-प्रियांशु सेठ (आज 18 जून, महारानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि पर विशेष रूप से प्रकाशित) स्वराज्य की रक्षा में अपना सर्वस्व निछावर कर देने वाली महारानी लक्ष्मीबाई के जीवन की स्मृतियों का स्मरण कर प्रत्येक देशप्रेमियों का मन पुलकित हो उठता है। उनकी जीवनी से हम इस बात की प्रेरणा ग्रहण करते हैं कि यदि स्वराज्य […]
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जिनकी रक्तवाह्नियो में सनातन धर्म प्रवाहित होता है उनके समक्ष आयु सीमा का कोई बन्धन नही होता। हम बात कर रहे हैं भदरी रियासत के बड़े महाराज राजा उदय प्रताप सिंह जी की जिनकी आयु लगभग 89 वर्ष की हो चुकी है । इस आयु में ज्यादातर सनातनी अपने पारिवारीक व सामाजिक दायित्वों से दूर […]
उगता भारत ब्यूरो आज बन्दा बैरागी का बलिदान दिवस है। कितने हिन्दू युवाओं ने उनके अमर बलिदान की गाथा सुनी है? बहुत कम। क्योंकि वामपंथियों द्वारा लिखे गए पाठ्यक्रम में कहीं भी बंदा बैरागी का भूल से भी नाम लेना उनके लिए अपराध के समान है। फिर क्या वीर बन्दा वैरागी का बलिदान व्यर्थ जाएगा […]
राजिंदर सिंह (इतिहास निर्माण करने वाली घटना) गुरु गोविन्द सिंह एक ऐसे सामर्थ्यवान् व्यक्ति की खोज करने लगे जिसको वे भावी नेतृत्व सौंप सकें। अपने दीवानों और सभासदों से विचार-विमर्श करने के बाद उन्होंने नान्देड़ के एक आश्रम में वर्षों से रह रहे वैरागी माधोदास को नेतृत्व सौंपने का मन बना लिया। भट्ट स्वरूप सिंह […]
उगता भारत ब्यूरो (11 जून को अमर बलिदानी रामप्रसाद जी के जन्मदिवस पर विशेष रूप से प्रचारित) पं. रामप्रसाद बिस्मिल जी का जन्म उत्तरप्रदेश में स्थित *शाहजहांपुरा* में 11 जून 1897 ई. को हुआ था। इनके पिता का नाम *मुरलीधर* तथा माता का नाम *मूलमती* था। इनके घर की आर्थिक अवस्था अच्छी नहीं थी। बालकपन […]
स्वामी ओमानन्द सरस्वती पं. जगतराम का जन्म हरयाणा जिला होशियारपुर के नगमापरू नाम के कस्बे में हुआ। आप सदैव प्रसन्नवदन और मस्त रहते थे। मैट्रिक पास करके दयानन्द कालेज लाहौर में प्रविष्ट हुए , किन्तु परीक्षा देने से पूर्व आप उच्च शिक्षा प्राप्त करने के विचार से अमेरिका पहुंच गए। वहां पहुंचने पर देशभक्त ला० […]
डा. राधे श्याम द्विवेदी 1857 के स्वतंत्रता आन्दोलन में बस्ती मण्डल का योगदान सामान्य ही रहा। जिस समय यह जिला बना था उस समय यह गोरखपुर का भाग था। इसका कोई नागरिक केन्द्र नहीं था। इसके इतिहास को गोरखपुर के इतिहास से अलग करके नहीं देखा जा सकता है साथ ही गोण्डा एवं फैजाबाद से […]
_________________________________________ सोचिए फांसी से पूर्व अच्छे-अच्छे की मानसिक स्थिति बिगड़ जाती है लेकिन बिस्मिल देशभक्ति ओज वीर रस से युक्त रचनाएं रच रहे हैं| इससे यह पता चलता है बिस्मिल कितने परिपक्व मानसिक तौर पर मजबूत थे| रामप्रसाद बिस्मिल महान क्रांतिकारी होने के साथ-साथ उच्च कोटि के साहित्यकार शायर भी थे उनकी रचनाएं मातृभूमि को […]
“जिन्हें हम हार समझे थे गला अपना सजाने को, वही अब नाग बन बैठे हमारे काट खाने को!” (राम प्रसाद बिस्मिल) आज शहीद अमर क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल का 122 वा जन्मदिवस है.. बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि सार्थक अर्थों में बिस्मिल को तब ही समर्पित होगी जब रामप्रसाद बिस्मिल की आत्मकथा देश के […]
(6 जून 1674 को वीर छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक हुआ था। शिवाजी के सिंघासन आरोहण का प्रभाव अगली एक शताब्दी तक हम पूरे भारत में देखते है जब मराठा शक्ति पूरे भारत पर छा गई। आज शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के उपलक्ष में यह ऐतिहासिक लेख प्रकाशित किया जा रहा हैं। -डॉ विवेक आर्य) भारतीय […]