आदर्श शासक महाराजा रणजीत सिंह (आज 13 नवम्बर उनके जन्म दिवस पर विशेष) वे साँवले रंग का नाटे कद के मनुष्य थे। उनकी एक आँख शीतला के प्रकोप से चली गई थी। परंतु यह होते हुए भी वह तेजस्वी थे। आत्मबल का उदाहरण देखना हो तो महाराजा रणजीत सिंह मे देखना चाहिए महाराजा रणजीत सिंह […]
Category: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
१८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम प्रस्तुति – देवेंद्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’ समाचार पत्र) १८५७ का भारतीय विद्रोह, जिसे प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, गुर्जर विद्रोह और भारतीय विद्रोह के नाम से भी जाना जाता है इतिहास की पुस्तकें कहती हैं कि 1857 की क्रान्ति की शुरूआत ’10 मई 1857′ की संध्या को मेरठ मे हुई थी और इसको […]
तुम्हें देखते ही देशद्रोही भाग खड़े हों नींव रखी विनाश की नहीं रहा कुछ ज्ञान। कालचक्र को देखकर हंसते खुद भगवान।। बाल्मीकि जी द्वारा किए गए इस प्रकार के वर्णन से स्पष्ट होता है कि शूर्पणखा इस समय बहुत अधिक भयभीत थी। उसे यह अपेक्षा नहीं थी कि उसके भाई के द्वारा भेजे गए […]
तुम्हें देखते ही देशद्रोही भाग खड़े हों शूर्पणखा का कार्य अनैतिक और अनुचित था। जिसके अनुचित और अनैतिक कार्य का सही फल लक्ष्मण जी ने उसे दे दिया था। इसके पश्चात अब वे परिस्थितियां बननी आरंभ हुईं जो उस कालखंड की ऐतिहासिक क्रांति का सूत्रपात करने वाली थीं। यह घटना राक्षस वंश के लिए ऐसी […]
समुद्र यात्री महर्षि अगस्त्य महावीर प्रसाद द्विवेदी कूपमण्डूकता बड़ी ही अनिष्टकारिणी क्या एक प्रकार से, विनाशकारिणी होती है। मनुष्य यदि अपने ही घर, ग्राम या नगर में आमरण पड़ा रहे तो उसकी बुद्धि का विकास नहीं होता, उसके ज्ञान की वृद्धि नही होती, उसकी दृष्टि को दूरगामिनी गति नहीं प्राप्त होती। देश—विदेश जाने, भिन्न भिन्न […]
राक्षसों के संहारक बनो शूर्पणखा का कार्य अनैतिक और अनुचित था। जिसके अनुचित और अनैतिक कार्य का सही फल लक्ष्मण जी ने उसे दे दिया था। इसके पश्चात अब वे परिस्थितियां बननी आरंभ हुईं जो उस कालखंड की ऐतिहासिक क्रांति का सूत्रपात करने वाली थीं। यह घटना राक्षस वंश के लिए ऐसी घटना सिद्ध हुई […]
जिस समय अकबर कलानौर के दुर्ग में भारत में अपने पिता द्वारा विजित क्षेत्रों का राजा बनाया गया, उस समय आगरा पर सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य (1501-1556 ई.) उपनाम हेमू का शासन था। मां भारती के जिन अमर हुतात्मा वीरों को इतिहास में उनके वीरतापूर्ण कृत्यों से खींझकर मध्यकालीन इतिहासकारों ने इतिहास के कूड़ेदान में फेंककर […]
महर्षि दयानंद ने कितने आर्यसमाज की स्थापना की तथा कितने गुरुकुलों की स्थापना की यह सब इस लेख में उपस्थित है। ( महर्षि स्वामी दयानंद द्वारा आर्य समाज की स्थापनाएं कब और कहां कहां की गई ) दीवान बहादुर हरबिलास शारदा द्वारा रचित, विश्व गुरु स्वामी दयानंद का जीवन चरित्र एवं उनकी शिक्षाएं से यह […]
उगता भारत ब्यूरो भारत में बहुत कम लोग ऐसे हुए हैं जिन्होंने समाज के बेहद साधारण वर्ग से अपने जीवन की शुरुआत कर देश के सबसे पड़े पद को प्राप्त किया। चाहे रेल दुर्घटना के बाद उनका रेल मंत्री के पद से इस्तीफ़ा हो या 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में उनका नेतृत्व या फिर उनका […]
(जन्मदिवस पर विशेष रूप से प्रकाशित) अगर बात करे भारतीय स्वतंत्रता की क्रांति और उन क्रांतिकारियों की जिनकी वजह से देश को आजादी मिली तो इतिहास की रेत में शायद हज़ारों नाम दबे मिले। पर हम सिर्फ कुछ नामों से ही रु-ब-रु हुए हैं। वैसे तो भारत माँ के इन सभी सपूतों के बारे में […]