रामचंद्र जी को भारत के लोगों ने अपनी श्रद्धा और आस्था का केंद्र बनाकर पूजा है। पिछले अध्यायों में हमने इस बात पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है कि वह हमारी श्रद्धा और आस्था के केंद्र क्यों बन गए ? निश्चित रूप से उनका महान व्यक्तित्व ही इसके लिए उत्तरदायीहै । अब इस अध्याय […]
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कबीर तहां न जाइए, जहाँ सिद्ध को गाँव स्वामी कहे न बैठना, फिर फिर पूछे नांव इष्ट मिले अरु मन मिले मिले सकल रस रीति कहैं कबीर तहां जाइए, जंह संतान की प्रीति बाबासाहेब अम्बेडकर के कांग्रेस से जुड़ाव को कबीर के इन दोहों के माध्यम से पुर्णतः प्रकट किया जा सकता है. बाबा […]
हम आभारी हैं इस महानायक के क्योंकि जिस आजाद भारत में हम सांस ले रहे हैं उसकी जड़ को इन बलिदानी महामानवों ने अपने खून से सींचा है शत शत वन्दन. शत शत प्रणाम. परम पिता परमात्मा हमें प्रेरणा दे ताकि हम उस भारत का निर्माण करें जिसका सपना इन्होने देखाथा. खुदीराम जी की बलिदान […]
-अमित सिवाहा वर्ष 1938-39 में हैदराबाद निजाम के विरुद्ध आर्य समाज के सत्याग्रह में भजनोपदेशकों का योगदान चिरस्मरणीय रहेगा। हमारे भजनोपदेशकों ने हरियाणा प्रदेश में फिल्ड मार्शल की भुमिका निभाई। आज कुछ भजनोपदेशकों द्वारा भोगी यातनाओं का विवरण प्रस्तुत कर रहे है। हमारे भजनीकों ने आर्य समाज का प्रचार बेहद विकट परिस्थितियों में करके मिशाल […]
श्रीकृष्ण की दिनचर्या आजकल कथावाचक श्रीकृष्ण जी के बारे मे काल्पनिक कहानियाँ सुनाते हैं। महाभारत मे क्या कहा गया है उनके विषय मे – श्रीकृष्ण जी की प्रातःकालीन दिनचर्या क्या रहती थी, यह महाभारत में वैशम्पायनजी ने जनमेजय से प्रकट की है― ततः शयनमाविश्य प्रसुप्तो मधुसूदनः । याममात्रार्धशेषायां यामिन्यां प्रत्यबुद्ध्यत ।। ‘श्रीकृष्ण आधा प्रहर रात […]
विज्ञान की अमर विभूति जगदीश चंद्र बसु का जन्म 30 नवंबर, 1858 को बिक्रमपुर में हुआ था, जो अब ढाका , बांग्लादेश का हिस्सा है । आपके पिता श्री भगवान सिंह बसु डिप्टी कलेक्टर थे। पेङ-पौधों के बारे में जब उनके सवालों का उत्तर बचपन में स्पष्ट नही मिला तो वे बङे होने पर उनकी […]
महान सावरकर की आलोचना करने वालों को करारा जवाब देता हुआ विशेष लेख। लेखक-जयपाल सिंह हमारे देश में एक विशेष जमात यह राग अलाप रही है, कि जिन्नाह अंग्रेजों से लड़े थे इसलिए महान थे। जबकि वीर सावरकर गद्दार थे, क्यूंकि उन्होंने अंग्रेजों से माफ़ी मांगी थी। वैसे इन लोगों को यह नहीं मालूम कि, […]
मोहनदास करमचंद गांधी
#मोहनदासकगाँधी 1. आप एक काले आदमी लंदन में रहकर बिना किसी परेशानी के गोरो के साथ पढ़ते, होस्टल के एक कमरे में रहते हैं, एक मेस में खाते है फिर अचानक ट्रेन में एक साथ सफर करने में फेंक दिए जाते है? क्यूँ? ये बात कतई हजम नही हुई। 2. फिर आप वही काले भारतीय […]
स्वामी श्रद्धानन्द: एक विलक्षण व्यक्तित्व मूल्य 350 रूपए 584 पृष्ठ सजिल्द भारत में शुद्धि के महानायक स्वामी श्रद्धानन्द . तारीख 23 दिसंबर 1926 । दिल्ली के चांदनी चौक क्षेत्र में दोपहर के समय स्वामी श्रद्धानंद अपने घर में आराम कर रहे थे। वो बेहद बीमार थे। तब वहां पहुंचा एक व्यक्ति। नाम अब्दुल रशीद। उसने […]
जब चंद्रशेखर आजाद की शव यात्रा निकली… देश की जनता नंगे पैर… नंगे सिर चल रही थी… लेकिन कांग्रेसियों ने शव यात्रा में शामिल होने से इनकार कर दिया था एक अंग्रेज सुप्रीटेंडेंट ने चंद्रशेखर आजाद की मौत के बाद उनकी वीरता की प्रशंसा करते हुए कहा था कि चंद्रशेखर आजाद पर तीन तरफ से […]