डॉ. राकेश मिश्र अपने जीवन में सफ़लता की अनेक सीढियां चढ़ने के बाद पंडित जी ने स्वयं को पूर्ण रूप से देश के प्रति अर्पित कर दिया। 21 अक्टूबर सन् 1951 में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने भारतीय जनसंघ की स्थापना की तो 1951 से 1967 तक वे भारतीय जनसंघ के महामंत्री रहे। अपने उच्च विचारों, […]
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महर्षि दयानन्द सरस्वती कौन थे ? एक ऐसे ब्रह्मास्त्र थे जिन्हे कोई भी पंडित,पादरी,मोलवी, अघंर, ओझा, तान्त्रिक हरा नहीं पाया और न ही उन पर अपना कोई मंत्र तंत्र या किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव छोड़ पाया एक ऐसा वेद का ज्ञाता जिसने सम्पूर्ण भारत वर्ष में ही नहीं अपितु पूरी दुनियां में वेद […]
विष्णु शर्मा 1907 की बात है, ब्रिटेन से छपने वाले सभी अखबारों में ‘विक्ट्री’ डे के सरकारी विज्ञापन छापे, सभी में 1857 के विद्रोह को दबाने के लिए अंग्रेजी सेना को धन्यवाद दिया गया था। पूरे पचास साल जो हो गए थे उस घटना को। 6 मई को लंदन के अखबार ‘डेली टेलीग्राफ’ ने बड़ी […]
दयानन्द-जयंति————- आज़ादी के प्रथम स्वप्न दृष्टा, समाजिक क्रान्ति के अग्रदूत, आर्यसमाज के संस्थापक,नव जागरण के पुरोधा स्वामी दयानन्द सरस्वती की आज 198वीं जयन्ति हैं।कृतज्ञ राष्ट्र का नमन। स्वामी दयानंद ने एक सपना देखा था देश के खोए वैभव को पुनः स्थापित करने का और अपना पूरा जीवन इस मिशन में लगा दिया।ज़िंदगी में 17 बार […]
चन्द्रकांत जोशी भारतीय जनता पार्टी से लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेताओं की इस बात के लिए तारीफ करना होगी कि विगत कई वर्षों से ये कांग्रेसी और कम्युनिस्ट लेखकों द्वारा भारत के गौरवशाली अतीत, परंपरा, मूल्यों और जीवन दर्शन को लेकर लिखे गए कुत्सित व षड़यंत्रकारी लेखों और किताबों का लातार विरोध करते […]
प्रणय कुमार विनायक दामोदर सावरकर यानी स्वातंत्र्यवीर सावरकर पर एक विचारधारा विशेष के लोग आरोप लगाते रहे हैं| उनका आरोप है कि वीर सावरकर ने तत्कालीन ब्रितानी हुकूमत से माफ़ी माँगी थी और उनकी शान में क़सीदे पढ़े थे। यद्यपि राजनीतिक क्षेत्र में आरोप लगाओ और भाग जाओ की प्रवृत्ति प्रचलित रही है।उसके लिए आवश्यक […]
4-2-2022 *उत्तम गुरु जी बहुत सौभाग्य से ही मिलते हैं* मेरा परिचय पूज्य गुरुदेव श्री स्वामी सत्यपति जी महाराज से लगभग ईस्वी सन् 1977 में हुआ। लगभग 3-4 वर्ष तक लगातार मैं उनके सत्संग में रहा। उन दिनों मैं गीत संगीत के माध्यम से वेद प्रचार करता था। *हमारे परिवार की वैदिक पृष्ठभूमि को देखते […]
रमेश शर्मा पूरी दुनियाँ में भारत का अतीत विशिष्ट है । शोध अनुसंधान और साँस्कृतिक विरासत में ही नहीं अपितु आक्रांताओं के अत्याचार, दासत्व की लंबी अवधि और स्वतंत्रता संघर्ष की आहुतियों में भी । लगभग हजार वर्ष के संघर्ष और अपने प्राणों की आहुति देने वालों के आकड़े करोड़ों में हैं । उनमें अधिकाँश […]
– मुरली मनोहर श्रीवास्तव अजीब दास्तां है ये कहां शुरु खत्म, ये मंजिले हैं प्यार की न हम समझ सके न तुम….इस गाने के बोल मानों दिल को छू जाती है। एक वाक्य़ा शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां साहब की मुझे याद है अक्सर वो भारत रत्न लता मंगेशकर साहिबा को कहते थे, कि बहन […]
सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर अब इस दुनिया में नहीं रहीं। 6 फरवरी, 2022 को उनका निधन हो गया। ये तो कई लोगों को पता है कि मंगेशकर परिवार के वीर विनायक दामोदर सावरकर से काफी अच्छे रिश्ते थे। लेकिन, ये कम ही लोगों को पता है कि कैसे ‘ऑल इंडिया रेडियो (AIR)’ ने लता मंगेशकर […]