आज देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि है। इस तिथि को लेकर भी कई प्रकार के वैसे ही प्रश्न हमारे मन मस्तिष्क में हर वर्ष उभरते हैं जैसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु को लेकर उनकी तथाकथित मृत्यु तिथि 18 अगस्त पर उभरते हैं। उस समय के सोवियत संघ के […]
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नारद का मोह
नारद का मोह प्रचलित कथा : एक कथा का वर्णन गोस्वामी तुलसीदास जी अपने ग्रन्थ रामचरित मानस के बालकाण्ड में करते है जो वास्तव में उनके इस ग्रन्थ की आधारशिला है। लिखा है कि एक समय महर्षि नारद को अभिमान हो गया कि वे महान इन्द्रियजीत हैं क्योंकि कामदेव का उन पर कोई प्रभाव नहीं […]
* आर्य सागर खारी🖋️ 1927 में ब्रिटेन तथा साम्राज्यवादी शक्तियों ने पराधीन भारत की छवि को बदनाम करने के लिए… कुख्यात अमेरिकी पत्रकार लेखक कैथरीन मेओ को भारत के विषय में दुष्प्रचार करने के लिए किताब लिखने के लिए प्रोत्साहित किया… यह महिला पत्रकार भारत में 6 महीने रही मात्र 6 महीने में भारत जैसे […]
स्वामी दयानंद जी महाराज द्वारा रचित अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश का सबसे अधिक प्रचार आर्यसमाज से सम्बन्ध रखने वाले सदस्यों की अपेक्षा आर्यसमाज से सम्बन्ध न रखने वाले जनमानस ने अधिक किया हैं चाहे वह सनातन धर्म,सिख ,कबीर पंथी,जैन, बौद्ध,सिख, ईसाई, इस्लाम आदि किसी भी मत से क्यूँ न सम्बंधित हो। सत्यार्थ प्रकाश के खंडन […]
======== ऋषि दयानन्द महाभारत के बाद विगत लगभग पांच हजार वर्षों में वेदों के मंत्रों के सत्य अर्थों को जानने वाले व उनके आर्ष व्याकरणानुसार सत्य, यथार्थ तथा व्यवहारिक अर्थ करने वाले ऋषि हुए हैं। महाभारत के बाद ऐसा कोई विद्वान नहीं हुआ है जिसने वेदों के सत्य, यथार्थ तथा महर्षि यास्क के निरुक्त ग्रन्थ […]
25 दिसम्बर, महामना के पुण्य स्मरण का दिवस…. महामना मदन मोहन मालवीय जी का जन्मदिवस. जिन्होंने देश, सनातन, हिंदुत्व हेतु अविस्मरणीय कार्य किये. गंगा जी स्वच्छता अभियान की शुरूआत उनके ही हाथों से हुई थी. चौरी-चौरा कांड में अंग्रेजों का थाना जलाने वाले भारतीयों का मुकदमा मालवीय जी ने ही लड़ा था. जिसमें उन्होंने करीब […]
यह टुटा फूटा सा उद्धम सिंह का स्मारक है, हमारे देश अपनी जान देने वाले का। यही स्थान उनका पुश्तैनी घर था. पंजाब में संगरूर जिले के सुनाम गांव में 26 दिसंबर 1899 में जन्मे ऊधम सिंह ने जलियांवाला बाग में अंग्रेजों द्वारा किए गए कत्लेआम का बदला लेने की प्रतिज्ञा की थी जिसे उन्होंने […]
परम पूज्यनीय श्री गुरुजी की राष्ट्र निर्माण दृष्टिकोण समझने और समझाने के लिए यह तर्कसंगत होगा कि सर्वप्रथम हम उस प्रेरणा पूंज, प्रकाश स्त्रोत और आभामंडल को स्पर्श करें, जहां से श्री गुरु जी के चिंतन को पृष्ठ पोषण मिला है। श्री गुरु जी की राष्ट्र निर्माण दृष्टि का सिंहावलोकन करते समय अनेक अवसर पर […]
(स्वामी श्रद्धानन्द बलिदान दिवस पर विशेष रूप से प्रचारित). (प्रेरणदायक संस्मरण) स्वामी श्रद्धानन्द जी के महाराज के हिंदी प्रेम जगजाहिर था। आप जीवन भर स्वामी दयानंद के इस विचार को की सम्पूर्ण देश को हिंदी भाषा के माध्यम से एक सूत्र में पिरोया जा सकता हैं सार्थक रूप से क्रियान्वित करने में अग्रसर रहे। सभी […]
23 दिसंबर: राष्ट्रीय किसान दिवस पर विशेष प्रवीण गुगनानी देश में मोटे अनाजों की कृषि, उत्पादन व उपभोग को पर केंद्रित इस लेख के पूर्व यह कविता पढ़िए – यह रागी हुई अभागी क्यों? चावल की किस्मत जागी क्यों? जो ‘ज्वार’ जमी जन-मानस में, गेहूँ के डर से यह भागी क्यों? यूँ होता श्वेत ‘झंगोरा’ […]