निशान्त दुनिया में चल रहे भू-राजनीतिक संघर्षों को देखते हुए जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केन्द्रित रखना बेहद महत्वपूर्ण है। इस काम में ग्लोबल साउथ की भूमिका बहुत अहम है। विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले साल भारत में जी20 के बाद अगली जी21 की अध्यक्षता भी ग्लोबल साउथ के पास ही है। ऐसे में वह […]
Category: पर्यावरण
जलवायु परिवर्तन और दिव्यांगता
दीपमाला पाण्डेय साल 2023 में पृथ्वी की औसत भूमि और महासागर की सतह का तापमान 20वीं सदी से 2.12 डिग्री फ़ारेनहाइट (1.18 डिग्री सेल्सियस) अधिक था। यह आंकड़ा साल 1850 से अब तक रिकॉर्ड किया गया उच्चतम वैश्विक तापमान है। इसने, इससे पहले अब तक के सबसे गर्म वर्ष, 2016 को 0.27 डिग्री फ़ारेनहाइट (0.15 […]
वेद की दृष्टि में जल अमृतरूप ओषधि है’
‘ (विश्व जल दिवस पर प्रकाशित) प्रियांशु सेठ वेद के अनेक मन्त्र जल को आरोग्य, दीर्घजीवी व बल का संवर्धन करनेवाला इत्यादि बताते हुए जल की महत्ता का वर्णन करते हैं। वेदज्ञों की दृष्टि में जल को एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है किन्तु जल का आवश्यकता से अधिक प्रयोग या अनावश्यक प्रयोग करने वाला […]
आचार्य डॉ राधे श्याम द्विवेदी यह वह भूमि है, जहां पर ब्रह्म, विष्णु और महेश तीनों देव का निवास स्थान रहा है। भगवान विष्णु ने भगवान राम रूप में यहां वनवास काटा था, तो ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के लिए यहां यज्ञ किया था और उस यज्ञ से प्रगट […]
हरे-भरे गांव में फैल रही गंदगी
योगिता चोरसौ, गरुड़ बागेश्वर, उत्तराखंड “लोग कचरे को गधेरों (नहर) में फेंक देते हैं और फिर उस कचरे को कुत्ते घरों में लेकर आते हैं. कई बार तो इस्तेमाल किये गए पैड को भी गधेरों में फेंका जाता है. जिससे बहुत ज्यादा दुर्गंध आती है. कुत्ते कचरे के साथ उस पैड को भी इधर उधर […]
गाड़ियों से निकलने वाली गैसें प्रदूषण और क्लाइमेट चेंज दोनों के लिए ज़िम्मेदार हैं। पिछले 24 वर्षों में भारत में लगभग 5 करोड़ गाड़ियाँ बिकीं। अब सुनिए: भारत में एक ऐसी एकदम छोटी-सी जगह है, जो 1 घंटे में उतनी ही ज़हरीली गैसें वातावरण में छोड़ती है। जितनी उन सभी 5 करोड़ गाड़ियों के 1 […]
मानव स्वास्थ्य, स्वच्छता और पर्यावरण
जिसने है खुद को स्वच्छता से जोड़ा। उसने हरेक बीमारी से नाता है तोड़ा।। स्वच्छता मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। मानव को मानवता की ओर ले जाने का श्रेय स्वच्छता को जाता है क्योंकि यदि मानव के जीवन से स्वच्छता नामक विषय को निकाल दिया जाए तो वह पशु की श्रेणी में गिना […]
पक्षी कलरव क्यों करते हैं*?
* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ दीर्घ समय तक पक्षी विज्ञानियों में यह मान्यता रही की पक्षी अपना शत प्रतिशत परस्पर संवाद शारीरिक भाव भंगिमा से ही करते हैं जैसे पूछ का हिलाना,पंखों का फड़फड़ाना चोंच से अन्य किसी वस्तु को कुरेदना आदि आदि। वही न्याय दर्शन या प्रमाण शास्त्र के भाष्यकार महर्षि वात्स्यायन ने […]
बीना बिष्ट हल्द्वानी, उत्तराखंड “बचपन में हरियाली के बीच बैठकर अक्सर मैं जिस हिमालय पर्वत को देखा करता था, आज कई वर्षो बाद जब में वापस उसे देखने लगा तो मैंने उसमें काफी बदलाव देखे. गांव की सूरत भी पहले से काफी बदल गई है. स्कूलों की हालतों में काफी हद तक सुधार आ गया […]
बिना बिष्ट हल्द्वानी, उत्तराखंड विश्व आर्थिक मंच की वैश्विक जोखिम रिपोर्ट 2020 के अनुसार अगले 10 दशकों में शीर्ष जोखिमों में जलवायु परिवर्तन शामिल हो सकते हैं. यह जोखिम मानवजनित, पर्यावरणीय आपदाएं, जैव विविधता हानि व मौसमी घटनाएं हो सकती हैं. दरअसल पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखने के लिए प्रकृति और मानव के बीच […]