स्वतंत्रता सेनानी विरांगना दुर्गावती वोहरा साक्षात्कार के दौरान प्रश्नोत्तर पुन्यतिथि पर शत शत नमन भारत की आजादी के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना अंग्रेजो से लड़ने वालों में महिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का भी विशेष महत्व है। देश की आजादी की लड़ाई के लिए महिलाओं ने खुद को बलिदान कर दिया था। झांसी […]
Category: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
आज हम वाल्मीकि जी की जयंती मना रहे हैं । जिन्हें संसार का आदि कवि कहा जाता है। इन्होंने रामायण जैसा पवित्र ग्रंथ लिखकर मानवता की अपूर्व सेवा की। कालांतर में जब हमारे देश में छुआछूत की बीमारी बढ़ी तो एक वर्ग विशेष को हमने अछूत मान लिया। यद्यपि उसे वर्ग के लोग भारतीय धर्म […]
आ सिंधु-सिंधु पर्यन्ता, यस्य भारत भूमिका l पितृभू-पुण्यभू भुश्चेव सा वै हिंदू रीति स्मृता ll इस श्लोक के अनुसार “भारत के वह सभी लोग हिंदू हैं जो इस देश को पितृभूमि-पुण्यभूमि मानते हैं” वीर दामोदर सावरकर के इस दर्शन को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का मूलाधार बनाकर संघ का संगठन, संस्थापना करने वाले डॉ. केशव […]
● एक ब्रह्मास्त्र थे, जिन्हें कोई भी पंडित, पादरी, मौलवी, अघोरी, ओझा, तान्त्रिक हरा नहीं पाया और न ही उन पर अपना कोई मंत्र, तंत्र या किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव छोड़ पाया । ● वेद के ज्ञाता थे, जिसने सम्पूर्ण भारत वर्ष में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में वेद का डंका बजाया […]
श्याम जी कृष्ण वर्मा का जन्म 4 अक्टूबर 1857 को गुजरात के मांडवी (कच्छ) जिले में हुआ था। वे एक मेधावी, तेजस्वी, संस्कृत के विद्वान तथा देशप्रेमी व्यक्ति थे। उन्होंने वकालत पास करने के पश्चात् कुछ समय अजमेर में प्रैक्टिस की। उनकी योग्यता को देखकर रतलाम के महाराजा ने उनको अपने राज्य का दीवान नियुक्त […]
लेखक- प्रियरत्न शास्त्री प्रस्तुतकर्ता- प्रियांशु सेठ गवर्नमेन्ट! प्राचीन काल में यह प्रथा थी कि जब राजा अन्याय पर तुल जाता या भ्रान्त हो जाता था तो संन्यासिवृन्द और उच्च कोटि के ब्राह्मण राजा को उपदेश कर के सीधे मार्ग पर लाते थे। राजा लोगों को भी उनकी उपदिष्ट धर्म-पद्धति पर चलना पड़ता था क्योंकि उन्होंने […]
कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल ~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल बापू के रुप में जन-जन में बसे महात्मा गाँधी स्वतन्त्रता आन्दोलन के महानायक के साथ ही हिन्दू-धर्म संस्कृति, परम्पराओं तथा धार्मिक पौराणिक ग्रन्थों और लोकमान्यताओं से गहरे जुड़े हुए थे। उनकी हिन्दुत्व के प्रति अगाध श्रध्दा का अन्दाजा हम -आप इसी से लगा सकते हैं कि – प्राणान्त के […]
जन्म: 4 अक्टूबर 1857, मांडवी, कच्छ, गुजरात स्वामी दयानंद सरस्वती का साहित्य पढ़ने के बाद श्यामजी कृष्ण वर्मा उनके राष्ट्रवाद और दर्शन से प्रभावित होकर पहले ही उनके अनुयायी बन चुके थे। स्वामी दयानंद सरस्वती की प्रेरणा से ही उन्होंने लन्दन में ‘इंडिया हाउस’ की स्थापना की थी जिससे मैडम कामा, वीर सावरकर, वीरेन्द्रनाथ चटोपाध्याय, […]
============ देश की आजादी के लिये अपने जीवन का बलिदान देने वाले ठाकुर रोशन सिंह जी का जन्म बसन्त पंचमी सन् 1891 को ग्राम नवादा जिला शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश के एक राजपूत जागीरदार परिवार में हुआ था। सन् 1901 में उन्होंने ग्राम में ही कक्षा चार पास कर ली थी। रोशन सिंह जी का 13 […]
नेहरू जी के समर्थक उनको ‘बेताज का बादशाह’ कहा करते थे। उनके समर्थक ‘गोदी मीडिया’ के पत्रकारों ने उन्हें इसी प्रकार स्थापित भी किया था। तब कहीं किसी ने यह नहीं कहा था कि ‘ बेताज का बादशाह ’ शब्द अपने आप में तानाशाही प्रवृत्ति को प्रकट करता है। जिसमें शासक की स्वेच्छाचारिता ,निरंकुशता और […]