उगता भारत ब्यूरो समाज में पूर्वाग्रह के कारण आमतौर पर यह माना जाता है कि संस्कृत भाषा का अध्ययन करने के बाद रोजगार की बहुत कम संभावनाएं शेष रहती है। यह धारणा तथ्यहीन होने के साथ-साथ समाज की अपरिपकृता का उदाहरण भी है। संस्कृत भाषा एंव विषय के अध्ययन के पश्चात युवाओं के लिए रोजगार […]
Category: शिक्षा/रोजगार
शंकर शरण (लेखक वरिष्ठ स्तंभकार हैं।) सरकार के एक सब से महत्वपूर्ण मंत्रालय द्वारा अपना बिगड़ा नाम कोरोना काल में सुधारने में एक तुक है। कोरोना ने पूरी दुनिया को याद दिलाया कि अर्थव्यवस्था से बड़ी चीज जीवन और प्रकृति के नियम है। यह बुनियादी सत्या खो गया है। मानव अर्थव्यवस्था का संसाधन बना डाला […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक विदेशी भाषाओं को पढ़ने की उत्तम सुविधाएं जरूर होनी चाहिए लेकिन वे 10वीं कक्षा के बाद हों और स्वैच्छिक हों। प्रादेशिक सरकारों और केंद्र सरकारों को ऐसा कानून तुरंत बनाना चाहिए कि विदेशी भाषा के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई पर पूर्ण प्रतिबंध लग जाए। आंध्र प्रदेश की सरकार ने पिछले साल […]
डॉ. चन्द्रकान्त राजू (लेखक प्रसिद्ध गणितज्ञ तथा उच्च अध्ययन संस्थान शिमला में टैगोर फेलो हैं।) गणित को सामान्यत: एक कठिन विषय माना जाता है। अक्सर इसके लिए शिक्षकों को दोषी ठहराया जाता है या फिर विद्यार्थी ही स्वयं को दोषी मान लेते हैं। परंतु समस्या की जड़ तक पहुंचे तो लगता है कि वास्तविक समस्या […]
डॉ. कृष्णगोपाल मिश्रा हमें समझना होगा कि साक्षरता एवं पुस्तकीय ज्ञान शिक्षा का एक अंग भर हैं, शिक्षा का पूरा संसार नहीं। शिक्षा के इस अंग का उपयोग नैतिक एवं मानवीय मूल्यों के संरक्षण-संवर्धन के लिए किया जाना चाहिए। साक्षरता जनित पुस्तकीय ज्ञान विज्ञान की तरह ही दुधारी तलवार है। भारतवर्ष की सनातन सांस्कृतिक परंपरा […]
हरजिंदर सिंह ऐसी आशंकाएं पूरी तरह से निराधार भी नहीं हैं। कम से कम अमेरिका के कुछ उदाहरण तो यही बता रहे हैं। वहां स्कूलों को खोले हुए अभी दो सप्ताह भी नहीं हुए हैं लेकिन बच्चों, अध्यापकों और अन्य कर्मचारियों को कोविड-19 होने के कई मामले सामने आ गए हैं। दबाव भारत में भी […]
डॉ. ज्योति सिडाना ऐसा माना जाता है कि शिक्षा मनुष्य में आलोचनात्मक चेतना विकसित करती है, उन्हें आर्थिक, सांस्कृतिक और मानव पूंजी में परिवर्तित करती है तथा शोषण व दमन का विरोध करने हेतु जागरूक करती है. हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी नई शिक्षा नीति चर्चा में है क्योंकि इसमें अनेक बड़े […]
मिथिलेश कुमार सिंह 12वीं का फाइनल एग्जाम होने के पहले ही कई युवक एनडीए (राष्ट्रीय रक्षा अकादमी) का एंट्रेंस देते हैं। चूंकि प्रत्येक वर्ष अप्रैल और सितंबर में एग्जाम का दो बार आयोजन होता है और इसके फॉर्म प्रत्येक वर्ष जून और दिसंबर में आपको मिल जाते हैं। सेना के बारे में जरा भी रुचि […]
जे. पी. शुक्ला शिक्षा प्रणाली में पांचवी कक्षा तक मातृभाषा को शिक्षा प्रदान करने के माध्यम के रूप में बढ़ावा देने के लिए यह एक बहुत स्वागत योग्य कदम है, लेकिन शिक्षण सामग्री केवल कुछ निर्धारित भाषाओं में ही उपलब्ध है। भारत की शिक्षा प्रणाली में एक बहुत बड़ा परिवर्तन करते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने […]
संजय द्विवेदी आज ऑनलाइन शिक्षा एक वास्तविकता है, जिसे हम मानें या न मानें स्वीकारना पड़ेगा। कोरोना के संकट ने हमारी पूरी शिक्षा व्यवस्था के सामने कई सवाल खड़े किए हैं। जिसमें क्लास रूम टीचिंग की प्रासंगिकता, उसकी रोचकता और जरूरत बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। कोरोना काल ने सही मायने में भारत को […]