डॉ. दीप नारायण पाण्डेय प्रदूषण मृत्यु का जोखिम बढ़ाने वाले कारकों में पांचवें स्थान पर है। आइये कुछ उदाहरण देखते हैं। भोपाल गैस त्रासदी तो सबके ध्यान में है। बात लंदन की करते हैं जहाँ वर्ष 1952 तक शहरी वायु प्रदूषण रोजाना की भारी धुंध का रूप ले चुका था। यह ग्रेट-स्मोग एक दिन इतना […]
श्रेणी: स्वास्थ्य
दीप नारायण पांडे आयुर्वेद की एंटीवायरल औषधियां जिन पर इन वाइवो, इन वाइट्रो, और क्लिनिकल अध्ययन हो चुके हैं वे कोरोना जैसे तमाम प्रकार के वायरल रोगों से बचे रहने के लिये मददगार हैं। विभिन्न शोधों में कालमेघ, चिरायता, तुलसी, शुंठी या सोंठ, वासा, शिग्रू या सहजन, कालीमिर्च, पिप्पली, गुडूची, हरिद्रा, यष्टिमधु, बिभीतकी, आमलकी, अश्वगंधा, […]
डॉ. दीप नारायण पाण्डेय सोशल मीडिया में स्वयंभू विशेषज्ञों का बहुत बड़ा जमावड़ा लगा रहता है। आयुर्वेद भी इससे अछूता नहीं है। इन्टरनेट में आयुर्वेद के एक्सपट्र्स और उनके नुस्खों का बोलबाला है। जन-सामान्य भी इन्टरनेट में खोजबीन कर इसी ज्ञान से अपना काम चलाने की कोशिश करते हैं। पर यह एक प्रमाणित तथ्य है […]
जगत राम, राकेश कोछड़ गत 21 अक्तूबर के दिन भारत ने कोविड-19 के खिलाफ युद्ध में वैक्सीन का 100 करोड़वां टीका लगाकर मील का पत्थर प्राप्त कर लिया। यह असाधारण प्राप्ति है जिसे महज 9 महीनों में कर दिखाया है, वह भी भारत निर्मित वैक्सीन से। हमारी कम-से-कम 75 फीसदी बालिग आबादी को पहला टीका […]
ममता रानी जी हाँ, प्रकृति की गोद में कई सारे ऐसे स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ हैं, जो हमें बड़ी सहजता से अनेक असाध्य रोगों से बचाते हैं। ऐसा ही एक खाद्य पदार्थ है कुलथी। कुलथी लाल-भूरे रंग का एक दलहन है जिसे दाल के रूप में खाने की परंपरा रही है। मकर संक्रांति के दूसरे दिन […]
संजीव कपूर नए साल में डाइटरी के संबंध में एक संकल्प है, जो आजकल चल रहा है, वह है ‘हरियाली का मंत्र’। अपरिहार्य रूप से हरा का विकल्प इन दिनों लोगों को आकर्षित कर रहा है। इसका कारण है हरे सब्जियों के आहार की सादगी और आधुनिक श्रमसाध्य जीवन शैली की माँग है। ज़्यादा से […]
बहुत पुरानी बात नही है ये …… 1960 तक भारत मे गेहूं का आटा जिससे पूड़ियाँ बनती थीं , साल में बमुश्किल एकाध बार जब कभी कोई शादी बियाह य्या काज प्रयोजन होता तो पूड़ियाँ बनती थीं ……. अंग्रेजों के मानसिक गुलाम ही गेहूं की रोटी खाते थे ……. शेष भारत , आम जन सब […]
उगता भारत ब्यूरो प्राचीन समय से ही मनुष्य नाड़ी देखकर रोगों की पहचान करने का सिस्टम चला आ रहा है । प्राचीन काल में तो ऐसे भी वैद के जानकार हुए जो नाड़ी देखकर व्यक्ति के शरीर का हाल बता देते थे और गंभीर से गंभीर रोग की पहचान नाड़ी देखकर कर लेते थे। आज […]
प्रियेश मिश्र सूअर की कोशिकाओं में मौजूद एक शुगर (Sugar) इंसानी शरीर को स्वीकार नहीं करता है। इसी कारण पहले के सभी प्रयास फेल हुए थे, इसलिए इस बार डॉक्टरों ने स्पेशल मोडिफाइड जीन वाले सूअर का इस्तेमाल किया। अमेरिका में दुनिया में पहली बार सूअर के किडनी को इंसान के शरीर में ट्रांसप्लांट किया […]
मोनिका जोहरी सुनीता अपनी आम जिंदगी में ऊब रही हैं। पर पता नहीं क्यों? बस कुछ अच्छा नहीं लग रहा। एक जैसा काम, वही लोग और एक-सी बातें। जीवन में कुछ रोमांच ही नहीं। उबाऊपने का यह एहसास दिनभर में कई बार कचोटता है। जितनी लंबी हमारी बोरियत होती है, उदासी भी बढ़ती चली जाती […]