#डॉ_विवेक_आर्य (साम्यवादी बौद्धिक प्रदुषण को प्रतिउत्तर) राजेंद्रलाल मित्र ने अपनी अंग्रेजी पुस्तक ‘प्राचीन भारत में गोमांस-की भूमिका के पृ. 2-3, पाण्डुरंग वामन काणे ने अपनी अंग्रेजी पुस्तक धर्मशास्त्र के इतिहास, खंड 2, भाग 2, अध्याय 22, आर. सी. मजूमदार ने भारतीय लोगों का इतिहास एवं संस्कृति, अध्याय 21, पृ.577 (प्राचीन भारत में गोमांस-एक समीक्षा, पृ. […]
श्रेणी: गौ और गोवंश
उगता भारत ब्यूरो आइंडहोवन. नीदरलैंड के एक स्टार्टअप ने गाय के गाेबर से सेल्युलोज अलग कर फैशनेबल ड्रेस बनाने का तरीका ढूंढ निकाला है। यह स्टार्टअप बायोआर्ट लैब जलिला एसाइदी चलाती हैं। सेल्युलोज से जो फैब्रिक बनाया जा रहा है, उसे ‘मेस्टिक’ नाम दिया गया है। इससे शर्ट और टॉप तैयार किए जा रहे हैं। स्टार्टअप […]
है भूमि बन्ध्या हो रही, वृष–जाति दिन भर घट रही घी दूध दुर्लभ हो रहा, बल वीर्य की जड़ कट रही गो–वंश के उपकार की सब ओर आज पुकार है तो भी यहाँ उसका निरंतर हो रहा संहार है . दाँतों तले तृण दाबकर हैं दीन गायें कह रहीं हम पशु तथा तुम हो मनुज, […]
सुबोध कुमार A woman worships a cow as Indian Hindus offer prayers to the River Ganges, holy to them during the Ganga Dussehra festival in Allahabad, India, Sunday, June 8, 2014. Allahabad on the confluence of rivers the Ganges and the Yamuna is one of Hinduism’s holiest centers. (AP Photo/Rajesh Kumar Singh) वेदों में गायों […]
आज देश गोवर्धन पर्व मना रहा है। बहुत बड़ी संख्या में लोगों को यह बात पता नहीं है कि गौ संरक्षण और गोवंश के सँवर्धन के लिए ही गोवर्धन का पर्व मनाया जाता है। किसी पौराणिक अंधपरंपरा के वशीभूत होकर लोग इस त्यौहार को मना रहे हैं। वास्तव में भारत की प्राचीन कृषि व्यवस्था गौ […]
मनमोहन कुमार आर्य परमात्मा ने मनुष्य को अपने पूर्वजन्म के कर्मानुसार सुख व दुःख का भोग करने के लिये जन्म दिया है। मनुष्य को सुख भोगने के लिये स्वस्थ शरीर की आवश्यकता होती है। स्वस्थ शरीर का आधार युक्त आहार-विहार होता है। मनुष्य के स्वास्थ्य के तीन आधार भी बताये जाते हैं जो कि आहार, […]
ओ३म् ======== परमात्मा ने इस सृष्टि को जीवात्माओं को कर्म करने व सुखों के भोग के लिए बनाया है। जीवात्मा का लक्ष्य अपवर्ग होता है। अपवर्ग मोक्ष वा मुक्ति को कहते हैं। दुःखों की पूर्ण निवृत्ति ही मोक्ष कहलाती है। यह मोक्ष मनुष्य योनि में जीवात्मा द्वारा वेदाध्ययन द्वारा ज्ञान प्राप्त कर एवं उसके अनुरूप […]
ललित गर्ग राजनीतिक एवं साम्प्रदायिक आग्रहों एवं स्वार्थों के चलते गौ-हिंसा एवं अत्याचार को जायज नहीं ठहराया जा सकता। इस तरह की धर्म एवं आस्था से जुड़ी भावनाओं में अहिंसा एवं मानवीयता जरूरी है। गाय का संरक्षण पूरी तरह मानवतावादी कृत्य है, उसके साथ हिंसा स्वीकार्य नहीं है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में […]
गौ रक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद स्थित उच्च न्यायालय ने जो निर्णय दिया है उसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। 01 सितंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण मामले में टिप्पणी करते हुए कहा है कि किसी भी व्यक्ति के द्वारा गौ मांस खाना उसका मौलिक अधिकार नहीं है। माननीय […]
पहला हत्था तोड़ने का किस्सा-23July1930 टोहाना में मुस्लिम राँघड़ो का एक गाय काटने का एक कसाईखाना था।वहां की 52 गांवों की नैन खाप ने इसका कई बार विरोध किया। कई बार हमला भी किया जिसमें नैन खाप के कई नौजवान शहीद हुए व कुछ कसाइ भी मारे गए।लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई।क्योंकि ब्रिटिश सरकार मुस्लिमों […]