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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

रानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस पर विशेष : वीरोचित भाव जगाए मातृशक्ति

रानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस पर विशेष वीरोचित भाव जगाए मातृशक्ति डॉ. वंदना सेन वीरांगना नाम सुनते ही हमारे मनोमस्तिष्क में रानी लक्ष्मीबाई की छवि उभरने लगती है। भारतीय वसुंधरा को अपने वीरोचित भाव से गौरवान्वित करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई सच्चे अर्थों में वीरांगना ही थीं। वे भारतीय महिलाओं के समक्ष अपने जीवन काल […]

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जब हल्दीघाटी युद्ध में जीवन का मोह छोड़कर लड़े थे हिंदू वीर

जीवन का मोह छोड़कर लड़े हिंदू वीर हिंदू वीर योद्धा अपने इतिहास के महानायक महाराणा प्रताप के नेतृत्व में अपने प्राणों का मोह छोड़कर देश के लिए लड़ रहे थे। श्री केशव कुमार ठाकुर ने अपनी पुस्तक ‘भारत की प्रसिद्ध लड़ाइयां’ के पृष्ठ 277 पर लिखा है कि :- “जीवन का मोह छोड़कर राणा की […]

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आजादी के दीवाने और अण्डमान

कालापानी की कहानी सन् 1857 ई. के प्रथम स्वतन्त्राता संग्राम से प्रारम्भ हो कर वहाबी आन्दोलन (1860-1870), उत्तर प्रदेश के उर्दू साप्ताहिक ‘स्वराज’ के सम्पादकों की आजादी के लिए दीवानगी,मालाबार का मोपला विद्रोह (1922-24), आन्ध्र में गोदावरी (1924-25) का रम्पा विद्रोह, ब्रह्म्रा में थारवर्दी का किसान विद्रोह (1930), के अतिरिक्त देश के प्रत्येक राज्य में […]

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कालका जी का इंदौर से संबंध

दिल्ली के प्रमुख स्थलों में से एक नेहरु प्लेस है। यहां का बाजार प्रसिद्ध है। इसके पास का इलाका कालकाजी नाम से जाना जाता है। क्या आप जानते हैं कि कालकाजी का यहां से लगभग 900 किलोमीटर दूर स्थित इंदौर से गहरा संबंध है। वास्तव में यहां कालिका माता का एक मंदिर मौजूद है। इसी […]

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आर्य समाज के महान लेखक-पंडित चमूपति

(15 जून को महाकवि पंडित चमूपति का स्वर्गवास हुआ था) पं॰चमूपति ने प्रथम विश्वयुद्ध के आरम्भ में आर्यसमाज में प्रवेश पाया। अधिक उपयुक्त तो यह होगा कि हम यह कहें कि आर्यसमाज उनमेँ प्रविष्ट हुआ। बहुत छोटी आयु में ही काव्य कला उनमेँ प्रस्फुटित हो गई। 22-24 वर्ष की आयु तक पहुँचते-पहुँचते वे देश के […]

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जातिवाद को मिटाने के हमारे पूर्वजों का एक विस्मृत प्रयास

#डॉविवेकआर्य 1926 में पंजाब में आद धर्म के नाम से अछूत समाज में एक मुहिम चली। इसे चलाने वाले मंगू राम, स्वामी शूद्रानन्द आदि थे। ये सभी दलित समाज से थे। स्वामी शूद्रानन्द का पूर्व नाम शिव चरन था। उनके पिता ने फगवाड़ा से जालंधर आकर जूते बनाने का कारखाना लगाया था। उन्होंने आर्यसमाज द्वारा […]

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महात्मा गांधी को अपना आदर्श मानने वाले नाथूराम गोडसे आखिर क्यों करने लगे थे गांधी से इतनी घृणा

गांधीजी को अपना आदर्श मानते थे नाथूराम गोडसे, जानें क्यों करने लगे थे इतनी नफरत अनन्या मिश्रा नाथूराम गोडसे को अधिकतर लोग गांधीजी के हत्यारे के तौर पर जानते हैं। बता दें कि आज ही के दिन यानी की 19 मई को नाथूराम गोडसे का जन्म हुआ था। वह आरएसएस और हिंदू महासभा जैसे कई […]

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बंदा बैरागी का हुकमनामा

बंदा बैरागी का हुक्मनामा आज 9जून अमर बलिदानी बंदा बैरागी का बलिदान दिवस है। सन 1710 में बंदा बैरागी द्वारा सतयुग शासन की स्थापना करने पर तम्बाकू, शराब,अफीम, मांस, मछली पर प्रतिबन्ध लगाने का हुकुमनामा जारी किया गया। यह स्पष्ट रूप से वेदों के आदेश का पालन था। वेद कहते है समाज को पथभ्रष्ट होने […]

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मेरे भाई ‘बिस्मिल’ श्रीमती शास्त्री देवी (अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की बहिन)

मेरे भाई ‘बिस्मिल’ श्रीमती शास्त्री देवी (अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की बहिन) मेरा जन्म सन् १९०२ में हुआ था। भाई रामप्रसाद बिस्मिल के चार साल बाद मैं पैदा हुई थी। भाई जी मुझ पर बहुत स्नेह रखते थे। मेरे पिता के खानदान में लड़कियों को होते ही मार डालते थे। मेरे मारने के लिये बाबा […]

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महाराजा सुहेलदेव पराक्रम दिवस-

महाराजा सुहेलदेव पराक्रम दिवस- तुलसीदास जी बहराइच में जारी इस “भेड़चाल के बारे में वे अपनी “दोहावली” में कहते हैं – लही आँखि कब आँधरे, बाँझ पूत कब ल्याइ । कब कोढ़ी काया लही, जग बहराइच जाइ॥ अर्थात “पता नहीं कब किस अंधे को आँख मिली, पता नहीं कब किसी बाँझ को पुत्र हुआ, पता […]

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