विनिता झा ब्रेन स्ट्रोक को लकवा भी कहा जाता है, यह समस्या अधिकतर 50 वर्ष की आयु के बाद लोगों में देखने को मिलती हैं, परंतु पिछले कुछ समय से 30 से 35 वर्ष की आयु में भी ब्रेन स्ट्रोक के मरीज तेजी से बढ़े हैं। सर्दी के मौसम में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा अधिक […]
श्रेणी: स्वास्थ्य
निशा साहनी मुजफ्फरपुर, बिहार संकुचित सोच के कारण आज भी समाज में माहवारी को अभिशाप माना जाता है. हालांकि यह अभिशाप नहीं बल्कि वरदान है. आज भी समाज महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में बातचीत करने में झिझक महसूस करता है. जबकि मासिक धर्म के बिना गर्भधारण असंभव है. मानव के जन्म की […]
* लेखक आर्य सागर खारी ✍ दीपावली का पर्व आगमन की ओर है…. शहरो अर्ध शहरी गांव कस्बो को छोडकर शेष देश के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में वनवासी पहाड़ी आंचल में गाय के गोबर का चौका लगाया जाता है या लीपन किया जाता है….। घर आंगन को परिमार्जित संस्कारित करने के लिए…। गोमय या गोबर […]
* लेखक आर्य सागर खारी🖋️ ऐ शराब तूने अक्सर कोमो को खाके छोड़ा | जिस घर से सर उठाया ,उसको मिटा के छोड़ा| राजाओं के राज छीने, शाहो के ताज छीने| गर्दनकशो को अक्सर नीचा दिखाके छोड़ा | बहनों की मांग छीनी , माताओं के लाल छीने| जिस घर में घुसी, उस घर को मिट्टी […]
लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ जब से हमने खानपान में मीठे के विकल्प में खांड, शक्कर, गुड़ के स्थान पर चीनी जो कि एक पक्का मीठा है रसायन है उसको अपनाया है हमारे देश में डायबिटीज उच्च रक्तचाप, चर्म रोग ,हड्डियों के रोगों की भरमार हो गई| चीनी मिलों में चीनी जब बनाई जाती है […]
डोडा, जम्मू भारत जैसी बड़ी संख्या वाले देश में दिव्यांगों की भी एक बड़ी तादाद है. अगर आंकड़ों की बात करें तो 2.21 प्रतिशत भारतीय आबादी किसी न किसी तरह की दिव्यांगता की शिकार है. इसका अर्थ है कि भारत में 2.68 करोड़ लोग दिव्यांग हैं. इनमें मानसिक रूप से अक्षमों की भी एक बड़ी […]
🚭🚭🚭🚭🚭🚭 लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ जब किसी समाज या जन्मना जाति आधारित व्यवस्था में हुक्का धूम्रपान जैसी बुराई को उस समाज की शान समझ लिया जाता है, तो उस समाज को विनाश से कोई नहीं बचा सकता| 15 वीं शताब्दी में अकबर के दरबार से चली धूम्रपान की बुराई आज उत्तर पश्चिम दक्षिण भारत […]
*______ लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ आज देश के महानगरों, छोटे शहरों ,गांव ,कस्बों में आपको गली गली या मोहल्ले में जिम या हेल्थ क्लब खुले मिल जाएंगे| जहां भोले भाले विवेकहीन भारतीय युवकों को संतान हीनता की सौगात बाटी जा रही है| भारत जैसे उष्णकटिबंधीय देश में जहां वैदिक दंड, व्यायाम ,आसन प्राणायाम ,प्रातः […]
भारती देवी पुंछ, जम्मू नई नई तकनीकों ने केवल इंसान की ज़िंदगी को ही नहीं बदला है बल्कि उसके रहन सहन और खानपान के तौर तरीकों को भी पूरी तरह से बदल दिया है. इस बदलाव ने मनुष्य के शरीर को बीमारियों का घर बना दिया है. आजकल एक के बाद एक ऐसी कई बीमारियां […]
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा यह तो मानना पड़ेगा कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है पर अभी बहुत कुछ किया जाना है। कोविड के दौरान तो दुनिया में श्रेष्ठतम कार्य करने के बावजूद हमारी स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुलकर रह गई। देश से डॉक्टरों का ब्रेन ड्रेन यानी प्रतिभा पलायन इस मायने […]