अंकुर सिंह अमेरिका के राष्ट्रपति ने शास्त्री जी को कहा कि अगर युद्ध नहीं रुका तो गेहूं का निर्यात बंद कर दिया जाएगा। फिर, शास्त्री जी ने कहा- बंद कर दीजिए, और फिर अक्टूबर 1965 में दशहरे के दिन दिल्ली के रामलीला मैदान में शास्त्री जी ने देश की जनता को संबोधित किया। दो अक्टूबर […]
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सुनील शास्त्री बाबूजी सारे संसार में शास्त्री जी के नाम से प्रसिद्ध थे। लेकिन घर परिवार में हम सब उन्हें ‘बाबूजी’ कहते थे। यह सम्बोधन धीरे-धीरे घर के नौकर-चाकर और अन्य कर्मचारियों तक की जुबान पर चढ़ गया और इस प्रकार अति निकट सम्पर्कियों में वे बाबूजी ही कहे जाने लगे। वैसे बाबूजी स्वयं व्यक्तिगत […]
स्थितप्रज्ञ और दूसरे के मनोविज्ञान को समझने वाली भारत की राजकुमारियों के ऐसे शब्दों को सुनकर खलीफा क्रोध में पागल हो गया। उसे यह बहुत ही बुरा लगा कि वह जिस ‘भोजन’ को स्वयं ग्रहण करने की तैयारी कर रहा था उसे पहले ही उसका एक व्यक्ति जूठा कर चुका था। उसे लगा कि यदि […]
था लाल बहादुर भारत का, भारत का ऊँचा भाल किया। ‘धरती का पुत्र’ कहाता है, जन-जन को स्वाभिमान दिया।। देश के हित जीना सीखा , देशहित मृत्यु का वरण किया। चेतना में रहा देश धड़कता, ना ध्वज देश का झुकने दिया।। अपमान सहा और कष्ट सहे, जेलें सहीं और मस्त रहे। सर्वोच्च शिखर को पाकर […]
जिस समय रानी लाडी और उनकी वीरांगना सहेलियों ने जौहर कर अपना बलिदान दिया, उस समय राजा दाहिर सेन की दोनों बेटियां सूर्या और परमल अपने जनसेवा और राष्ट्र जागरण के कार्य में लगी हुई थीं। हम पूर्व में भी उनके बारे में यह उल्लेख कर चुके हैं कि ये दोनों महान बेटियां मोहम्मद बिन […]
दो शताब्दी पूर्व , ( सन् १७७८, ई० ) में जन्म लेकर , छह वर्ष की अल्पायु में ही शीतला माता के प्रकोप से दोनों आंखें खो देने वाला अनाथ बालक ब्रजलाल सारे देश की दृष्टि बन जाएगा , यह कौन कह सकता था ? माता – पिता के न रहने पर उचित देखभाल के […]
देशद्रोहियों ने खेला अपना खेल पर यह क्या ? रानी के साथ भी फिर एक बार वही काम हो गया जो अबसे पहले देशद्रोहियों ने राजा और उसकी सेना के साथ किया था । जब रानी इस प्रकार के शौर्य का प्रदर्शन कर रही थी तभी कतिपय देशद्रोहियों और विश्वासघातियों के अरब सेना से […]
युद्धवीर सिंह लांबा शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को फैसलाबाद जिले के जरांवाला तहसील स्थित बंगा गांव में हुआ था। भगत सिंह पंजाब के लायलपुर के जिस बंगा गांव में पैदा हुए वह अब पाकिस्तान में है, जो अब फैसलाबाद कहलाता है। ‘शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले। वतन पर […]
दीपक वर्मा आज किसानों का भारत बंद है। आज शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती भी है। भगत सिंह का नाम पिछले 10 महीनों से जारी किसान आंदोलन में बार-बार गूंजा है। उनके परिवार ने आंदोलन का खुलकर समर्थन किया। आज जयंती पर भगत सिंह याद आ रहे हैं तो दूसरी तरफ किसान आंदोलनरत हैं। दिल्ली […]
* डॉ संजय पंकज *** भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के मुखर और विद्रोही कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ आजादी मिलने के बाद राष्ट्रकवि हो जाते हैं।साहित्य में नैष्ठिक राष्ट्रीयता के तत्व होने से अपनी परंपरा, अपनी भूमि और अपने परिवेश से स्वाभाविक जुड़ाव होता है। शौर्य,साहस, पराक्रम और हुंकार दिनकर के कृतित्व में प्रकृत रूप से समाविष्ट […]