लोग कहें ले ली आजादी चला चला कर चरखा. आजादी लाने वाले तो सौदा कर गए सर का. उलटे घुटने कर के ये जब चरखा चलाया करते. इक अंगुली के द्वारा तकली खूब घुमाया करते. उसी समय वो शेर सिंघापुर बम बरसाया करते. आजाद हिंद सेना में खून से नाम लिखाया करते. निकले पीछे फेर […]
Category: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
कांग्रेस लाने वाली थी क्रांतिकारियों के लिए निंदा प्रस्ताव संघ की नीति के अनुसार, डॉ हेडगेवार ने व्यक्तिगत तौर पर अन्य स्वयंसेवकों के साथ इस सत्याग्रह में भाग लेने का निर्णय लिया। और संघ कार्य अविरत चलता रहे इस हेतु उन्होंने सरसंघचालक पद का दायित्व अपने पुराने मित्र डॉ परांजपे को सौंप कर बाबासाहब आप्टे […]
अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-4 – नरेन्द्र सहगल – स्वधर्म और स्वराज के लिए 1857 में हुए देशव्यापी स्वतंत्रता संग्राम के बाद स्वतंत्र भारतीय गणतंत्र की स्थापना के लिए वासुदेव बलवंत फड़के द्वारा की गई सशस्त्र बगावत ने भारतीयों को अंग्रेजी शासकों के विरुद्ध हथियार उठाकर संघर्ष करने की ना […]
कांग्रेस लाने वाली थी क्रांतिकारियों के लिए निंदा प्रस्ताव लगता है पूर्व में की गयी भविष्यवाणियां धीरे-धीरे सत्यापित होने जा रही है, जिसका अनेक बार अपने लेखों में चर्चा करता रहा हूँ। खैर, कांग्रेस, वामपंथियों और इनके समर्थक छद्दम धर्म-निरपेक्षों ने भारत के जिस वास्तविक इतिहास को धूमिल कर अपना ही गुणगान किया जा रहा था। लेकिन […]
अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-2 – नरेन्द्र सहगल – सात समुद्र पार से आए ईसाई व्यापारियों की निरंकुश सत्ता को जड़ मूल से समाप्त करने के लिए 1857 में समस्त देशवासियों ने जाति-मजहब से ऊपर उठकर राष्ट्रव्यापि सशस्त्र संघर्ष का बिगुल बजा दिया। मंगल पांडे, नाना साहब पेशवा, कुंवर सिंह, […]
अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-1 – नरेन्द्र सहगल – परतंत्रता के विरुद्ध निरंतर एक हजार वर्षों तक सशस्त्र संघर्ष करने के फलस्वरूप अंततः हमारा अखंड भारतवर्ष दो भागों में विभाजित होकर ‘स्वतंत्र’ हो गया। गुलामी की जंजीरों को तोड़ डालने के लिए कश्मीर से कन्या कुमारी तक भारत के प्रत्येक […]
मन मोहन कुमार आर्य सृष्टि का आरम्भ तिब्बत से हुआ। ईश्वर ने वेदो का ज्ञान सृष्टि की आदि में चार ऋषियों अग्नि, वायु , आदित्य व अंगिरा व उनके माध्यम से सभी मनुष्यों को प्रदान किया। इन मनुष्यो को ‘‘आर्य ’’ नाम की संज्ञा दी गई । बाद में गुण, कर्म, स्वभाव व भौगोलिक कारणो […]
—————————————— ऋषि दयानन्द के जीवन, कार्यों तथा उनके विचारों पर अनेक भारतीय तथा पाश्चात्य लेखकों ने समय-समय पर अपनी लेखनी चलाई है। पाश्चात्य लेखकों की कुछ सीमाएँ तथा पूर्वाग्रहग्रस्त दृष्टि अवश्य रही है, जबकि भारत के कुछ ऐसे लेखकों और विश्लेषकों ने, जो आर्यसमाज से औपचारिक रूप से कभी सम्बद्ध नहीं रहे, अपनी-अपनी दृष्टि और […]
शचिनद्रनाथ सान्याल चंद्रशेखर आजाद का क्रांतिकारी जीवन का केंद्र बिंदु झांसी रहा था ! जहाँ क्रांतिकारियों में उनके २-3 करीबियों में से एक सदाशिव राव मलकापुरकर रहते थे ! चंद्रशेखर आजाद अपने जीवन में बहुत अधिक गोपनीयता रखते थे इस कारण वह आजीवन कभी भी पुलिस द्वारा पकडे नहीं गए थे ! उन्हें इसका अहसास […]
उगता भारत ब्यूरो ऊधमसिंह का जन्म ग्राम सुनाम ( जिला संगरूर, पंजाब) में 26 दिसम्बर, 1899 को सरदार टहलसिंह के घर में हुआ था। मात्र दो वर्ष की अवस्था में ही इनकी माँ का और सात साल का होने पर पिता का देहान्त हो गया। ऐसी अवस्था में किसी परिवारजन ने इनकी सुध नहीं ली। […]