आर्य सागर खारी🖋️ शहीद रामप्रसाद बिस्मिल का जीवन प्रेरणा बन सकता है उन हजारों लाखों भारत के नव युवको के लिए जो नशे धूम्रपान की गिरफ्त में फंसे हुए हैं..| राम प्रसाद बिस्मिल को किशोरावस्था में घर से पैसे चुराने सिगरेट पीने भांग पीने तथा #उपन्यास पढ़ने जैसी कई बुरी आदतें लग गई थी छठी […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
एक गोंडी मुहावरा है – बुच्च बुच्च आयाना कव्वीते पालकी रेंगिना अर्थात आगे आगे होना किंतु अपने मूल विषय पर कुछ भी ध्यान न देना। रंगनाथ मिश्र आयोग के संदर्भ में यह गोंडी कहावत सटीक लगती है। रंगनाथ मिश्र आयोग के बाद मोदी सरकार द्वारा केजी बालकृष्ण आयोग का गठन आरक्षण के दुरुपयोग को जांचने, […]
. उन्होंने मुझसे पूछा कि तुम्हारा नाम क्या है ? मैंने कहा – मेरा नाम दयानंद है । यह बात उन दिनों की है जब मैं अकेला घूमता था । जंगल से गुजरते हुए एक बार मेरा ऐसे स्थान पर जाना हुआ जहाँ सभी शाक्त ( कोई जाति ) बसते थे । उन्होंने मेरी बड़ी […]
अनन्या मिश्रा देश की आजादी एक लंबे स्वाधीनता आंदोलन की देन है। भारत की आजादी में न सिर्फ राजनेताओं व राजा-महाराजाओं का बल्कि कवियों, साहित्यकारों, वकीलों और विद्यार्थियों का भी विशेष योगदान रहा था। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की आजादी की लड़ाई में कई साहित्य प्रेमियों ने अपनी महान और अमर रचनाओं से आजादी […]
अप्रैल 1929 जब भगतसिंह और बटुकेश्वर दत्त ने एसेम्बली में धुंए वाला बम फेंका था। सभी को पता है कि क्रांतिकारियों के परिवार बुरी स्थिति में रहे। परन्तु गद्दारों का क्या हुआ? खुशवंत सिंह का खानदान शोभा सिंह ही 8 अप्रैल 1929 को संसद में हुए बम विस्फोट के मुख्य गवाह थे। शोभा सिंह ने […]
इस देश का इतिहास वामपंथियों ने लिखा इसलिए उन्होंने इस सच को छुपा लिया कि फरवरी 1948 में कम्युनिस्टों ने इस देश की सरकार का तख्ता पलटने का षडयंत्र रचा था इसलिए सरदार पटेल के निर्देश पर कम्युनिस्ट पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया था। आइए क्रमवार जानते हैं सरदार पटेल के विचार “कौमनष्टियों” पर… सरदार […]
गुरु तेग बहादुर जयंती:’हिंद की चादर’ गुरु तेग बहादुर को जान से प्यारा था धर्म, ऐसे दी थी औरंगजेब को शिकस्त अनन्या मिश्रा सिक्खों के 9वें गुरु तेग बहादुर का आज के दिन यानि की 1 अप्रैल को जन्म हुआ था। वह बचपन से ही निडर और वीर थे। उन्होंने महज 14 साल की उम्र […]
लेखक- पं० युद्धिष्ठिर मीमांसक जिस समय योरोपीय देशों में वेदार्थ जानने के लिए प्रत्यन हो रहा था, उसी समय भारत में स्वामी दयानन्द सरस्वती ने एक सर्वथा नई दृष्टि से वेदार्थ करने का उपक्रम किया। स्वामी दयानन्द का वेदार्थ इन दोनों प्रकार के वेदार्थों से भिन्न था। स्वामी दयानन्द ने वेदार्थ की प्राचीन और अर्वाचीन […]
डा0 घनश्याम बादल महावीर व उनकी शिक्षाएं शाश्वत प्रकाशपुंज हैं ।अहिंसा, दया, करुणा व मानव मात्र की भलाई के बारे में सोचने वाले इस महापुरुष की आज जयंती है । वैशाली के राजकुमार संन्यास से पूर्व के वर्धमान महावीर स्वामी का जीवन त्याग और तपस्या का साक्षात् उदाहरण है। उनके अनुसार सत्य के पक्ष में […]
डॉ. वंदना सेन प्रायः कहा जाता है कि जीवन हो तो भगवान श्रीराम जैसा। जीवन जीने की उच्चतम मर्यादा का पथ प्रदर्शक भगवान श्रीराम के जीवन पर दृष्टिपात करेंगे तो निश्चित ही हमें कई पाथेय दिखाई देंगे, लेकिन इन सबमें सामाजिक समरसता का आदर्श उदाहरण कहीं और दिखाई नहीं देता। अयोध्या के राजा श्रीराम ने […]