#डॉविवेकआर्य भारत के स्कूलों में पाठ्यकर्म में जो इतिहास पढ़ाया जाता हैं उससे सभी विद्यार्थियों को यह सिखाया जाता हैं की हमारे देश को आज़ादी केवल और केवल महात्मा गाँधी द्वारा चलाये गये अहिंसा पूर्वक आन्दोलन से मिली थी। यह कहना न केवल उन ज्ञात और अज्ञात हजारों शहीदों का अपमान हैं जिन्होंने न केवल […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
============ भारत देश, इसका धर्म वैदिक धर्म एवं वैदिक संस्कृति संसार में प्राचीनतम हैं। संसार में प्रचलित मत-मतान्तरों को तो यह भी पता नहीं है कि संसार की उत्पत्ति कब, किससे, क्यों व कैसे हुई? इन प्रश्नों के उत्तर वैदिक धर्म के अनुयायी आर्यसमाज के सामान्य बन्धु तथा विद्वान सभी जानते हैं। जो मनुष्य धर्म […]
============ [लेख की भूमिका- हम सन् 1970 व उसके एक दो वर्ष बाद आर्यसमाज के सम्पर्क में आये और सदस्य बने। हमारे सदस्य बनने में मुख्य भूमिका हमारे एक पड़ोसी मित्र श्री धर्मपाल सिंह तथा आर्यसमाज के वरिष्ठ विद्वान प्रा. अनूप सिंह जी की थी। दिनांक 15 अगस्त 2024 को प्रा. अनूपसिंह जी की 80वी […]
(विवेक रंजन श्रीवास्तव – विनायक फीचर्स) सुभद्रा कुमारी चौहान की खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी, हिन्दी के सर्वाधिक पढ़े व गाये गये गीतों में से एक है। यह गीत स्वयं में गीत से अधिक वीर गाथा की एक सच्ची कहानी ही है ! जिसमें कवयित्री ने रानी लक्ष्मीबाई के जीवन के […]
(नेहा बग्गा-विनायक फीचर्स) जब देश और धर्म के लिए जान देने की बारी आती है, तो सच्चा सिख कभी पीछे मुड़कर नहीं देखता। देश को आजादी दिलाने से लेकर देश की सुरक्षा करने तक सबसे ज्यादा बलिदान भी सिखों ने दिया है। सिख गुरुओं के उपदेश और उनके बलिदान को देश कभी नहीं भुला सकता। […]
(कुमार कृष्णन – विनायक फीचर्स) सुरेन्द्रनाथ बनर्जी आधुनिक भारत के अग्रदूतों में से एक थे और ब्रिटिश राज के भीतर स्वशासन के समर्थक थे। उन्होंने देश की आजादी में प्रभावशाली भूमिका निभाई। एक प्रतिष्ठित प्रोफेसर के रूप में करियर शुरू करने से लेकर कांग्रेस के माध्यम से राजनीति में कदम रखने तक, उनका प्रभाव और […]
#डॉविवेकआर्य सत्यानुरागी, धर्मपरायण, अनथक परिश्रमी, निःस्वार्थ सेवी, विद्वान-व्याख्याता, प्रवक्ता, उपदेशक, अधिष्ठाता, भारतीय स्वराज्य आन्दोलन के सहयोगी, त्याग एव तपस्या की प्रतिमूर्त्ति आचार्य रामदेव जी आर्यसमाज एवं गुरुकुल शिक्षा पद्धति के अनन्य प्रचारक थे। स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज ने अगर गुरुकुल रूपी पौधे को लगाया था तो आचार्य रामदेव ने उसे अपने लहू से सींचकर वट […]
लेखक- स्व० श्री पं० चमूपति जी, एम०ए० ऋषि दयानन्द की जन्मभूमि होने का गौरव गुजरात प्रान्त को है। पिता जन्म के ब्राह्मण थे, और भूमिहारी तथा जमीदारी का कार्य करते थे। शिव के बड़े भक्त थे। शिवरात्रि के दिन बालक को मन्दिर में ले गए और उसे उपवास करा जागरण का आदेश दिया। जब […]
सन् १६५९ में शिवाजी महाराज ने अपने एक साथी नेतोजी पालकर को सरनौबत (मराठी घुड़सवार सेना के नायक) के रूप में नियुक्त किया। तब तक शिवाजी महाराज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करते हुए नेतोजी के कर्तृत्व व पराक्रम की ख्याति दूर-दूर तक फैल गई थी और न केवल भारतीय बल्कि यूरोपीय लेखकों […]
============= माना जाता है कि देश 15 अगस्त, 1947 को अंग्र्रेजों की दासता से मुक्त हुआ था। तथ्य यह है कि सृष्टि के आरम्भ से पूरे विश्व पर आर्यों का चक्रवर्ती राज्य रहा। आर्यों वा उनके पूर्वजों ने ही समस्त विश्व को बसाया है। सभी देशों के आदि पूर्वज आर्यावर्तीय आर्यों की ही सन्तानें व […]