आज जिस भारत में हम सांस ले रहे हैं वह सरदार पटेल के कारण हैं. एक कश्मीर ही हमारे लिए मुसीबत बना हुआ है. यदि इस तरह के कुछ और कश्मीर (हैदराबाद/ जूनागढ़) होते तो हमारी हालत क्या होती? दक्षिण भारत की रियासत “हैदराबाद” पर निजाम उस्मान अली खान राज करता था । उस समय […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
आज हम अपने महान इतिहास नायक सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 148वीं जयंती मना रहे हैं। कृतज्ञ राष्ट्र उनके प्रति नतमस्तक है। अपने जीवन काल में उन्होंने देश की एकता और अखंडता के लिए जिस प्रकार महान कार्य किये उनके समक्ष उनका समकालीन कोई भी नेता कहीं दूर-दूर तक भी टिकता हुआ दिखाई नहीं देता। […]
लेखक – स्वामी भीष्म जी महाराज घरोंडा वाले अंतिम करने लगे उपदेश महर्षि दयानंद दण्डी!! टेक प्रकृति परिवर्तनशील इस चक्कर में आना नहीं। वेद की शिक्षा को याद राखना भुलाना नहीं, ज्ञान से हो मुक्ति ओर रास्ता अपनाना नहीं, मुक्ति के बिन जीव का ये मिटे आना जाना नहीं, आठंगो का पालन करो भूल कर […]
आज 27 अक्टूबर बन्दा बैरागी जी का जन्म दिवस है। कितने हिन्दू युवाओं ने उनके अमर बलिदान की गाथा सुनी है? बहुत कम। क्यूंकि वामपंथियों द्वारा लिखे गए पाठयक्रम में कहीं भी बंदा बैरागी का भूल से भी नाम लेना उनके लिए अपराध के समान है। फिर क्या वीर बन्दा वैरागी का बलिदान व्यर्थ जाएगा […]
• क्यों मुझे महर्षि दयानन्द सरस्वती जी के प्रति आदर-सम्मान के भाव हैं? केवल इसलिए नहीं कि उन्होंने आर्य समाज की स्थापना की, अपितु इसलिए कि उन्हीं ब्रह्मचारी योगी दयानन्द ने – असत्य के साथ कभी समझौता नहीं किया। स्त्रियों एवं शूद्रों को उनके मौलिक अधिकार दिलाए। भारत की अस्मिता और स्वाभिमान को जगाया। सोए […]
प्रज्ञा पाण्डेय गांधी जहां ‘स्वराज’ एवं ‘स्वदेशी’ का समर्थन करते हैं वहीं दीनदयाल ‘एकात्म मानववाद’ के दर्शन की बात करते हैं। गांधी ने अपने विचारों द्वारा लोगों को मानवता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने सत्य एवं अहिंसा द्वारा लोगों को सदभाव एवं भाईचारे की सीख दी। आज गांधी जयंती है, गांधी ने साधन शुचिता को ध्यान […]
प्रो. संजय द्विवेदी वे सही मायनों में भारतबोध के प्रखर प्रवक्ता थे। भारतीय राजनीति में उनके आगमन ने एक नया विमर्श खड़ा कर दिया और वैकल्पिक राजनीति को मजबूत आधार प्रदान किया। आज भरोसा करना कठिन है कि श्री दीनदयाल उपाध्याय जैसे साधारण कद-काठी और सामान्य से दिखने वाले मनुष्य ने भारतीय राजनीति और समाज […]
* गांधी के कुटिल राष्ट्र घातक चिंतन कुविचारो का सर्वप्रथम वैचारिक बौद्धिक वध भगत सिंह ने ही किया। लेखक आर्य सागर खारी। मोहनदास करमचंद गांधी हाड मास का पुतला ही नहीं जैसा भौतिक विज्ञानी अल्बर्ट आइंस्टाइन ने उनके विषय में कहा था। गांधी अनेक दुर्गुण दोषो का भी पुतला थे। गांधी को परनिंदा करने में […]
लेखक :- ब्र० महादेव पुस्तक :- देश भक्तों के बलिदान प्रस्तुति :- अमित सिवाहा भारतवर्ष के राष्ट्रीय इतिहास में वीरवर भगतसिंह का जीवन और बलिदान युग – युगान्तरों तक तथा कोटि – कोटि पुरुषों को सत्प्रेरणा देता रहेगा । आप किशोर अवस्था से ही क्रांतिकारी आन्दोलन के अत्यन्त सम्पर्क में थे । इसका कारण आपके […]
* लेखक आर्य सागर खारी ✍ आज अमर शहीद भगत सिंह की जन्म जयंती है अधिकांश को इस विषय में इसलिए पता नहीं चल पाता क्योंकि आजादी से लेकर आज पर्यंत किसी भी सरकार द्वारा शहीद भगत सिंह की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित नहीं किया गया है। ठीक आज से 4-5 दिन बाद 2 […]