1. यह रक्त व विष की विकृति को हटाता है, बड़ी आंत में गति को शक्ति देता है, शरीर में वात पित्त व कफ दोष को स्थिर रखने में सहयोग करता है। 2. यह अनिच्छित व अनावश्यक वसा को निर्मित होने से रोकता है, लाल रक्त कोशिकाओं एव हीमोग्लोबिन के उत्पादन में सन्तुलन रखता है। […]
Category: गौ और गोवंश
‘पशून पाहि’ अर्थात पशुओं की रक्षा कर
पशुओं में बकरी, भेड़, ऊंटनी, भैंस का दूध भी काफी महत्व रखता है। किंतु केवल दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के कारण भैंस प्रजाति को ही प्रोत्साहन मिला है, क्योंकि यह दूध अधिक देती है व वसा की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे घी अधिक मात्रा में प्राप्त होता है। गाय का दूध गुणात्मक दृष्टि […]
भारतीय संस्कृति में खान-पान का बहुत महत्व है और भारतीय भोजन का एक महत्वपूर्ण अंग है दूध। शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा हो जिसने इसका प्रयोग कभी न किया हो। बढ़ते बच्चों के विकास के लिए दूध की उपयोगिता से कोई अनजान नहीं है इसके अलावा दूध में अनेक ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो […]
रीता सिंह पशुओं की घटती संख्या का सर्वाधिक प्रतिकूल असर कृषि पर पड़ा है। भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि और पशुपालन का कितना विशेष महत्त्व है, यह इसी से समझा जा सकता है कि सकल घरेलू कृषि उत्पाद में पशुपालन का 28-30 प्रतिशत का सराहनीय योगदान है। इसमें भी दुग्ध एक ऐसा उत्पाद है जिसका योगदान […]
भारत के संविधान निर्माताओं ने सवर्ण हिंदुओं की खातिर संविधान में एक अनुच्छेद (अनुच्छेद 48 डाला) जो कि भाग 14 (राज्य के नीति निदेशक तत्व) का हिस्सा है। सन् 1950 में भारतीय समाज मुख्यत: कृषि आधारित था। इसके अनुरूप यह अनुच्छेद ”कृषि और पशुपालन के संगठन”के संबंध में है। यह कहता है कि ”राज्य कृषि […]
गोहत्या पर यह कैसी राजनीति ?
डॉ.वेदप्रताप वैदिक गोमांस खाने के शक को लेकर मोहम्मद इखलाक की जो हत्या हुई है, उसकी भत्र्सना पूरे देश ने की है लेकिन फिर भी क्या कारण है कि इस मुद्दे पर देश में बेहद कटु और ओछी बहस चल पड़ी है? सिर्फ नेताओं ही नहीं, बुद्धिजीवियों में भी आरोपों-प्रत्यारोपों की बाढ़-सी आ गई है। […]
॥ श्रीसुरभ्यै नम:॥ गावो विश्वस्य मातर:॥ ॥ अति महत्वपूर्ण बिन्दु॥ गोघातियों एवं गो- अपराधियों का परोक्ष- अपरोक्ष समर्थन करना भी गोघातरूपी महापाप ही है। इस सम्बन्ध में शास्त्रों द्वारा उल्लेखित बिन्दु- (01.)जो मूर्ख लोग, गोवंश को डॉटते तथा मारते- पीटते है वे गौओं के दु:खपूर्ण नि:श्वास से पीङित होकर घोर नरकाग्नि में पकाये जाते है। […]
दिनेश चंद्र त्यागी गतांक से आगे…. मालेर कोटला का महाबलिदान पंजाब के मालेर कोटला में चलाये जा रहे बूचड़खाने को ध्वस्त करने 140 नामधारी सिख गोभक्त 15 जनवरी 1872 को वहां पहुंच गये जो अपने लक्ष्य में सफल रहे। इनमें से 80 सिख वीरों को बिना मुकदमा चलाये तोपों से 14 से 17 जनवरी 1872 […]
गोवंश विनाश का एक और आयाम
डॉ. राजेश कपूर * वैटनरी वैज्ञानिकों को सिखाया-पढाया गया है कि पोषक आहार की कमी से गऊएं बांझ बन रही हैं। वैग्यानिकों का यह कहना आंशिक रूप से सही हो सकता है पर लगता है कि यह अधूरा सच है। इसे पूरी तरह सही न मानने के अनेक सशक्त कारण हैं। * बहुत से लोग […]
गोपाष्टमी मनाने का सही लाभ तभी है…..
रज्जाक अहमद गोपाष्टमी (गाय पूजा का विशेष दिन) 31 अक्टूबर गोपाष्टमी पर देश में जगह-जगह गोवंश की पूजा अर्चना हुई। संतों ने व हिंदू धर्म के आचार्यों और विद्वानों ने गाय के महत्व को समझने व गौ की धार्मिक आस्था के विषय में बहुत कुछ कहा। भारत वर्ष मुनियों का देश रहा है। हजारों वर्ष […]