अनन्या मिश्रा डॉ केशव बलिराम हेडगेवार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बहुत बड़े क्रांतिकारी थे। आज ही के दिन यानि की 1 अप्रैल को डॉ हेडगेवार का जन्म हुआ था। उन्होंने ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना की थी। वह बचपन से ही क्रांतिकारी प्रवृत्ति के थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक और क्रांतिकारी के.बी […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
वेदाचार्य डॉ. रघुवीर वेदालंकार प्रात: काल के ४बजे थे कि अचानक ही सामने एक कौपीन धारी तेजोमूर्ति को सामने खड़े देखकर हतप्रभ रह गया। आँखें मसलकर देखा तो पाया कि महर्षि दयानंद हाथ में मोटा सोटा लिए खड़े हैं। डर तो लगा कि सोटे को पीठ की ओर न बढ़ादें, तथापि चरण -स्पर्श करके पूछ […]
लेखक- डॉ. भवानीलाल भारतीय भारतीय नवजागरण के अग्रदूत महर्षि दयानन्द द्वारा प्रतिपादित विचारों की भारत की राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने तथा देश की अखण्डता की रक्षा में क्या उपयोगिता है? यदि हम संसार के सर्वाधिक प्राचीन ग्रंथ वेदों का अवलोकन करें, तो हमें विदित होता है कि वैदिक वाङ्मय में सर्वप्रथम राष्ट्र की विस्तृत […]
अखंड भारत का सिंध प्रांत वैसे तो सूफियाना अंदाज एवं आध्यात्म के लिए जाना जाता है, परंतु, सिंध प्रांत में व्यापार भी बहुत उन्नत स्तर पर होता रहा है एवं प्राचीन भारत में सिंध प्रांत के निवासी सामान्यतः सुखी, समृद्ध एवं सम्पन्न रहे हैं। साथ ही, भारत माता को अंग्रेजों की गुलामी की बेड़ियों से […]
मुंबई की एक विदुषी ने लिखा है कि उनके सामने गत तीन महीनों में पाँच मामले आए जिस में मुस्लिम लड़कों ने अबोध हिन्दू लड़कियों पर डोरे डाल कर, शारीरिक उत्तेजना दिला या संबंध बनाकर, ब्लैकमेल कर, निकाह कर, धर्म-परिवर्तन कराकर, फिर जल्द उपेक्षित और मार-पीट कर, कुछ मामले में दोस्तों-संबंधियों द्वारा बलात्कार भी करवा […]
भारत में मुस्लिम आक्रमणकारियों के अत्याचारों पर वर्तमान इतिहास या तो मौन साध जाता है या उनका वर्णन कुछ इस प्रकार करता है कि उस समय इस प्रकार की बर्बरता शासकों में सर्वत्र पाई जाती थी अर्थात मुस्लिमों का उस समय बर्बर होना कोई बड़ी बात नहीं थी । संपूर्ण संसार में ऐसा होना उस […]
योगिराज श्रीकृष्ण का सदाचार महाभारत के प्रमुख पात्र योगिराज श्रीकृष्ण भारतवर्ष की महान् विभूतियों में से एक थे। वे सदाचारी और आदर्श पुरुष थे। वे आदर्श संयमी और मर्यादावादी व्यक्ति थे। पुराणकारों ने उनके उज्ज्वल स्वरूप को बिगाड़ दिया। उनकी देखा-देखी जयदेव, चण्डीदास और सूरदास आदि कवियों ने भी उनके रूप को बहुत विकृत कर […]
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने भारत वर्ष के दलित, शोषित और उपेक्षित समाज के लोगों के कल्याण के लिए जीवन भर संघर्ष किया। इसका कारण यह भी था कि उन्होंने स्वयं ने एक जाति विशेष में पैदा होकर इस बात को निकटता से अनुभव किया था कि दलन, उपेक्षा और शोषण का व्यक्ति के मानस पर […]
स्वामी दयानन्द और आर्यावर्त्त #डॉविवेकआर्य स्वामी दयानन्द ने स्वमन्तव्य-अमन्तव्य प्रकाश में ‘आर्यावर्त्त’ की परिभाषा इस प्रकार से दी है। ‘आर्यावर्त्त’ देश इस भूमि का नाम इसलिए है कि जिस में आदि सृष्टि से पश्चात आर्य लोग निवास करते हैं परन्तु इस उत्तर में हिमालय, दक्षिण में विंध्याचल, पश्चिम में अटक और पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी […]
मैं अब किससे लडूंगा, कूडा-करकट किसको कहूंगा/ विनम्र श्रद्धांजलि ================== आचार्य श्री विष्णुगुप्त डॉ वेद प्रताप वैदिक जी पत्रकारिता के भीष्म पितामह थे। वे हिन्दी, अंग्रेजी, जर्मन, पश्तो और उर्दू सहित कई भाषाओं के जानकार थे। राममनोहर लोहिया और राजनारायण जी के सहयोगी और सहचर की तरह थे। पीवी नरसिंहाराव से लेकर कई प्रधानमंत्रियों के […]