राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ भारतीय क्रांतिकारी स्वाधीनता आंदोलन के एक ऐसे व्यक्तित्व हैं जिनके नाम से ही क्रांति की मचलन अनुभव होने लगती है। जब वे स्वयं और उनके साथी क्रांति के माध्यम से देश को स्वाधीन करने के महान कार्य में लगे हुए थे तब पूरा देश अपने इन महान क्रांतिकारियों के पीछे खड़ा था। […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
ओ३म् =========== महर्षि दयानन्द (1825-1883) ने देश व समाज सहित विश्व की सर्वांगीण उन्नति का धार्मिक व सामाजिक कार्य किया है। क्या हमारे देश और संसार के लोग उनके कार्यों को यथार्थ रूप में जानते व समझते हैं? क्या उनके कार्यों से मनुष्यों को होने वाले लाभों की वास्तविक स्थिति का ज्ञान विश्व व देश […]
पुण्यतिथि पर विशेष…. बिरसा मुंडा : समाज हित के लिए समर्पित जीवन डॉ. वंदना सेन भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने वाले कई महानायकों का पूरा जीवन एक ऐसी प्रेरणा देता है, जो देश और समाज को राष्ट्रीयता का बोध कराता है। कहा जाता है कि जो अपने स्वत्व की चिंता न करते हुए समाज के […]
अपराजित बप्पा रावल विवेक भटनागर लेखक इतिहास के शोधार्थी हैं। देश पर अरबों, मुगलों, अंग्रेजों द्वारा आक्रमण और शासन किए जाने की कहानी तो हम पढ़ते ही हैं परंतु हमें यह नहीं बताया जाता कि इन आक्रांताओं के आक्रमण के कालखंडों में जो अंतर है, वह भारतीय योद्धाओं के विजय का काल रहा है। उदाहरण […]
हमारे देश में एक विशेष जमात यह राग अलाप रही है कि जिन्नाह अंग्रेजों से लड़े थे इसलिए महान थे। जबकि वीर सावरकर गद्दार थे क्यूंकि उन्होंने अंग्रेजों से माफ़ी मांगी थी। वैसे इन लोगों को यह नहीं मालूम कि जिन्नाह इस्लाम की मान्यताओं के विरुद्ध सारे कर्म करते थे। जैसे सूअर का मांस खाना, […]
डॉ. पवन सिंह मलिक सावरकर कहा करते थे- “काल स्वयं मुझसे डरा है, मैं काल से नहीं। कालेपानी का कालकूट पीकर काल से कराल स्तंभों को झकझोर कर, मैं बार-बार लौट आया हूँ और फिर भी मैं जीवित हूँ, हारी मृत्यु है, मैं नहीं।”- ऐसे अदम्य साहस, महान क्रांतिकारी, दृढ़ राजनेता, ओजस्वी वक्ता व समर्पित […]
रमेश सर्राफ धमोरा विनायक सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को महाराष्ट्र में नासिक के भागुर गांव में हुआ था। उनकी माता राधाबाई तथा पिता जी दामोदर पन्त सावरकर थे। इनके दो भाई गणेश (बाबाराव) व नारायण दामोदर सावरकर तथा एक बहन नैनाबाई थीं। विनायक दामोदर सावरकर भारत के महान क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, […]
भारत की स्वाधीनता के लिए अनेकों ने निष्ठुरता से अपने रक्त की अंतिम बूंद तक बहा दी और मां भारती के भाल पर स्वाधीनता का मुकुट रखने की लालसा लेकर वे इस लोक से विदा हो गए। तथाकथित रूप से देश स्वाधीन हो गया लेकिन सत्ता वे पा गए जिन्होंने चार डग भी नहीं भरे […]
सावरकर जी की जयंती के अवसर पर इस बार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी देश के नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं। सावरकर जी का इतिहास चिंतन बड़ा अनुपम है। उन्होंने सोई हुई हिंदू जाति को जगाने के लिए इतिहास की गौरवशाली व्याख्या प्रस्तुत की। ‘सावरकर समग्र’ के खंड 2 के पृष्ठ 435 पर […]
मदन लाल धींगरा 17 अगस्त 1909 को मदन लाल धींगरा को फांसी हुई थी. वो लड़का जिसने लंदन में कर्जन वायली को गोली मार दी थी. उस वक़्त, जब गोरे साहिबों के सामने हिन्दुस्तानी खड़े होने से भी डरते थे. जिसके पिता ने अखबार में छपवा दिया था कि इस लड़के से मेरा कोई लेना-देना […]