जेपी मिश्रा- विभूति फीचर्स आधुनिक युग में वातावरण इतना ज्यादा दूषित बना हुआ है कि हर घर में कोई न कोई रोगी जरूर मिल रहा है। एक व्यक्ति में एक ही रोग नहीं बल्कि बहुत सारे रोगों से ग्रसित है। कब्ज, गैस, जुकाम, बुखार, सिरदर्द तो आम बात है। साथ ही दमा, मधुमेह, बवासीर क्षय, […]
श्रेणी: स्वास्थ्य
अलीगढ़ 12 अप्रैल 2024। भारत में हर साल करीब 12 हजार से अधिक किडनी ट्रांसप्लांट हो रहे हैं। उसकी सबसे बड़ी वजह खराब जीवनशैली है। जिसके चलते अधिकांश लोग किडनी की समस्या से ग्रसित हैं। किडनी की कार्यक्षमता जब केवल 10 प्रतिशत रह जाती है, तो उस अवस्था को किडनी फैल्योर कहते हैं और ऐसे […]
याद रखिये युद्ध स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण या पतंजलि के खिलाफ नही है? युद्ध तो आयुर्वेद योग व भगवा के खिलाफ है युद्ध है दवाई बनाने वाली विदेशी कम्पनियों व फ्री में घर बैठे निरोगी बनाने वाले योग आयुर्वेद के खिलाफ। क्या पतंजलि ने बंदूक की नोक पर आप को लूटा? क्या आचार्य बालकृष्ण ने […]
– सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” आंखे आदमी के लिए वह नियमाक है जो, न रहे तो सारा संसार अंधकार में डूब जाता है। आंखे हमारे लिए सबसे अधिक मुल्यवान और महत्वपूर्ण अंग है। जरा सी अज्ञानता की वजह से हम इस बहुमूल्य अंग को खो देते हैं! और फिर सामना करते हैं, जिंदगी भर के […]
सुरेश सिंह बैस शाश्वत भारत में आबादी के मुकाबले स्वास्थ्य सेवाओ की बहुत कमी है, स्वास्थ्य सेवांओ से यह तात्पर्य नहीं है कि केवल डाक्टरों की सुविधा ही, बल्कि डाक्टरों के आने वाली उन कई सहायक सेवाओं से है, जिसकी मदद से डाक्टर इलाज कर पाते हैं। वहीँ चिकित्सा क्षेत्र में विकसित एवं विकासशील देश […]
*चूना अमृत है* चूना एक टुकडा छोटे से मिट्टी के बर्तन मे डालकर पानी से भर दे , चूना गलकर नीचे और पानी ऊपर होगा ! वही एक चम्मच पानी किसी भी खाने की वस्तु के साथ लेना है ! 50 के उम्र के बाद कोई कैल्शियम की दवा शरीर मे जल्दी नही घुलती चूना […]
– सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” पेयजल पृथ्वी पर कितनी अहम चीज है यह निम्न सर्वे से पता चल सकता है- की पूरी पृथ्वी में पीने लायक जल की मात्रा केवल एक परसेंट से कुछ अधिक है। यह अत्यंत ही ज्वलंत मुद्दा है। यह किसी एक देश की नहीं बल्कि वैश्विक दृष्टिकोण से गंभीर मसला है। […]
अलका सिंह योगा एक्सपर्ट योग में हस्त मुद्राएं बहुत ही महत्वपूर्ण और लाभदायक बताई गई हैं। हाथों को विभिन्न प्रकार से मोड़कर बनने वाली ये मुद्राएं योगी के उद्देश्य का प्रतीक होती हैं। ये मुद्राएं ही हैं जो योगी को उसके उद्देश्य के प्रति तत्पर बनाए रखने में मदद करती हैं। ये योगी के शरीर […]
लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ आमाशय के सम्बन्ध में पिछले लेख में बताया गया था 1822 तक समूचे अमेरिका यूरोप कनाडा के चिकित्सा जगत में पाचन के विषय में कुछ भी ज्ञात नहीं था … उन्हें नहीं मालूम था भोजन मुख में डालने के बाद प्रथम कहां जाता है? 6 जून 1822 को अमेरिका के […]
पपीते के पत्ते की चाय – किसी भी स्टेज के कैंसर को सिर्फ 60 से 90 दिन में जड़ से खत्म किया जा सकता है। पपीते के पत्ते – तीसरी और चौथी स्टेज का कैंसर सिर्फ 35 से 90 दिनों में ठीक हो सकता है। अब तक – हम इंसानों ने पपीते के पत्तों का […]