============ महान् व्यक्तित्व के धनी स्वामी श्रद्धानन्द जी (पूर्व आश्रम का नाम महात्मा मुंशीराम जी) (1856-1926) का जीवन एवं व्यक्तित्व कैसा था इसका अनुमान हम शायद नहीं लगा सकते। गुरुकुल के स्नातक, देशभक्त, स्वतन्त्रता सेनानी एवं प्रसिद्ध पत्रकार पं0 सत्यदेव विद्यालंकार जी ने स्वामी श्रद्धानन्द जी का जीवन चरित्र लिखा है। इस पुस्तक में उन्होंने […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
देश के क्रांतिकारी आंदोलन की रीढ़ बनकर रहे भाई परमानंद जी आज भी प्रत्येक देशभक्त के लिए बहुत ही आदर और सम्मान के पात्र हैं। 4 नवंबर 1876 को जन्मे भाई परमानंद जी भारतीय इतिहास की एक अनमोल निधि हैं। उनके भीतर देशभक्ति,राष्ट्र प्रेम, संस्कृति प्रेम और धर्म के प्रति निष्ठा कूट-कूट कर भरी थी। […]
============ महान् व्यक्तित्व के धनी स्वामी श्रद्धानन्द जी (पूर्व आश्रम का नाम महात्मा मुंशीराम जी) (1856-1926) का जीवन एवं व्यक्तित्व कैसा था इसका अनुमान हम शायद नहीं लगा सकते। गुरुकुल के स्नातक, देशभक्त, स्वतन्त्रता सेनानी एवं प्रसिद्ध पत्रकार पं0 सत्यदेव विद्यालंकार जी ने स्वामी श्रद्धानन्द जी का जीवन चरित्र लिखा है। इस पुस्तक में उन्होंने […]
ऋषि दयानंद ने भयंकर विपरीत परिस्थितियों मे सत्य का मण्डन और पाखंड का खंडन किया इसलिए सभी उनके विरोधी हो गये।उनके प्राण हरण की भयंकर चेष्टा की गई।जो उनके भरोसेमन्द थे वे सब निकम्मे निकले।पहले उनके साथ भरतपुर का कल्लू कहार जिस पर स्वामी जी बहुत भरोसा और उससे प्रेम करते थे ।वह छ: सात […]
========== महर्षि दयानन्द एक पौराणिक पिता व परिवार में गुजरात प्रान्त के मौरवी जनपद के टंकारा नामक ग्राम में 12 फरवरी, सन् 1825 को जन्में थे। उनके पिता शिव भक्त थे। उनके परिवार के सभी सदस्य भी पौराणिक आस्थाओं में विश्वास रखने वाले जन्मना ब्राह्मण थे। स्वामी दयानन्द का बचपन का नाम मूलजी व मूलशंकर […]
अंग्रेजी काल मे गुलामी व शोषण की एक श्रृंखला होती थी।अंग्रेजों के गुलाम देशी राजा और देशी राजाओं के गुलाम जागीरदार/सामंत।अंत मे सामंतों के गुलाम किसान-कामगार।शोषण की इस श्रृंखला में सबसे निचले पायदान वाला पिसता है क्योंकि ऊपर वाले सारे परजीवी बनकर मेहनतकशों की पूंजी लूटते है। 10मई 1914 को पटियाला में भैराराम सुंडा व […]
(ऋषि निर्वाण दिवस) पावन पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं ! एवं क) संक्षिप्त जीवन-परिचय स्वामी दयानन्द सरस्वती का जन्म- नाम मूलशंकर था। उनका जन्म 12 फरवरी 1824 में टंकारा ( काठियावड़, मौरवी राज्य– गुजरात) में हुआ। उनके पिता श्रीकर्षणजी तिवाड़ी, शिवभक्त औदीच्य ब्राह्मण थे। सन् 1834 में मूलशंकर ने पिता के आदेश पर, शिवरात्रि का […]
लेखक आर्य सागर तिलपता ग्रेटर नोएडा 🖋️। 354 साल पहले आज ही के दिन 27 अक्टूबर 1670 को राजौरी जम्मू कश्मीर के एक साधारण क्षत्रिय परिवार में एक बालक का जन्म हुआ उस बालक की उम्र जब 15 वर्ष की हुई तो उसके हाथों एक गर्भवती हिरणी का शिकार हो गया पश्चाताप के कारण वह […]
(डॉ. रामसिया सिंह पटेल- विनायक फीचर्स) सरदार वल्लभ भाई पटेल कुशल राजनीतिज्ञ तो थे ही, उनमें अद्भुत प्रशासनिक पटुता भी थी। जुलाई 1947 से भारत की अन्तरिम सरकार मेें वे देशी राज्यों के मंत्री के रूप में कार्यरत रहे। स्वतंत्र भारत में सरदार पटेल ने भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री के रूप में अपनी सेवाएं […]
=========== ऋषि दयानन्द का सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इसके चौथे अध्याय में समावर्तन, विवाह तथा गृहाश्रम पर उपदेश प्रस्तुत किये गये हैं। जैसा उपदेश ऋषि दयानन्द जी ने सत्यार्थप्रकाश में प्रस्तुत किया है वैसा उनके समय व पूर्वकाल में अन्यत्र प्राप्त होना दुर्लभ था। इसका दिग्दर्शन कराने के लिये हम इस अध्याय से […]