध बहुत भयंकर अपराध करने जा रहे हैं? मजहब के नाम पर […]
गद्दारी और राजकुमार जयशाह का आपद्धर्म राजधानी में शत्रु के हमले के प्रति पूर्णतया सावधान होकर बैठे राजा दाहिर सेन अपने वीर सैनिकों के भरोसे शत्रु का सामना करने की तैयारियों में व्यस्त थे। उनके दिशा निर्देशों के अनुसार दोनों राजकुमारियां और राजपरिवार के अन्य सदस्य जनता के बीच जाकर जिस प्रकार देशभक्ति का परिवेश […]