(दयानन्द आनन्द सागर के कुछ फड़कते पद्य) ✍🏻 लेखक – पंडित चमूपति एम॰ए॰ [ पण्डित चमूपतिजी ने ऋषि जीवन की मुख्य घटनायें भक्ति भावों में डूबकर लिखीं। इसकी भूमिका में ऋषि की शान में प्रयुक्त एक शब्द को मतांध मुसलमानी राज्य बहावलपुर सहन न कर सका। ऋषि-भक्ति को पण्डितजी न छोड़ सके। राज्य- जन्मभूमि ही […]
Category: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
विष्णु के अवतार नहीं स्वयं विष्णु हैं राम मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जन्मदिवस पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। भारत भूमि पर अनेक विद्वान, तपस्वी, मनस्वी ,यशस्वी उत्पन्न होते रहे हैं। उनमें से एक मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी महापुरुष हैं। जिनको 1269000 वर्ष बीतने के पश्चात आज भी बहुत ही श्रद्धा और सम्मान के साथ […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। परमात्मा ने 1.96 अरब वर्ष पूर्व इस संसार को बनाया था और तब से इसे चला रहा है। वह कभी सोता व आराम नहीं करता। यदि करता होता तो बहुत पहले इस संसार की प्रलय हो जाती। वह यह सब त्याग व पुरुषार्थ स्वाभाविक रूप से संसार के प्राणियों के लिये […]
प्रवीण गुगनानी, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में सलाहकार, राजभाषा 9425002270 डॉक्टर भीमराव रामजी अम्बेडकर यानि बाबा साहेब केवल किसी एक समुदाय या जाति विशेष में व्याप्त रूढ़ियों, कुरीतियों और बुराइयों हेतु ही चिंतित नहीं थे। बाबा साहेब। समूचे भारत के सभी वर्गों में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु प्रयासरत रहते थे। इस नाते ही […]
प्रवीण गुगनानी, विदेश मंत्रालय में राजभाषा सलाहकार, आ सिंधु-सिंधु पर्यन्ता, यस्य भारत भूमिका l पितृभू-पुण्यभू भुश्चेव सा वै हिंदू रीति स्मृता ll इस श्लोक के अनुसार “भारत के वह सभी लोग हिंदू हैं जो इस देश को पितृभूमि-पुण्यभूमि मानते हैं” वीर दामोदर सावरकर के इस दर्शन को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का मूलाधार बनाकर संघ […]
भारत के प्राचीन काल में सिंध प्रांत को भारत का प्रवेश द्वार कहा जाता था क्योंकि सिंध प्रांत को पार करते हुए ही भारत में दिल्ली तथा अन्य राज्यों तक पहुंचा जा सकता था। सिंध का कराची बंदरगाह भारत के प्रमुख व्यापारिक केंद्रों में से एक था क्योंकि कराची बंदरगाह के माध्यम से भारत से […]
जब से मुसलमान भारत में आए तब से ही उन्होंने भारत के वैदिक धर्म को समाप्त करने का बीड़ा उठा लिया था। भारत पर उनके किए गए आक्रमण का उद्देश्य राजनीतिक न होकर धार्मिक अधिक था। काफिर लोगों को मिटाकर इस्लाम का परचम लहराना ही उनका प्रमुख उद्देश्य था। अपने इस उद्देश्य से प्रेरित होकर […]
भारत का प्राचीन इतिहास अति वैभवशाली रहा है। पूरे वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान 25 प्रतिशत से ऊपर ही बना रहा है। खाद्य सामग्री, इस्पात, कपड़ा एवं चमड़ा आदि पदार्थ तो जैसे भारत ही पूरे विश्व को उपलब्ध कराता था। परंतु, 712 ईसवी में सिंध प्रांत के तत्कालीन राजा श्री दाहिर सेन जी को […]
सुहेलदेव भारतीय इतिहास के एक ऐसे महानायक हैं जिन पर प्रत्येक भारतीय को गर्व होना चाहिए। उन्हीं के नाम पर उत्तर प्रदेश में ओमप्रकाश राजभर नाम के एक नेता सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी चलाते हैं। वास्तव में सुहेलदेव इस समय राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका राजनीति में सिद्धांत क्या है ? – […]
04 अप्रैल का दिन था वर्ष ईस्वी सन् 1919 शुक्रवार था, जुम्मा था जुम्मे की सामूहिक नमाज जामा-मस्जिद में दी जानी थी अतः बहुत भीड़ थी लोग अंग्रेजों द्वारा की गई अन्धाधुन्ध गोलोबारी से परेशान थे अतः हिन्दू-मुस्लिम शहीदों की प्रार्थना सभा का आयोजन जामा-मस्जिद में किया गया था | . शुद्धि आन्दोलन के अग्रणी, […]