1. नीम के पत्ते पानी में डालकर उबालें उससे जो भाफ निकलती है उसे कान कुछ दूरी पर रखकर भाफ लें।लाभ होगा। 2.अदरक लहसुन मूली का रस निकालकर हल्का गर्म करके दो दो बूंद कान में डालें फुंसी ठीक होगी। 3.पीपल के पत्ते या छाल का चुर्ण को आग पर रखें इससे उठता धुंआ कान […]
श्रेणी: स्वास्थ्य
यह व्यंजनों के स्वाद में तो इजाफा करती ही है साथ ही इसमें अनेक औषधीय गुण भी होते हैं। त्वचा, पेट और शरीर की कई बीमारियों में हल्दी का प्रयोग किया जाता है। हल्दी का प्रयोग लगभग सभी प्रकार के खाने में किया जाता है। हल्दी के पौधे से मिलने वाली इसकी गांठे ही नहीं […]
सुरेश चंद नागर हम में से अधिकांश लोग यह जानते हैं कि तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। लेकिन फिर भी अधिकतर इसके प्रति उदासीन हैं। इसका मुख्य कारण सही जानकारी का अभाव और तंबाकू के दुष्प्रभावों का असर धीरे-धीरे होना है। यदि ये कहा जाए कि तंबाकू एक हल्का जहर है तो […]
परवल उत्तर भारत के मैदानी प्रदेशों में आसाम ,पूर्व बंगाल में पाया जाता है | इसकी दो प्रजातियां होती हैं १-पटोल २- कटु पटोल | मधुर परवल का प्रायः शाक बनाया जाता है व कड़वे परवल का प्रयोग औषधि कार्य के लिए किया जाता है |परवल में प्रोटीन, वसा,खनिज,लवण,कार्बोहाइड्रेट निकोटिनिक अम्ल,राइबोफ्लेविन,विटामिन C ,थायमिन तथा ट्राइकोजेंथिन […]
आचार्य बालकृष्ण चकोतरा संतरे की प्रजाति का फल है | यह सभी रसदार फलों में सबसे बड़े आकार का फल है | चकोतरे में संतरे की अपेक्षा सिट्रिक अम्ल अधिक तथा शर्करा कम होती है | इसका छिलका पीला तथा अंदर का भाग लाल रंग का होता है | इसमें नींबू […]
शुगर एक ऐसा मर्ज़ है, जिससे व्यक्ति की ज़िंदगी बहुत बुरी तरह प्रभावित हो जाती है… वह अपनी पसंद की मिठाइयां, फल, आलू, अरबी और कई तरह की दूसरी चीज़ें नहीं खा पाता… इसके साथ ही उसे तरह-तरह की दवाएं भी खानी पड़ती हैं… दवा कोई भी नहीं खाना चाहता, जिसे मजबूरन खानी पड़ती हैं, […]
आचार्य बालकृष्ण गर्मियों में कान के अंदरूनी या बाहरी हिस्से में संक्रमण होना आम बात है| अधिकतर तैराकों को ख़ास-तौर पर इस परेशानी का सामना करना पड़ता है | कान में फुंसी निकलने,पानी भरने या किसी प्रकार की चोट लगने की वजह से दर्द होने लगता है | कान में दर्द होने के कारण रोगी […]
आचार्य बालकृष्ण भारतवर्ष में अति प्राचीन काल से जौ का प्रयोग किया जाता रहा है | हमारे ऋषि मुनियों का प्रमुख आहार जौ ही था | प्राचीन वैदिक काल तथा आयुर्वेदीय निघण्टुओं एवं संहिताओं में इसका वर्णन प्राप्त होता है | भावप्रकाश निघण्टुमें तीन प्रकार के भेदों का वर्णन प्राप्त होता है |स्वाद एवं आकृति […]
मुलेठी से हम सब परिचित हैं | भारतवर्ष में इसका उत्पादन कम ही होता है | यह अधिकांश रूप से विदेशों से आयातित की जाती है| मुलेठी की जड़ एवं सत सर्वत्र बाज़ारों में पंसारियों के यहाँ मिलता है | चरकसंहिता में रसायनार्थ यष्टीमधु का प्रयोग विशेष रूप से वर्णित है | सुश्रुत संहिता में […]
मित्रो जिसको भी शरीर मे पथरी है वो चुना कभी ना खाएं ! (काफी लोग पान मे डाल कर खा जाते हैं )क्योंकि पथरी होने का मुख्य कारण आपके शरीर मे अधिक मात्रा मे कैलशियम का होना है | मतलब जिनके शरीर मे पथरी हुई है उनके शरीर मे जरुरत से अधिक मात्रा मे कैलशियम […]