========= परमात्मा ने मनुष्य एवं इतर आत्माओं के लिये सृष्टि को उत्पन्न कर इसे धारण किया है। परमात्मा में ही यह सारा ब्रह्माण्ड विद्यमान है। आश्चर्य होता है कि असंख्य व अनन्त लोक-लोकान्तर परमात्मा के निमयों का पालन करते हुए सृष्टि उत्पत्ति काल 1.96 अरब वर्षों से अपने अपने पथ पर चल रहे हैं। ये […]
Category: गौ और गोवंश
गौरक्षा- सवा शेर
पहला हत्था तोड़ने का किस्सा-23 जुलाई 1930 टोहाना में मुस्लिम राँघड़ो का एक गाय काटने का एक कसाईखाना था। वहां की 52 गांवों की नैन खाप ने इसका कई बार विरोध किया। कई बार हमला भी किया जिसमें नैन खाप के कई नौजवान शहीद हुए व कुछ कसाइ भी मारे गए। लेकिन सफलता हासिल नहीं […]
* https://chat.whatsapp.com/HpU3UqIDVSh1Xq0r4uENkv 👉गोमूत्र वात और कफ़ को अकेला ही नियंत्रित कर लेता है। पित्त के रोगों के लिए इसमें कुछ औषधियाँ मिलायी जाती हैं। 👉गोमूत्र में पानी के अलावा कैल्शियम, सल्फर,आयरन जैसे १८ सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं। 👉त्वचा का कैसा भी रोग हो, वो शरीर में सल्फर की कमी से होता है। Soarises, […]
प्राचीन भारत में गौपालन व्यवस्था*
*________ लेखक आर्य सागर खारी🖋️ हमें और आपको अक्सर बताया जाता है कि अतीत के स्वर्णिम काल में हमारा देश विश्वगुरु व सोने की चिड़िया था लेकिन यह नहीं बताया जाता किन आदर्श लोक कल्याणकारी व्यवस्थाओं से यह देश सोने की चिड़िया बना| वैदिक काल की व्यवस्थाओं की झलकियां हमें कोटिल्य लिखित अर्थशास्त्र ग्रंथ में […]
*ईको फ्रेंडली है देसी गोवंश*।
लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ सृष्टि के आदि में हमारे पूर्वजों ने समस्त दूध देने वाले पशुओं में गाय को सर्वोत्तम जाना इसका आधार केवल यही नहीं था कि गाय का दूध बाल युवा वृद्ध सभी के लिए हितकारी सुपाच्य है| अपितु जलवायु व पर्यावरण से जुड़े महत्वपूर्ण पक्षों पर भी ध्यान दिया था ऋषि […]
अरावली पर्वत की रानी : सिरोही गाय
आर्य सागर खारी गाय का घी उत्तम रसायन है, लेकिन बात जब गायों की दर्जनों देसी प्रजातियों मैं किसका घी उत्तम माना जाए ? तो वहां साहीवाल राठी गिर जैसी उत्तम नस्लों को पीछे छोड़ते हुए मध्यम आकार की सफेद सलेटी कबरे रंग की देसी गाय की अनोखी नस्ल नारी बाजी मार लेती है। इस […]
गांव दर्शन में धर्म दर्शन’
=============== भारत की आत्मा गांवों में बसती है । वैदिक कालीन परंपराओं संस्कृति की कुछ झलकियां आज भी गांवो में दिखाई देती हैं। यह छवि हमारे गांव के चैत्य ( देव) स्थल जिसे ग्रामीण’ प्राचीन झीडी तपोभूमि ‘कहते हैं की है। जिसमे स्थित असंख्य पेड़ों में से एक मंजूफल के पेड़ पर एक वानर बैठा […]
गौरक्षा के लिए बलिदान बलिदान पर्व – 8 फरवरी सन 1920 ई. सन 1918 में ग्राम कटारपुर, हरिद्वार के मज़हबी गौ हत्यारों ने बकरीद पर सार्वजनिक रूप से गौहत्या की घोषणा की, मायानगरी हरिद्वार के मायापुरी क्षेत्र में कभी ऐसा घोर अनर्थ नहीं हुआ था. अतः हिन्दुओं ने तत्कालीन स्थानीय ज्वालापुर थाने पर शिकायत की, […]
‘गौ घृत और यज्ञ’
=========== *ताहवन दीदिवः प्रतिष्म रिषतो दह। अग्ने त्वं रक्षस्विनः*।। घी से प्रदीप्त यज्ञाग्नि, हमारे प्रतिकूल शत्रुओं और दोषों को सर्वथा भस्म करने में समर्थ है। *जिघम्र्यग्निं हविषा घृतेन प्रतिक्षियन्तं भुवनानि विश्वा*।। सम्पूर्ण लोकों का आधार, प्रत्येक पदार्थ में विद्यमान अग्नि को मैं होम के योग्य घी से प्रदीप्त करता हूँ। *यत्र सोमः सूयते यत्र यज्ञो […]
गौरक्षा पर प्रश्न चिह्न क्यों ?
गौरक्षा का प्रश्न उठते ही हिन्दू विरोधी दल सक्रिय हो उठते हैं। 1967 में गौरक्षा की मांग पर इंदिरा गांधी ने सैंकड़ों निरपराध हिन्दू स्त्री पुरुषों को गोली से मरवा दिया । कुछ साल पहले दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो० डी. एन. झा ने “Holy Cow : Beef in Indian Dietary Traditions” नामक पुस्तक लिखी। उसमें […]