* #महर्षि_दयानन्द अपने समकालीन सभी व्यक्तियों की अपेक्षा शारीरिक, बौद्धिक एवं अध्यात्मिक दृष्टि से सर्वोच्च शिखर पर थे| वे शारीरिक एवं बौद्धिक दोनों दृष्टियों से विशालकाय थे और अपने समकालीन लोगों में सर्वश्रेष्ठ थे| भारत में रहने वाले सभी बुद्धिजीवी एवं विद्वान उनके सामने हर प्रकार से बौने थे| कारण की सुदृढ़ माता-पिता के घर […]
Category: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
प्रस्तुति- प्रियांशु सेठ, डॉ० विवेक आर्य (30 मार्च को श्याम जी का देहांत हुआ था।) यह कौन जानता था कि ४ अक्टूबर १८५७ को कच्छ रियासत के माण्डवी ग्राम के भंसाली परिवार में जन्मे श्यामजी कृष्ण वर्मा, १८५७ के संग्राम के बाद के पहले ऐसे क्रान्तिकारी बनेंगे जो बाद की पीढ़ी के लिए प्रेरणा के […]
” देहरादून का प्रसिद्ध वैदिक साधन आश्रम तपोवन, नालापानी रोड, देहरादून जब तक रहेगा, इसके संस्थापक बावा गुरमुख सिंह जी और उनके प्रेरक महात्मा आनन्द स्वामी जी के नाम को अमर रखेगा। बावा गुरमुख सिंह जी का जन्म अमृतसर में एक सिख परिवार में पिता प्रद्युम्न सिंह जी के यहां हुआ था। आपके जन्म का […]
लेखक आर्य सागर खारी🖋️ आज शहीद- ए -आजम भगत सिंह ,राजगुरु ,सुखदेव जैसे मृत्युंजय वीरों का शहादत दिवस है। भारत सरकार आजादी के 75 वे वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मना रही है स्वागत योग्य कदम है मनाना भी चाहिए लेकिन क्रांतिकारियों ने बलिदान का महोत्सव मनाया जो लगभग 200 वर्ष चला जिसमें […]
क्रांतिकारी पत्रकार श्री गणेशशंकर ‘विद्यार्थी’ का जन्म 1890 ई0 (आश्विन शुक्ल 14, रविवार, संवत 1947) को प्रयाग के अतरसुइया मौहल्ले में अपने नाना श्री सूरजप्रसाद श्रीवास्तव के घर में हुआ था। इनके नाना सहायक जेलर थे। इनके पुरखे हथगांव (जिला फतेहपुर, उत्तर प्रदेश) के मूल निवासी थे; पर जीवनयापन के लिए इनके पिता मुंशी जयनारायण […]
(22 मार्च 1911-23 मार्च 2003) स्वामी जी के बचपन का नाम भगवान सिंह खत्री था। आपका जन्म एक जाट परिवार में हुआ था। आप कट्टर आर्य समाजी थे। भगत सिंह के बलिदान से आपको देश की अंग्रेज सरकार से घृणा हो है।आपने 10000 से ऊपर हिन्दू जो इसाई बन चुके थे उन्हें वापस हिन्दू बनाया।ईसाई […]
– सुरेश सिंह बैस शाश्वत भारतीयों में समाजवाद का प्रचार प्रसार हो सभी एक दूसरे के साथ समता पूर्वक रहें। जिसमें जांत पांत ऊंचनीच धर्म का कोई इस्तक्षेप ना हो ऐसे “सर्वजन समभाव” वाले एक सूत्रीय जीवन पद्धति वालें भारत का सपना डॉ. राम मनोहर लोहिया ने देखा थ। डा. लोहिर्या देश के उन गिने […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। देहरादून का प्रसिद्ध वैदिक साधन आश्रम तपोवन, नालापानी रोड, देहरादून जब तक रहेगा, इसके संस्थापक बावा गुरमुख सिंह जी और उनके प्रेरक महात्मा आनन्द स्वामी जी के नाम को अमर रखेगा। बावा गुरमुख सिंह जी का जन्म अमृतसर में एक सिख परिवार में पिता प्रद्युम्न सिंह जी के यहां हुआ था। […]
ऋषि दयानन्द ‘सत्य’ को सर्वोपरि मानते थे। उनका दृढ़ विश्वास था कि – “जो सत्य है उसको सत्य और जो मिथ्या है उसको मिथ्या ही प्रतिपादन करना सत्य अर्थ का प्रकाश समझा है क्योंकि सत्योपदेश के बिना अन्य कोई भी मनुष्य जाति की उन्नति का कारण नहीं ।” ऋषि संसार के सब मनुष्यों को एक […]
========== संसार में अनेक मत-मतान्तर एवं संस्थायें हैं जो अतीत में भिन्न-भिन्न लोगों द्वारा स्थापित की गई हैं व अब की जाती हैं। इन संस्थाओं को स्थापित करने का इसके संस्थापकों द्वारा कुछ प्रयोजन व उद्देश्य होता है। सभी लोग पूर्ण विज्ञ वा आप्त पुरुष नहीं होते। वह सभी अल्पज्ञ ही होते हैं। अल्पज्ञ का […]