भारत की पुण्य भूमि के विषय में अरबी कवि लवी बिन अख्तर बिन तुरफ़ा ईसा से 1700 – 1800 वर्ष पूर्व कहता है – “हे भारत की प्रशंसित धरती ! तुम सचमुच सम्मान की पात्र हो। क्योंकि परमात्मा ने सच्चे ज्ञान अर्थात वेदों का प्रकाश यहीं पर किया था । ईश्वरीय ज्ञान कही जाने वाली […]
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अंकित सिंह विजया राजे सिंधिया ने 1980 ने भाजपा की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके साथ ही उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष से बनाया गया। जब पार्टी ने राम जन्मभूमि आंदोलन में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई तब विजया राजे सिंधिया ने भी इसको बखूबी आगे बढ़ाते रहीं। जनवरी 2001 में उनकी मृत्यु हो गई। जब […]
विजय कुमार 1947 में रक्षाबन्धन के शुभ अवसर पर लखनऊ में ‘राष्ट्रधर्म प्रकाशन’ की स्थापना हुई, तो नानाजी इसके प्रबन्ध निदेशक बनाये गये। वहां से मासिक राष्ट्रधर्म, साप्ताहिक पांचजन्य तथा दैनिक स्वदेश अखबार निकाले गये। ग्राम कडोली (जिला परभणी, महाराष्ट्र) में 11 अक्तूबर, 1916 (शरद पूर्णिमा) को श्रीमती राजाबाई की गोद में जन्मे चंडिकादास अमृतराव […]
ललित गर्ग लोकनायक जयप्रकाशजी का सबसे बड़ा आदर्श था जिसने भारतीय जनजीवन को गहराई से प्रेरित किया, वह था कि उनमें सत्ता की लिप्सा नहीं थी, मोह नहीं था, वे खुद को सत्ता से दूर रखकर देशहित में सहमति की तलाश करते रहे और यही एक देशभक्त की त्रासदी भी रही थी। हिन्दुस्तान के इतिहास […]
प्रभु कृपा और आप सब के आशीर्वाद से मेरी नई पुस्तक “सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा : भगवान श्री राम” प्रकाशित होकर आ गई है। आशा है आपका आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होगा। लेखकीय निवेदन श्री राम हमारे लिए एक ऐसा व्यक्तित्व है जिन्हें हम भारतवासियों ने बहुत समय से भगवान के रूप में माना और समझा […]
पंडित देवप्रकाश जी मौलवी अलीम फ़ाज़िल का जन्म मुस्लिम परिवार में हुआ था। आपके विचारों से परिवर्तन स्वामी दर्शनानंद जी के उर्दू ट्रैक्ट्स के माध्यम से प्रारम्भ हुआ था एवं स्वामी दयानंद द्वारा रचित अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश ने आपके जीवन कि काया ही पलट दी और आप उसे पढ़ कर आर्य प्रचारक बन गये। […]
———– महान दार्शनिक प्लेटो के शिष्य व सिकंदर के गुरु अरस्तु ने कहा था – “विषमता का सबसे बुरा रूप है विषम चीजों को एक समान बनाने का प्रयत्न करना।” The worst form of inequality is to try to make unequal things equal. एकात्म मानववाद, विषमता को इससे बहुत आगे के स्तर पर जाकर हमें […]
संसार में सफल व्यक्ति किसको कहा जाए ? यदि इस प्रश्न पर विचार किया जाए तो जिस व्यक्ति ने अपने जीवन को जीने के लिए जो उद्देश्य निर्धारित किया यदि वह व्यक्ति अपने उस निर्धारित उद्देश्य को पाने में सफल हुआ तो उसे निश्चय ही सफल माना जाना चाहिए। जीवन को सफल बनाने के लिए […]
राजकुमारियों ने बनाया खलीफा का मूर्ख दमिश्क पहुंचने पर जब दूत ने बोरे में बंद मोहम्मद बिन कासिम को खलीफा के दरबार में प्रस्तुत किया तो पता चला कि वह तो पता नहीं कब का दोजख की आग में जा चुका था। फिर भी खलीफा ने हिन्द की दोनों बेटियों को अपने दरबार में […]
विजय मनोहर तिवारी भालचंद्र दत्तात्रेय खेर और शैलजा राजे ने बहुत पहले सावरकर पर एक किताब लिखी थी, जो वर्ष 2007 में हिंदी में छपकर आई थी। इसका शीर्षक था-“यज्ञ”। मराठी रचनाकार खेर के 100 से ज्यादा उपन्यास हैं। लाल बहादुर शास्त्री और नेताजी सुभाषचंद्र बोस जैसे भारत माता के सच्चे सपूतों पर भी उन्होंने […]