कन्हैया लाल आर्य, उपप्रधान आत्मशुद्धि आश्रम बहादुरगढ़ संस्कृत साहित्य के एक उज्ज्वल रत्न थे आचार्य भवभूति जी। इन्होंने एक उत्तम पुस्तक की रचना की है जिसका नाम है ‘उत्तर राम चरितम्’। इस पुस्तक में भवभूति जी ने भगवान राम का उस समय का वर्णन किया है जब उनकी धर्मपत्नी सीता जी का अपहरण हो जाता […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
प्रस्तुति- प्रियांशु सेठ १. जैसे शीत से आतुर पुरुष का अग्नि के पास जाने से शीत निवृत्त हो जाता है वैसे परमेश्वर के समीप प्राप्त होने से सब दोष दुःख छूटकर परमेश्वर के गुण कर्म स्वभाव के सदृश जीवात्मा के गुण कर्म स्वभाव पवित्र हो जाते हैं। (सत्यार्थप्रकाश समुल्लास ७) २. जो परमेश्वर की स्तुति, […]
अनन्या मिश्रा आज ही के दिन यानी की 7 अगस्त को गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था। टैगोर लेखक, नाटककार , संगीतकार, कवि, दार्शनिक, चित्रकार और समाज सुधारक थे। रवीन्द्रनाथ ठाकुर एक प्राकृतिक व्यक्ति थे। क्योंकि उनको प्रकृति के बीच रहना अच्छा लगता था। इस बात की […]
ललित गर्ग इतिहास और साहित्य में ऐसी प्रतिभाएं कभी-कभी ही जन्म लेती हैं जो बनी बनाई लकीरों को पोंछकर नई लकीरें बनाते हैं। वे अपना जीवन अपनी शर्तों पर जीते हुए नया जीवन-दर्शन निरुपित करते हैं और कुछ विलक्षण सृजन करते हैं। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त का व्यक्तित्व और कृतित्व भी इसका अपवाद नहीं हैं। यह […]
अनन्या मिश्रा देश के प्रमुख नेता, समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का 1 अगस्त को निधन हो गया था। उन्होंने सबसे पहले ब्रिटिश राज से भारतीयों के लिए पूर्ण स्वराज की मांग उठाई थी। आज यानी की 1 अगस्त को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का निधन हो गया था। वह देश के […]
1 अगस्त/जन्मदिवस पुरुषोत्तम दास टंडन पुरुषोत्तम दास टंडन का जन्म 1 अगस्त, 1882 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद नगर में हुआ था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय सिटी एंग्लो वर्नाक्यूलर विद्यालय में हुई. इसके बाद उन्होंने लॉ की डिग्री हासिल की और 1906 में लॉ की प्रैक्टिस के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में काम करना शुरु […]
डॉ. वंदना सेन महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद का साहित्य कालजयी है। उन्होंने देश और समाज के बारे में गंभीर चिंता करते हुए अपनी लेखनी चलाई है। समाज की जटिलताओं को कहानी और उपन्यासों के माध्यम से जिस प्रकार से प्रस्तुत किया है, उसके बारे में निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि वे आज […]
जन्म एवं बचपन – नीरा आर्य का जन्म 5 मार्च 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में खेकड़ा गांव के एक सम्पन्न व कुलीन जाट परिवार में हुआ था। लेकिन अचानक से उनके माता-पिता बीमार हो गए। कोई कमाने वाला न होने के कारण एवं इलाज पर खूब पैसा लगने होने के कारण उनके घर […]
चंद्रशेखर आजाद का क्रांतिकारी जीवन का केंद्र बिंदु झांसी रहा था ! जहाँ क्रांतिकारियों में उनके २-3 करीबियों में से एक सदाशिव राव मलकापुरकर रहते थे ! चंद्रशेखर आजाद अपने जीवन में बहुत अधिक गोपनीयता रखते थे इस कारण वह आजीवन कभी भी पुलिस द्वारा पकडे नहीं गए थे ! उन्हें इसका अहसास था कि […]
यह घटना सन् 1947 में भारत के विभाजन से पूर्व की है। आर्यसमाज के विद्वान एवं शास्त्रार्थ महारथी पं. लोकनाथ तर्कवाचस्पति एक गांव में प्रचारार्थ आये थे। वहां बिजली नहीं थी। पानी के लिए कुएं पर जाना होता था वा रहट चलते थे। उपदेश्क भी प्रातः निकल जाते थे। पंडित जी एक दिन रहट पर […]