स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज का नाम आते ही एक अजेय वीर और आर्य योद्धा संन्यासी का चित्र अनायास ही आंखों के सामने आ जाता है। अपनी पराक्रम शक्ति के कारण स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज अंग्रेजों के लिए उस समय सचमुच अजेय हो गए थे। जिन्होंने दिल्ली के चांदनी चौक में एक विशाल जुलूस का नेतृत्व […]
Category: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
(मेरी डायरी का एक पृष्ठ – शिव वर्मा) अशफाक और बिस्मिल का यह शहर कालेज के दिनों में मेरी कल्पना का केन्द्र था । फिर क्रान्तिकारी पार्टी का सदस्य बनने के बाद काकोरी के मुखविर की तलाश मे काफी दिनों तक इसकी धूल छानता रहा था। अस्तु, यहाँ जाने पर पहली इच्छा हुई विस्मिल की […]
लेखक आर्य सागर खारी ✍️ (लेखक द्वारा 3 वर्ष पूर्व तत्कालीन ज्वलंत परिस्थितियों के लिए लिखा गया लेख जो आज भी प्रासंगिक है) आज देश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उपद्रवी मुसलमान युवक देश की संपत्ति को जला रहे हैं पत्थर मारकर राहगीरों को घायल कर रहे हैं … पढ़ा लिखा अनपढ़ मुसलमान समझने […]
(रामप्रसाद बिस्मिल दवारा लिखी गई आत्मकथा से साभार) ब्रह्मचर्य व्रत का पालन वर्तमान समय में इस देश की कुछ ऐसी दुर्दशा हो रही है कि जितने धनी तथा गणमान्य व्यक्ति हैं उनमें 99 प्रतिशत ऐसे हैं जो अपनी सन्तान-रूपी अमूल्य धन-राशि को अपने नौकर तथा नौकरानियों के हाथ में सौंप देते हैं । उनकी जैसी […]
डा. राधे श्याम द्विवेदी कमलापति कल्याण गुणामृत निषेवया। पूर्ण कामाय सततम् पूर्णाय महते नमः ॥ सनातन धर्म श्री सम्प्रदाय के आचार्यों की श्रृंखला में दक्षिणभारत के पेरिय नम्बि परांकुशदास महापूर्णस्वामीजी के बारे में कतिपय सूचनाओं से अवगत कराएंगे। सनातन अर्थात श्री सम्प्रदाय के आचार्यों की श्रृंखला में दक्षिण भारत के आचार्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा […]
19 दिसंबर-बलिदान दिवस 🎯नशा छोङ राष्ट्र भक्त कैसे बने🌷 पं० रामप्रसाद बिस्मिल जी का जन्म उत्तरप्रदेश में स्थित शाहजहांपुरा में 11 जून 1897 ई. को हुआ था। इनके पिता का नाम मुरलीधर तथा माता का नाम मूलमती था। इनके घर की आर्थिक अवस्था अच्छी नहीं थी। बालकपन से ही इन्हें गाय पालने का बड़ा शौक […]
राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ भारतीय क्रांतिकारी स्वाधीनता आंदोलन के एक ऐसे व्यक्तित्व हैं जिनके नाम से ही क्रांति की मचलन अनुभव होने लगती है। जब वे स्वयं और उनके साथी क्रांति के माध्यम से देश को स्वाधीन करने के महान कार्य में लगे हुए थे तब पूरा देश अपने इन महान क्रांतिकारियों के पीछे खड़ा था। […]
स्वामी श्रद्धानंद की भारतीय हिंदू शुद्धि सभा और हिंदू महासभा (यह लेख पूर्व में प्रकाशित हो चुका है लेकिन समय अनुकूल देखकर इसे पुणे प्रकाशित किया जा रहा है) बलिदान दिवस 23 दिसंबर पर विशेष शुद्धि आंदोलन में स्वामी श्रद्धानन्द (1856- 1926) का स्थान अमर है। आगरा में 13 फरवरी,1923 की क्षत्रिय उपकारिणी सभा की […]
अन्तिम समय की बातें आज 16 दिसम्बर 1927 ई० को निम्नलिखित पंक्तियों का उल्लेख कर रहा हूँ, जबकि 19 दिसम्बर 1927 ई० सोमवार (पौष कृष्णा 11 सम्वत् 1984 वि०) को 6 बजे प्रातःकाल इस शरीर को फाँसी पर लटका देने की तिथि निश्चित हो चुकी है। अतएव नियत समय पर इहलीला संवरण करनी होगी। यह […]
जब-जब मजबूत और अखंड भारत के बाद आएगी तब तक पर लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का जिक्र जरूर आएगा। देश को एकता और अखंडता के सूत्र में पिरोने वाले पहले उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल अपने मजबूत संकल्प शक्ति के लिए हमेशा जाने गए। वह सरदार पटेल ही थे जिन्होंने बिखरे भारत को एक […]