महर्षि दयानन्द ने वेद प्रचार की अपनी यात्राओं में बंगाल वा कोलकत्ता को भी सम्मिलित किया था। वह राष्ट्र कवि श्री रवीन्द्रनाथ टैगोर के पिता श्री देवेन्द्रनाथ टैगोर व उनके परिवार से उनके निवास पर मिले थे। आपका जन्म कोलकत्ता में 7 मई सन् 1861 को हुआ तथा मृत्यु भी कोलकत्ता में ही 7 अगस्त […]
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२३ दिसंबर १९२६, अपने छोटे से आवास पर एक आर्य (हिंदू) सन्यासी रोग शैय्या पर औषधि का सेवन करके शांत अवस्था में लेटे हुए थे। अचानक आवास की सीढ़ियों पर कुछ हलचल हुई और एक व्यक्ति प्रकट हुआ। यह कोई विशेष बात नहीं थी रोगी संयासी से बहुधा लोग मिलने आ ही जाते थे। सन्यासी […]
(23 दिसंबर को बलिदान दिवस पर विशेष) सफल वक्ता वही होता है जो श्रोताओं को अपनी बात से सहमत और संतुष्ट तो कर ही ले साथ ही उसकी भाषण कला ऐसी हो जिससे लोग वही कुछ करने के लिए प्रेरित और आंदोलित भी हो उठें जिसे वह वक्ता उनसे कराना चाहता है। भाषण के अंत […]
वैदिक धर्म एवं संस्कृति में मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जीवन आदर्श, अनुकरणीय एवं प्रेरक उदाहरणों से युक्त जीवन है। वह आदर्श पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श पति, आदर्श राजा, आदर्श शत्रु, आदर्श मित्र, ईश्वर, वेद एवं ऋषि परम्पराओं को समर्पित, उच्च आदर्शों एवं चरित्र से युक्त महापुरुष व महामानव थे। त्रेता युग में चैत्र मात्र के […]
आज – 19 दिसम्बर को – क्रान्तिकारी राम प्रसाद ‘बिस्मिल’, और कुछ अन्य क्रान्तिकारियों, का बलिदान-दिवस है। भारत मां के अनेक सपूतों ने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया है – ‘बिस्मिल’ भी उनमें से एक थे। हम उन लोगों को श्रद्धांजलि-स्वरूप थोड़ा याद कर सकते हैं। वैसे, किसी भी बलिदानी को याद […]
बलिदान दिवस 19 दिसम्बर पर श्रद्धा सुमन “आप मेरे लिये दुखी ना हो मै परमात्मा की गोद मे शान्ति से सोने जा रहा हूँ.” जन्म – 22 जनवरी सन 1892 ई. ग्राम नवादा, शाहजहाँपुर, उत्तरप्रदेश. बलिदान पर्व – 19 दिसंबर सन 1927 ई. मलाका कारागार, नैनी, इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश. ठाकुर रोशन सिंह का जन्म 22 जनवरी […]
19 दिसंबर-बलिदान दिवस नशा छोङ राष्ट्र भक्त कैसे बने पं० रामप्रसाद बिस्मिल जी का जन्म उत्तरप्रदेश में स्थित शाहजहांपुरा में 11 जून 1897 ई. को हुआ था। इनके पिता का नाम मुरलीधर तथा माता का नाम मूलमती था। इनके घर की आर्थिक अवस्था अच्छी नहीं थी। बालकपन से ही इन्हें गाय पालने का बड़ा शौक […]
आचार्य जी ने अपने यौवन काल से ही एक ऊंचे और तपस्वी का जीवन व्यतीत किया है । नियम और व्रतों का पालन जिस श्रद्धा और कड़ाई से ये करते हैं वैसा हमने आज तक दूसरे किसी व्यक्ति को नहीं करते देखा । जिन लोगों ने आचार्य जी को निकट से देखा है वे इस […]
लेखक – जगतसिंह हुड्डा स्त्रोत – देहात रत्न चौधरी मातूराम आर्य जीवन वृत प्रथम पीढ़ी के आर्यसमाजी चौ० मातूराम ने चौथी पास करने के बाद ‘पढ़ाई छोड़ दी’ और 16 वर्ष की आयु में ही इस क्षेत्र में पहले यज्ञोपवीत (जनेऊ) धारण कर आर्य समाजी बने और समाज में फैली कुरीतियों का पर्दाफाश करने का […]
18 दिसंबर गुरु घासीदास जयंती पर विशेष छत्तीसगढ़ के संतो में बाबा गुरु घासीदास का नाम सबसे प्रथमत:आता है। इस धरती ने अपने गर्भ से अनेक रत्नों को जन्म दिया है, जिनमें बाबा घासीदास महारत्नों में से एक है। बाबा घासीदास का जन्म बलौदा बाजार भाटापारा जिले के एक छोटे से ग्राम गिरौधपुरी में18 दिसंबर […]