समाज सुधारक के रूप में ऋषि दयानंद महर्षि दयानंद जी महाराज ने अपने समय में प्रचलित बाल विवाह जैसी अनेक कुरीतियों का डटकर विरोध किया। उन्होंने लोगों को शास्त्रों के माध्यम से बाल विवाह जैसी कुप्रथा के विरुद्ध जागृत करने का कार्य किया । उन्होंने लोगों को बताया कि 25 वर्ष की अवस्था से पूर्व […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
जब-जब महर्षि दयानंद का नाम आता है तो हमें एक ऐसे महान व्यक्तित्व का बोध होता है जो भारतवर्ष में समग्र क्रांति का अग्रदूत था। जिसने सोते हुए भारत को जगाया और वेदों की ओर लौटने का संदेश देकर भारत की चेतना को बलवती करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिसके आने से भारत सचेत, सजग […]
महाराणा प्रताप सिंह अपने पितामह राणा संग्राम सिंह के प्रति अत्यधिक समर्पित थे। वह उन्हीं की भांति वीरता और देशभक्ति के कीर्तिमान स्थापित करना चाहते थे। उनका संकल्प यही था कि जैसे उनके पितामह महाराणा संग्राम सिंह ने मुगलों और मुसलमानों को देश से बाहर निकालने के लिए कार्य किया था वैसे ही जीवन भर […]
स्वाभिमान के पुरोधा अनुपम योद्धा महाराणा प्रताप की 483 वीं जयंती 9 मई पर विशेष भारत के स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप की 483 वीं जयंती के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। हल्दीघाटी के मैदान में युद्ध करने की योजना महाराणा प्रताप ने गोगुंदा के किले में रहते हुए बनाई थी। जब […]
अनन्या मिश्रा त्यागराज ‘कर्नाटक संगीत’ के महान ज्ञाता और भक्ति मार्ग के एक प्रसिद्ध कवि थे। त्यागराज ने भगवान श्रीराम को समर्पित भक्ति गीतों की रचना की थी। उन्होंने समाज और साहित्य के साथ-साथ कला को भी समृद्ध करने का काम किया था। त्यागराज की हर रचना में इनकी विद्वता झलकती है। बता दें कि […]
अनन्या मिश्रा गुरु अमर दास जी सिखों के तीसरे गुरु थे। उनका जन्म अमृतसर के ‘बासर के’ गांव में 5 मई 1479 को हुआ था। इनके पिता का नाम तेजभान और माता का नाम लखमीजी था। बता दें कि गुरु अमर दास आध्यात्मिक चिंतन वाले व्यक्ति थे। दिन भर खेती और व्यापार आदि के कार्यों […]
यह विद्या का समय है 【राजर्षि शाहू महाराज का दि० १९ अप्रैल १९१९ में उत्तर प्रदेश के कानपुर में अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय १३वीं समाजिक परिषद् का ऐतिहासिक भाषण】 [आज 6 मई, कोल्हापुर नरेश छत्रपति शाहूजी महाराज के निर्वाण दिवस पर विशेष रूप से प्रकाशित] हिंदी अनुवाद [मूल मराठी से]- महेश आर्य सम्पादक- प्रियांशु सेठ […]
ओ३म् ============= स्वामी विद्यानन्द सरस्वती जी आर्यसमाज वा वैदिक धर्म के एक ऐसी मनीषी संन्यासी थे जिन्होंने अपना सारा जीवन आर्यसमाज के किसी बड़े पद पर न होते हुए भी समाज को अनुकरणीय नेतृत्व प्रदान किया एवं वैदिक साहित्य के प्रणयन के क्षेत्र में अविस्मरणीय कार्य किया। उनका जीवन न केवल साधारण अपितु आर्यजगत के […]
-राज्यरत्न आत्माराम अमृतसरी प्रेषक- प्रियांशु सेठ , डॉ० विवेक आर्य महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती जी के सच्चे भक्त विद्यानिधि, तर्कवाचस्पति, मुनिवर, पण्डित गुरुदत्त जी विद्यार्थी, एम०ए० का जन्म २६ अप्रैल सन् १८६४ ई० को मुलतान नगर में और देहान्त २६ वर्ष की आयु में लाहौर नगर में १९ मार्च सन् १८९० ई० को हुआ था। […]
-लेखक: डा. भवानीलाल भारतीय। (आगामी दिनांक 26-4-2023 को ऋषि दयानन्द के प्रमुख भक्त वेद मनीषी पं. गुरुदत्त विद्यार्थी जी की 155वी जयन्ती है। इस अवसर पर हम उनका भावपूर्ण स्मरण करते हैं और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देते हैं। पं. जी की जयन्ती पर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित ऋषि दयानन्द के जीवन एवं साहित्य […]