भारत रत्न श्रीमती लता मंगेशकर जी के जाने से केवल मैं ही नहीं प्रत्येक भारतीय के मन में जो वेदना और रिक्तता उत्पन्न हुई है उसको शब्दों में वर्णन करना कठिन है। आठ दशक के ऊपर अपनी स्वर वर्षा से भारतीयों के मनों को सिक्त करने वाला, तृप्त करने वाला, शांत करने वाला आनन्द धन […]
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मुकेश मोलवा मालवा की धीर, वीर और रत्नगर्भा धरती की तासिर है जिसने शूरवीर योद्धाओं को जन्म दिया ऐसे ही शूरनायक बख्तावर सिंह भी हुए जिनका जन्म मालवा में हुआ। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में महती भूमिका अदा करने के कारण यह योद्धा पहचाना गया। विक्रम के शौर्य की जननी मालवा की माटी जहां भोज की […]
कविता -31 था लाल बहादुर भारत का, भारत का ऊँचा भाल किया। ‘धरती का पुत्र’ कहाता है, जन-जन को स्वाभिमान दिया।। देश के हित जीना सीखा , देशहित मृत्यु का वरण किया। चेतना में रहा देश धड़कता, ना ध्वज देश का झुकने दिया।। अपमान सहा और कष्ट सहे, जेलें सहीं और मस्त रहे। सर्वोच्च शिखर […]
मृत्युंजय दीक्षित वीर बालक हकीकत राय के बलिदान दिवस (वसंत पंचमी)पर विशेष- भारत की महान धरती ने एक से बढ़कर एक वीर सपूतों को जन्म दिया है जिन्होंने अपनी मातृभूमि व हिंदू धर्म की रक्षा के लिये प्राणों की आहुति देने में भी रंचमात्र चिंता नहीं की । इनमें सपोतों में कुछ ऐसे भी हैं […]
28 जनवरी जन्मदिवस के अवसर पर सादर नमन आर्यसमाज मेरे लिए माता के सामान हैं और वैदिक धर्म मुझे पिता तुल्य प्यारा हैं- लाला लाजपत राय आज़ादी के महानायकों में लाला लाजपत राय का नाम ही देशवासियों में स्फूर्ति तथा प्रेरणा का संचार कराता है। अपने देश धर्म तथा संस्कृति के लिए उनमें जो प्रबल […]
डॉ. शिबैन कृष्ण रैणा भारतीय स्वतंत्रता-आंदोलन में जिन देशप्रेमियों ने अपने प्राणों की आहुतियाँ दीं,उन में से अधिकांश को इतिहासकारों ने इतिहास में स्थान तो दिया और उनके योगदान को रेखांकित भी किया।पर कुछ आजादी के दीवाने ऐसे भी हैं जिनको इतिहास में जगह नहीं मिल सकी। कारण कुछ भी हो सकते हैं, मगर देश […]
ओ३म् ========= श्री प्रकाशचन्द्र कविरत्न जी आर्यसमाज के गीतकारों वा भजन लेखकों में अग्रणीय व एक प्रमुख गीतकार थे। उन्होंने अपने जीवन में सकैड़ों भजनों की रचना की। उनके सभी भजन उच्च कोटि के हैं जिन्हें शास्त्रीय संगीत की मधुर धुनों में प्रस्तुत किया जा सकता है। ‘वेदों का डंका आलम में बजवा दिया ऋषि […]
पूर्वोत्तर के जनजातीय क्षेत्रों में एक लोकोक्ति बड़ी ही प्रचलित है – “सोत पो, तेरह नाती ; तेहे करीबा कूँहिंयार खेती।” अर्थात स्त्री यथेष्ट संख्या में जब बच्चों को जन्म देगी तब ही समाज में खेती सफल होगी। पूर्वोत्तर के हाड़तोड़ श्रम करने वाले समाज में यह कहावत परिस्थितिवश ही जन्मी होगी। इस क्षेत्र में […]
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयंती 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🚩पराक्रम_दिवस🚩🇮🇳🇮🇳🇮🇳 21 अक्टूबर 1943 को सिंगापुर में अस्थायी भारत सरकार ‘आजाद हिन्द सरकार’ की स्थापना की। इस अंतरिम सरकार के रक्षामंत्री व विदेशमंत्री का जिम्मा संभाला। जापान के अलावा 9 देशों की सरकारों ने आजाद हिंद सरकार को अपनी मान्यता दी थी, जिसमें जर्मनी, फिलीपींस, थाईलैंड, मंचूरिया, और क्रोएशिया आदि […]
______________________________________ लगभग आरंभ से ही कम्युनिस्टों को अपनी वैज्ञानिक विचारधारा और प्रगतिशील दृष्टि का घोर अहंकार रहा है। लेकिन अनोखी बात यह है कि इतिहास व भविष्य ही नहीं, ठीक वर्तमान यानी आंखों के सामने की घटना-परिघटना पर भी उनके मूल्यांकन, टीका-टिप्पणी, नीति, प्रस्ताव आदि प्राय: मूढ़ता की पराकाष्ठा साबित होते रहे हैं। यह न […]