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पर्यावरण

आधुनिकीकरण कहीं पहाड़ों में बेरोजगारी का कारण न बन जाए?

बीना बिष्ट हल्द्वानी, उत्तराखंड “बचपन में हरियाली के बीच बैठकर अक्सर मैं जिस हिमालय पर्वत को देखा करता था, आज कई वर्षो बाद जब में वापस उसे देखने लगा तो मैंने उसमें काफी बदलाव देखे. गांव की सूरत भी पहले से काफी बदल गई है. स्कूलों की हालतों में काफी हद तक सुधार आ गया […]

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पर्यावरण

प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से विनाश की तरफ बढ़ता पहाड़

बिना बिष्ट हल्द्वानी, उत्तराखंड विश्व आर्थिक मंच की वैश्विक जोखिम रिपोर्ट 2020 के अनुसार अगले 10 दशकों में शीर्ष जोखिमों में जलवायु परिवर्तन शामिल हो सकते हैं. यह जोखिम मानवजनित, पर्यावरणीय आपदाएं, जैव विविधता हानि व मौसमी घटनाएं हो सकती हैं. दरअसल पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखने के लिए प्रकृति और मानव के बीच […]

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पर्यावरण

संसाधनों के बावजूद क्यों विकसित नहीं है उत्तराखंड?

मंजू धपोला कपकोट, उत्तराखंड किसी भी राष्ट्र या राज्य की उन्नति उसके संसाधनों पर भी बहुत हद तक निर्भर करती है. एक ओर जहां यह आय का प्रमुख स्रोत बनता है वहीं दूसरी ओर नागरिकों के जीवन को भी सुगम बनाता है. इसके बिना विकास की कल्पना अधूरी मानी जाती है. हमारे देश के कई […]

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पर्यावरण

शहरों की तरफ पलायन करता गांव

तानिया चोरसो, उत्तराखंड आज़ादी के अमृतकाल में सभी नागरिकों तक पीने का साफ़ पानी और शौचालय जैसी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर प्रयासरत हैं. देश के अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र जो बरसों से बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जी रहे थे, आज वहां के नागरिकों को सुविधाएं मिलने लगी हैं. […]

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पर्यावरण

अमरपुरवासी अमर कर रहे है, इस पीपल वृक्ष को*।

* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️। पीपल का यह 200 वर्ष से अधिक पुराना वृक्ष ग्राम अमरपुर ग्रेटर नोएडा में है। जितना अधिक पुराना यह वृक्ष है उतना ही अनूठा इस वृक्ष के संरक्षण के पीछे का ग्रामीणों का भाव है। यह वृक्ष सार्वजनिक लोक मार्ग से होते हुए एक निजी चार दिवारी पर इसकी […]

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आर्थिकी/व्यापार पर्यावरण

कमजोर मानसून एवं घटते निर्यात से भारत की आर्थिक विकास दर कम प्रभावित होगी

भारत में विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में विकास से सम्बंधित हाल ही में जारी किया गए आंकड़ों का विश्लेषण करने पर ध्यान में आता है कि भारत, दुनिया की सबसे तेज गति से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी हुई है। अप्रेल-जून 2023 तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई […]

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पर्यावरण

हिमालय क्षेत्र में अपनी गलतियों का परिणाम भुगतता मानव समाज

ललित गर्ग शिमला की घटनाओं ने अधिक चिन्ता में डाला है। राजधानी एवं अधिक सक्रिय, जनबहुल एवं पयर्टन नगर होने की बजह से शिमला में जो दृश्य देखें गये, वे अधिक डरावने, चिन्ताजनक एवं दहशत भरे थे। शिमला के कृष्णा नगर इलाके में 15 अगस्त को लैंडस्लाइड के चलते यहां कई मकान ढह गए। पहले […]

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पर्यावरण

जलवायु परिवर्तन से प्रभावित होती किशोरियां

भावना रावल गरुड़, उत्तराखंड प्राकृतिक घटनाओं में जिस तरह से एक के बाद एक बदलाव आए हैं, वह जलवायु परिवर्तन का ही परिणाम है. अचानक तूफ़ानों की संख्या बढ़ गई है, भूकंपों की आवृत्ति बढ़ गई है, नदियों में बाढ़ आना आदि घटनाएं पहले से कहीं अधिक बढ़ गई हैं. जिसका सीधा असर मानव जीवन […]

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पर्यावरण

जल संकट का समाधान ज़रूरी

सरिता बीकानेर, राजस्थान अक्सर यह भविष्यवाणी की जाती है कि भविष्य में अगर कोई विश्व युद्ध हुआ तो वह पानी के मुद्दे पर लड़ा जाएगा. पानी की कमी आज के समय में बहुत बड़ा संकट बन चुका है. इस संकट से होने वाले दुष्परिणाम भी भंयकर हो रहे हैं. पानी की कमी से केवल मानव […]

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पर्यावरण

पलायन रोकने का सशक्त माध्यम बना बागवानी

नरेन्द्र सिंह बिष्ट हल्द्वानी, उत्तराखंड जलवायु परिवर्तन ने जहां पूरे विश्व को चिंता में डाल दिया है वहीं इसके चलते पर्वतीय समुदाय भी कृषि कार्य से विमुक्त हो गया है. परिणामस्वरूप पहाड़ों से पलायन और तेजी से भूमि को बेचना दिखायी दे रहा है. विशाल निर्माण कार्यो ने पहाड़ों के अस्तित्व को खतरे में लाकर […]

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