आज आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज की जयंती है। वैदिक तिथियों के अनुसार आज ही के दिन 1824 में उनका जन्म हुआ था । उनके क्रांतिकारी जीवन के अनेकों प्रसंग व प्रकरण हैं। जिन पर लिखते, सोचते और विचारते हुए अनेकों ग्रंथ तैयार हो सकते हैं। इसलिए उनके जीवन को किसी […]
Category: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
मुझे यह जानकार दुःख हुआ कि अम्बेडकरवादी लगातार अपने लेखों में तिलक जी के लिए अत्यन्त अपमानजनक भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं कि माँ भारती के इस सपूत ने कितना बड़ा कार्य किया था. आज अपनी ओर से कुछ भी ना लिखकर अन्य महापुरुषों के उदगार दे […]
मृत्युंजय दीक्षित सन् 1642 में रायरेश्वर मंदिर में कई नवयुवकों ने शिवाजी के साथ स्वराज्य की स्थापना करने का निर्णय लिया। सर्वप्रथम तोरण का दुर्ग जीता। उसके बाद उनका एक के बाद एक विजय अभियान चल निकला। 15 जनवरी 1656 को सम्पूर्ण जावली, रायरी सहित आधा दर्जन किलों पर कब्जा किया। महाराष्ट्र के ही नहीं […]
मृत्युंजय दीक्षित (19 फरवरी शिवाजी जयंती पर) महाराष्ट्र के ही नहीं अपितु पूरे भारत के महानायक -वीर छत्रपति शिवा जी महाराज। एक अत्यंत कुशल महान योद्धा और रणनीतिकार थे। वीर माता जीजाबाई के सुपुत्र वीर शिवा जी का जन्म ऐसे समय में हुआ था जब महाराष्ट्र ही नहीं अपितु पूरा भारत मुगल आक्रमणकारियों की बर्बरता […]
पंकज जायसवाल यह एक महान योद्धा और एक ऐसे नेता को उनकी जयंती पर याद करने का समय है, जिनके पास असाधारण गुण थे जिनकी तुलना किसी और के साथ नही की जा सकती। शक्तिशाली, सनातन धर्मी, दृढ़निश्चयी, अपनत्व का प्रतीक, व्यावहारिक, सक्रिय, शुद्ध और धैर्यवान यह कुछ गुण हैं। जब हिंदुओं ने आत्मविश्वास, आशा […]
उगता भारत ब्यूरो ये समय था 15 फरवरी अ और वर्ष था 2010 . स्थान था पश्चिम बंगाल जहां पर आज CBI को बंधक बना लिया जाता है और भारतीय सेना की मौजूदगी का विरोध किया जाता है .. क्षेत्र था मिदनापुर का जो वामपंथी शासन में नक्सलवाद का गढ़ बन चुका था.. इनसे लड़ने […]
मृत्युंजय दीक्षित 16 फरवरी पर विशेष हिंदू समाज को छुआछूत जैसी घृणित परम्परा से मुक्ति दिलाने वाले महान संत रविदास का जन्म धर्मनगरी काशी के निकट मंडुआडीह में संवत 1433 में हुआ था। संत रविदास के पिता का नाम राघव व माता का नाम करमा था। जिस दिन उनका जन्म हुआ उस दिन रविवार था […]
ललित गर्ग स्वामी दयानन्द सरस्वती ने न केवल धर्मक्रांति की बल्कि परतंत्रता में जकड़े देश को आजादी दिलाने के लिये राष्ट्रक्रांति का बिगुल भी बजा दिया। इसके लिये उन्होंने हरिद्वार पहुँच कर वहां एक पहाड़ी के एकान्त स्थान पर अपना डेरा जमाया। महापुरुषों की कीर्ति किसी एक युग तक सीमित नहीं रहती। उनका लोकहितकारी चिन्तन […]
डाॅ. अशोक आर्य भारतीय संस्कृति महान् है, जिसने पुरुष से भी अधिक नारी को सम्मान दिया है । भारत में अनेक विदुशी नारियां हुई हैं, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में पुरुष से भी आगे बढकर कार्य किया है । जब – जब पुरुष से प्रतिस्पर्धा का समय आया , नारियों ने स्वयं को उनसे आगे सिद्ध […]
डाॅ. अशोक आर्य भारतीय नारियों ने इस देश पर आये संकट काल में सदा ही आगे बढकर कार्य किया है । इसने न केवल पुरूषों के कन्धे से कन्धा मिलाकर कार्य किया है अपितु अनेक बार तो पुरुष से भी आगे निकल कर देश के लिए बलिदान दिया है । एसी नारियों में ही छत्रपति […]