डॉ. वंदना सेन उठो जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक रुको मत। स्वामी विवेकानंद जी जब ऐसा बआह्वान करते हैं तो स्वाभाविक रूप से यही व्यक्त करते हैं कि युवाओं के सामने सनातन को संवारने का एक स्पष्ट लक्ष्य होना चाहिए। यह वाक्य केवल शब्दों का समुच्चय नहीं, बल्कि सफल जीवन का एक पाथेय है। विवेकानंद […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
हीरालाल मिश्र – विनायक फीचर्स आध्यात्मिक महापुरुषों के सम्पर्क में आकर साधारण एवं निम्न प्रकृति के मनुष्य भी उच्चता को प्राप्त होते हैं। इन आध्यात्मिक ईश्वर तुल्य महामानवों में ऐसी चुम्बकीय शक्ति होती है कि निम्न भावापन्न क्षुद्रबुद्धि मानव, महामानव के रूप में परिवर्तित हो जाते है। सम्पूर्ण धरती पर ऐसे उदाहरण प्राप्त होते हैं। […]
#डॉविवेकआर्य अयोध्या में श्री राम जी के मंदिर के शिलान्यास का समय जैसे जैसे निकट आ रहा हैं। वैसे वैसे अवांछनीय बयान कुछ लोग देकर देश का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी मेरे अनेक कई मित्रों ने यह शंका मेरे समक्ष रखी है कि उनके सामने दिन प्रतिदिन वाल्मीकि रामायण […]
========================================= स्वामी श्रद्धानंद , इस नाम का स्मरण होते ही मस्तिष्क में ऊँचा कद, चेहरे पर गंभीरता, वाणी में दृढ़ता लिए एक महामानव का नाम स्मरण हो जाता हैं जिन्हें जाति निर्माता कहूँ या फिर अमर शहीद कहूँ या फिर त्याग और तपस्या की मूर्ति कहूँ या मार्ग दर्शक कहूँ या फिर दलितौद्धारक कहूँ। स्वामी […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। ऋषि दयानन्द का जन्म 12 फरवरी, 1825 को गुजरात राज्य के मोरवी जिले के टंकारा कस्बे में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री कर्षनजी तिवारी था। जब उनकी आयु का चैदहवां वर्ष चल रहा था तो उन्होंने अपने शिवभक्त पिता के कहने पर शिवरात्रि का व्रत रखा था। शिवरात्रि को […]
महर्षि दयानंद की 200वीं जयंती के अवसर पर विशेष प्रस्तुति। राष्ट्र महर्षि दयानंद की 200वीं जयंती बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मना रहा है। वास्तव में महर्षि दयानंद का हम पर बहुत ऋण है। हम उनके ऋण से उऋण नहीं हो सकते । मुझे विधि व्यवसाय के दृष्टिकोण से इलाहाबाद (प्रयाग) जाने का अवसर अनेक […]
दिनांक 30 दिसंबर 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर में सर्वप्रथम तिरंगा फहराया था। ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली को स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ( जिन्हें कांग्रेस ने चाचा नेहरू के रूप में प्रचारित किया है ) ने एक पत्र प्रेषित किया था। जिसमें लिखा था कि “मुझे […]
हिन्दू धर्मरक्षक महाराजा सूरजमल के बलिदान की अमर गाथा “दिल्ली के बादशाह नवाब नजीबुद्दौला के दरबार में एक सुखपाल नाम का ब्राह्मण काम करता था। एक दिन उसकी लड़की अपने पिता को खाना देने महल में चली गयी। मुग़ल बादशाह उसके रूप पर मोहित हो गया। और ब्राह्मण से अपनी लड़की कि शादी उससे करने […]
========= महाभारत का युद्ध पांच हजार वर्ष से कुछ वर्ष पहले हुआ था। महाभारत युद्ध के बाद भारत ज्ञान-विज्ञान सहित देश की अखण्डता व स्थिरता की दृष्टि से पतन को प्राप्त होता रहा। महाभारत काल के कुछ ही समय बाद ऋषि जैमिनी पर आकर देश से ऋषि परम्परा समाप्त हो गई थी। ऋषि परम्परा का […]
सरदार उधम सिंह भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन की विचारधारा के एक महत्वपूर्ण किरदार हैं। उनके बारे में कई प्रकार की भ्रांत धारणाएं समाज में प्रचलित रही हैं। हमने भी बचपन में उनके बारे में एक कविता सुनी थी। जिसका भावार्थ था कि उधम सिंह नाम का एक होनहार देशभक्त बच्चा 7 वर्ष की अवस्था में अपनी […]