स्वामी सत्यानन्दजी ‘श्रीमद्दयानन्द प्रकाश’ की भूमिका के अन्त में लिखते हैं— “स्वामी जी महाराज पहले महापुरुष थे जो पश्चिमी देशों के मनुष्यों के गुरु कहलाये । जिस युग में स्वामी जी हुए उससे कई वर्ष पहले से आज तक ऐसा एक ही पुरुष हुआ है जो विदेशी भाषा नहीं जानता था, जिसने स्वदेश से बाहर […]
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ओ३म् -स्व. श्री यशपाल आर्य, देहरादून। महर्षि दयानन्द की दो यात्राएं देहरादून नगर में हुईं। देहरादून जिला भी भाग्यशाली है कि ऋषिराज की पद्-रज से पवित्र हुआ है। महर्षि ने स्व-कथित जीवन-चरित्रों में इसकी पुष्टि इस प्रकार की है—“सब यात्री चले गए और (कुम्भ, हरिद्वार) मेला हो चुका तो वहां से ऋषिकेश को गया। वहां […]
डॉ. राधे श्याम द्विवेदी भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। देश का कानून और संसद इसके द्वारा ही संचालित होती है। देश में जब जब कोई संकट आता या राजनीतिक विवाद होते हैं, तब-तब संविधान का ही हवाला देकर उस विवाद और संकट को हल करने की बात की जाती है। […]
यह बहुत ही दुखद है कि समथर गढ़ के महाराजा रणजीत सिंह जूदेव अब इस संसार में नहीं रहे हैं।।महाराजा रणजीत सिंह जूदेव भारतवर्ष के उन राजा महाराजाओं में से रहे हैं जो देश की आजादी के समय 1947 में राज कर रहे थे । आज इतिहास की इस एक महत्वपूर्ण कड़ी का अंत हो […]
आर्य सागर खारी🖋️ अनादि काल से भारत माता वीरों की जननि रही है | यह एक काव्यात्मक अलंकारिक कथन है निसंदेह भारत मां वीरों को पैदा करती है लेकिन वीरों को जनने का यह पवित्र महान कार्य भारत माता अपनी पुत्रियों को सौंप देती है | ब्रिटिश साम्राज्यवादी भारत में ऐसी ही भारत माता की […]
#डॉविवेकआर्य पंडित लेखराम के विषय में जितना अधिक में जानता जाता हूँ उतनी ही अधिक उन्हें जानने की मेरी इच्छा बलवती होती जाती हैं। पंडित जी के जीवन कुछ अलभ्य संस्मरण मुझे मिले जिन्हें मैं आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ। आचार्य रामदेव जी की पंडित लेखराम जी से प्रथम भेंट उन्हीं दिनों बच्छो वाली […]
-सहदेव समर्पित स्वामी भीष्म जी का जन्म 7 मार्च 1859 ई0 में कुरुक्षेत्र जिले के तेवड़ा ग्राम में श्री बारूराम के गृह मेें हुआ था। बचपन में इनका नाम लाल सिंह था। इनकी बचपन से ही अध्ययन में रूचि थी। आपने 11 वर्ष की आयु में गाना शुरु कर दिया था और उस समय उपलब्ध […]
अनन्या मिश्रा भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति और औद्योगिक घराने टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा का आज जन्म दिन है। जमशेदजी ने भारतीय औद्योगिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जमशेदजी को भारतीय उदंयोग जगत का भीष्म पितामह के तौर पर जाना जाता है। भारत में जब जमशेदजी ने औद्योगिक विकास का मार्ग प्रशस्त किया, […]
ओ३म् -रामनवमी पर्व 30 मार्च पर- -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। चैत्र शुक्ल नवमी आर्यों व हिन्दुओं का ही नहीं अपितु संसारस्थ सभी विवेकशील लोगों के लिए आदर्श मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचन्द्र जी का जन्म दिवस पर्व है। इस पर्व को श्री रामचन्द्र जी के भक्त अपनी अपनी तरह से सर्वत्र मनाते हैं। हम वैदिक धर्मी […]
ओ३म् ========= प्रसिद्ध वैदिक विद्वान पं. चन्द्रमणि विद्यालंकार जी आर्यसमाज, देहरादून के गौरव थे। वह मूलतः जालन्धर निवासी थे। गुरुकुल कांगड़ी का स्नातक बनने के बाद से वह देहरादून में निवास करते थे। उनके परिवार के सदस्य वर्तमान में भी देहरादून में ही निवास करते हैं। पण्डित जी के एक पुत्र से हमारा निकट सम्बन्ध […]