-लेखक: डा. भवानीलाल भारतीय। (आगामी दिनांक 26-4-2023 को ऋषि दयानन्द के प्रमुख भक्त वेद मनीषी पं. गुरुदत्त विद्यार्थी जी की 155वी जयन्ती है। इस अवसर पर हम उनका भावपूर्ण स्मरण करते हैं और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देते हैं। पं. जी की जयन्ती पर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित ऋषि दयानन्द के जीवन एवं साहित्य […]
Category: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
दादा बस्तीराम आर्योपदेशक लेखक :- स्वामी ओमानन्द सरस्वती पुस्तक :- देश भक्तों के बलिदान प्रस्तुति :- अमित सिवाहा [यह लेख वयोवृद्ध पूजनीय पंडित बस्तीराम जी का है जिसे मैंने भालोठ ग्राम में उनके पास 2 दिन बैठकर लिखा था कुछ लोगों का कहना है कि पंडित जी सन् 57 के युद्ध के समय 17 या […]
पावन त्याग और अतुलित बलिदान की यशोभूमि का नाम है भारत वर्ष। शिशु अजय सिंह के बलिदान, साहिबजादा जोरावर सिंह व साहिबजादा फतेह सिंह का प्राणोत्सर्ग, शिशु ध्रुव के तप, शिशु प्रह्लाद की भक्ति, शिशु कृष्ण की बाललीला और वयोवृद्ध फौलादी बाबू वीर कुँवर सिंह की युद्धनीति तथा राष्ट्रवादी भावना का इतिहास में कोई सानी […]
ओ३म् ========= बौद्ध मत के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध के बारे में यह माना जाता है कि वह आर्य मत वा वैदिक धर्म के आलोचक थे एवं बौद्ध मत के प्रवर्तक थे। उन्हें वेद विरोधी और नास्तिक भी चित्रित किया जाता है। हमारा अध्ययन यह कहता है कि वह वेदों को मानते थे तथा ईश्वर व […]
दुष्टों का विनाश करना और सज्जनों का परित्राण करना भारत की प्राचीन परम्परा है। इसके लिए यह भी आवश्यक है कि दुष्टों का संहार करने वाली तलवार अर्थात शस्त्र पर शास्त्र की नकेल भी होनी चाहिए । किसी भी परिस्थिति में वह तानाशाही ,निरंकुश ,स्वेच्छाचारी और नरसंहार करने वाली न बन जाए , वह निहित […]
** स्वामी दयानन्द के पूना प्रवास के समय ज्योतिबा फुले स्वामी जी का विशेष स्वागत करने वालों में से थे। फुले के आग्रह पर स्वामी दयानन्द फुले द्वारा स्थापित दलित लड़कियों की पाठशाला में गायत्री मंत्र पर उपदेश देने गए थे। फुले की संस्था ने स्वामी दयानन्द जी के सम्मान हेतु प्रशस्ति पत्र भी भेंट […]
वेदों के अद्वितीय विद्वान और समाज सुधारक महर्षि दयानन्द सरस्वती जुलाई, 1875 में पूना गये थे और वहां आपने 15 व्याख्यान दिये थे जो आज भी लेखबद्ध होकर सुरक्षित हैं। सत्यशोधक समाज के संस्थापक महात्मा ज्योतिबा फुले महर्षि दयानन्द के व्याख्यान सुनने आते थे। दोनों परस्पर प्रेमभाव व मित्रता के संबंधो में बन्ध गये। पूना […]
🕉️18 अप्रैल/ #बलिदानदिवस🚩 #अमरबलिदानी तात्या टोपे🙏🏻🚩 🟠छत्रपति शिवाजी महाराज के उत्तराधिकारी पेशवाओं ने उनकी विरासत को बड़ी सावधानी से सँभाला। अंग्रेजों ने उनका प्रभुत्व समाप्त कर पेशवा बाजीराव द्वितीय को आठ लाख वार्षिक पेंशन देकर कानपुर के पास बिठूर में नजरबन्द कर दिया। इनके दरबारी धर्माध्यक्ष रघुनाथ पाण्डुरंग भी इनके साथ बिठूर आ गये। इन्हीं […]
अनन्या मिश्रा राजस्थान के सबसे साहसी शूरवीरों में से एक महाराणा सांगा को उनकी वीरता और बलिदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया था। आज के दिन यानि की 12 अप्रैल को राणा सांगा का जन्म हुआ था। राजस्थान के सबसे साहसी शूरवीरों में से एक […]
सामाजिक क्रांति के इतिहास में के डॉक्टर बाबा साहेब आम्बेडकर के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। विलायत से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उच्च डिग्री प्राप्त करने के बाद बाबा साहब आम्बेडकर 1917 में भारत आये। अपने करार के अनुसार कुछ समय उन्होने बड़ौदा रियासत में अर्थ मंत्री के रूप में कार्य किया। लेकिन […]