न च मे प्रतिभा काचिदस्ति किञजित्प्रभाषितुम्| पीडय्मान्स्य गोविन्द विषानलसमै: शरै: ||( महाभारत शांति पर्व) आरामाणा तडागाना यत् फलं कुरुपुङव| तदहं ऋष्तुमिच्छामि त्वतोघ भरतषृभ|| (महाभारत अनुशासन पर्व) महाभारत के भीषण महा संग्राम में युद्ध के दसवें दिन 100 से अधिक बाण खाकर (भीष्म पर्व में तीरों की संख्या ,तीरों के प्रकार का उल्लेख है) भीष्म सरसैया […]
श्रेणी: पर्यावरण
अजय कुमार पिछले करीब सवा महीने की समीक्षा की जाए तो पता चलता है कि लॉकडाउन के कारण जनता को भले ही परेशानियों का सामना करना पड़ हो, लेकिन पर्यावरण आदि कई मामलों को लेकर लॉकडाउन का सकारात्मक पहलू भी सामने आया है। समय आ गया है कि केन्द्र और राज्य की सरकार इस बात […]
लिमटी खरे भारत में विज्ञान पर निर्भरता काफी हद तक कम होती दिख रही है। एक समय था जब प्राथमिक स्तर पर पाठ्यक्रम में विज्ञान को महत्व दिया जाता था। विज्ञान आओ करके सीखें नामक एक किताब अस्तित्व में हुआ करती थी। विज्ञान से संबंधित न जाने कितनी पत्र पत्रिकाएं अस्तित्व में हुआ करती थीं। […]
ललित गर्ग जिस पृथ्वी को हम माँ का दर्जा देते हैं उसे हम खुद अपने ही हाथों दूषित करने में कैसे लगे रहते हैं। पृथ्वी पर बढ़ते प्राकृतिक स्रोत का दोहन और प्रदूषण की वजह से विश्व स्तर पर लोगों को चिंता होनी शुरू हुई है। आज जलवायु परिवर्तन पृथ्वी के लिए सबसे बड़ा संकट […]
योगेश कुमार गोयल 21 मार्च को मनाए जाने वाले ‘पृथ्वी दिवस’ को हालांकि संयुक्त राष्ट्र का समर्थन प्राप्त है लेकिन उसका केवल वैज्ञानिक व पर्यावरणीय महत्व ही है जबकि 22 अप्रैल को मनाए जाने वाले ‘पृथ्वी दिवस’ का पूरी दुनिया में सामाजिक एवं राजनैतिक महत्व है। पृथ्वी को संरक्षण प्रदान करने तथा दुनिया के समस्त […]
…………………………………. ★ गंगाजल के ब्रह्म द्रव्य का रहस्य आकाशीय सीमाओं में निहित…………………………………………. राकेश छोकर / नई दिल्ली ………………………………………….. सदियों से रहस्य बना रहा है कि आखिर गंगाजल स्वयं अपने आप में विशेष क्यों है ? इस पर कई वैज्ञानिक संगठनों ने अपने अपने ढंग से अनुसंधान किया है, जिसमें विश्व के कई अन्य देशों के […]
————————————————————– फारसी में यही नाम है नीम के वृक्ष का आजाद दरख़्त -ए- हिंद…. अरब ,फारस वालों ने यही नाम भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले नीम के वृक्ष को दिया… नीम उन देशों में भी पाया जाता है जो कभी भारतीय भूभाग से कटकर अलग हो गए… . अर्थात नीम केवल भारतवर्ष में ही […]
एल. खरे भारत में अनेक प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं। इन पक्षियों की तादाद में एकाएक कमी दर्ज किया जाना वास्तव में चिंता का विषय माना जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र के द्वारा किए गए प्रवासी प्रजातियों के पक्षियों पर समझौते के अनुसार इसके तेहरवें सम्मेलन में वर्ष 2020 की जो रिपोर्ट जारी की […]
1990 के पश्चात वैश्विक तापवृद्घि निरंतर बढ़ती जा रही है। 2003 में तो यूरोप में ‘लू’ के प्रकोप से लगभग 35,000 लोगों की मृत्यु हो गयी थी। इस प्रकार की तापवृद्घि के परिणामस्वरूप धु्रवों की बरफ पिछल रही है और पर्वतों पर ग्लेशियर घट रहे हैं। जिससे समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है। समुद्री स्तर […]
प्रमोद भार्गव संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 19.5 करोड़ लोग कुपोषण के शिकार हैं। दुनिया के कुपोषितों में यह अनुपात करीब 25 प्रतिशत है। यदि बच्चों के स्तर पर बात करें तो देश के 10 बच्चों में से चार कुपोषित हैं। यह स्थिति उस कृषि-प्रधान देश की है, जो खाद्यान्न उत्पादन […]