प्रह्लाद सबनानी 23 मार्च, 2022 से अमर शहीद हेमू कालाणी का जन्म शताब्दी वर्ष प्रारम्भ हो रहा है इतिहास गवाह है कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में वीर सेनानियों ने, मां भारती को अंग्रेजों के शासन से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से, देश के कोने कोने से भाग लिया था। इन वीर सेनानियों में […]
Category: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
गांधी के कुटिल राष्ट्र घातक चिंतन कुविचारो का सर्वप्रथम वैचारिक बौद्धिक वध भगत सिंह ने ही किया। ___________________________________________ आर्य सागर खारी✍✍✍✍ मोहनदास करमचंद गांधी हाड मास का पुतला ही नहीं जैसा भौतिक विज्ञानी अल्बर्ट आइंस्टाइन ने उनके विषय में कहा था। गांधी अनेक दुर्गुण दोषो का भी पुतला थे। गांधी को परनिंदा करने में बहुत […]
(23 मार्च भगत सिंह के बलिदान दिवस के अवसर पर प्रकाशित) ‘मैं नास्तिक क्यों हूँ? शहीद भगत सिंह की यह छोटी सी पुस्तक वामपंथी, साम्यवादी लाबी द्वारा आजकल नौजवानों में खासी प्रचारित की जा रही है, जिसका उद्देश्य उन्हें भगत सिंह के जैसा महान बनाना नहीं अपितु उनमें नास्तिकता को बढ़ावा देना है। कुछ लोग […]
_______________ उन्हें यह फ़िक्र है हरदम, नयी तर्ज़-ए-ज़फ़ा क्या है? हमें यह शौक है देखें, सितम की इन्तहा क्या है? “अब तो मर कर ही ये उल्फत जाएगी मेरी मिट्टी से खुशबू -ए – वतन आएगी” गौतम बुध नगर की भूमि धन्य हो गई भारत माता के अमर सपूत शहीदे आजम भगत सिंह को शरण […]
_ ___________________________ भगत सिंह ना केवल एक महान देशभक्त , क्रांतिकारी थे अपितु वह बुद्धिमता की खान भी थे| बचपन से ही वे पुस्तकों में खोए रहते थे लाला लाजपत राय द्वारा स्थापित किया गया पुस्तकालय द्वारकादास लाइब्रेरी जैसे उनका घर बन गया था| उनके साथी बताते थे कि किस तरह हर समय उनके कुर्ते […]
डॉ.विवेकआर्य महाराजा सह्याजी राव गायकवाड़ आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती के शिष्य थे। स्वामी दयानन्द द्वारा “सत्यार्थप्रकाश” में बालक बालिकाओं की शिक्षा के सम्बन्ध में दिए दिशा निर्देशों को महाराजा जी ने अनुसरण किया था। स्वामी जी लिखते हैं- “आठ वर्ष के हों तभी लड़कों को लड़कों की और लड़कियों को लड़कियों की […]
अशोक मधुप 1857 की क्रांति का बड़ा नाम “साहेब-ए-आलम बहादुर” (लॉर्ड गवर्नर जनरल) जनरल बख्त खान हैं। वे इस क्रांति के यज्ञ में बरेली से आहुति देने निकले। उन्होंने दिल्ली में अंग्रेजों के विरूद्ध संघर्ष का नेतृत्व किया। दिल्ली पतन के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। आजादी के अमृत महोत्सव में बिजनौर का लाल […]
20 वीं शताब्दी के आरंभ में हमारे देश में न केवल आज़ादी के लिए संघर्ष हुआ अपितु सामाजिक सुधार के लिए भी बड़े-बड़े आन्दोलन हुए। इन सभी सामाजिक आन्दालनों में एक था शिक्षा का समान अधिकार। प्रसिद्द समाज सुधारक स्वामी दयानंद द्वारा अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश में उद्घोष किया गया कि राजा के पुत्र से […]
सहदेव समर्पित स्वामी भीष्म जी का जन्म 7 मार्च 1859 ई0 में कुरुक्षेत्र जिले के तेवड़ा ग्राम में श्री बारूराम पांचाल के गृह मेें हुआ था। बचपन में इनका नाम लाल सिंह था। इनकी बचपन से ही अध्ययन में रूचि थी। आपने 11 वर्ष की आयु में गाना शुरु कर दिया था और उस समय […]
🌈 *_बाबासाहेब ने चेता दिया था इस्लाम से खतरे को तथापि आज मद के नशे में चूर उनके अनुयाई कर रहे उन्ही की बेकद्री_* जय भारत जय हिंदू *विवेक दर्शन* पत्रिका प्रताप सिंह भारत रत्न डा. भीमराव अम्बेडकर (1891-1956 ई.) का भारतीय जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान रहा है। वह भारतीय संस्कृति के […]