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संपादकीय

भारत रत्न और लालकृष्ण आडवाणी

आज भाजपा जिस ऊंचाई पर है उसे यहां तक पहुंचाने में पार्टी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी जी का विशेष योगदान है। लालकृष्ण आडवाणी जी ने विभाजन की उस विभीषिका को देखा है जिसमें लाखों की संख्या में हिंदुओं को मारा काटा गया था। करोड़ों लोगों को घर से बेघर होते हुए देखने की पीड़ा […]

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संपादकीय

इसे कहते हैं गंगा जमुनी तहजीब

आज यह हम सबके लिए बहुत ही प्रसन्नता का विषय है कि श्री राम जी के नवनिर्मित मंदिर के दर्शनों के लिए 350 मुसलमानों का दल भी अयोध्या पहुंचा है । दल के सदस्यों ने इस बात पर गर्व और गौरव की अनुभूति की कि वह श्री राम उनके पूर्वज हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के […]

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संपादकीय

पलटीपुत्र के हाथों पाटलिपुत्र और रामराज्य

धर्मनिष्ठ राजनीति आज भी हम सबके लिए खोज का विषय है। धर्मनिष्ठ राजनीति का अभिप्राय है कि राजनीति में राष्ट्रनीति को स्थापित किया जाए और राजनीति को धर्म की पवित्रता के प्रति समर्पित किया जाए। राष्ट्र की साधना में लगे लोगों को आगे बढ़ने का अवसर दिया जाए। लोकतंत्र को अपनाने का भारत का उद्देश्य […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

संविधान का निर्माण और भारतीय गणतंत्र

डॉ राकेश कुमार आर्य आप सभी को भारत के 75वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। प्रत्येक गणतंत्र दिवस  प्रतिवर्ष हमें अपने संविधान , अपनी संविधान सभा और संविधान सभा के सम्मानित सदस्यों के बारे में  कुछ सोचने व समझने  की प्रेरणा देता है । 1946 में भारत की संविधान सभा का गठन भारतीय संविधान के […]

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संपादकीय

देव से देश और राम से राष्ट्र का बना विमर्श

22 जनवरी को श्री राम मंदिर में हुई प्राण प्रतिष्ठा वास्तव में राष्ट्रीय चेतना का मुखर स्वरूप था। जिसे हम सबने प्रकट होते हुए देखा। संपूर्ण देश में ही नहीं, विदेश में भी जहां-जहां भारतवंशी लोग रहते हैं, लोगों ने महादीपावली का पर्व मनाया। लोगों का उत्साह देखते ही बनता था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री […]

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इतिहास के पन्नों से संपादकीय

भारत के क्रांतिकारी आंदोलन में आर्य समाज का योगदान

भारत स्वराज्य की प्रेरणा वेदों से प्राप्त हुई। वेद में राष्ट्र ,राष्ट्रवाद और राष्ट्रीयता का बड़ा मार्मिक चित्रण किया गया है। संसार के सबसे प्राचीन धर्मशास्त्र वेद – ऋग्वेद में स्वराज्य की आराधना करने की बात कही गई है। वेद के स्वराज्य संबंधी इसी चिंतन ने भारत को पराधीनता के काल में कभी भी चैन […]

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संपादकीय

कांग्रेस का चिंतन और उसकी कार्यशैली चिंतनीय

अब यह बात पूरी तरह से स्पष्ट हो चुकी है कि कांग्रेस ने भारत में धर्मनिरपेक्षता (जो कि वास्तव में पंथनिरपेक्षता शब्द है ) का अनुचित अर्थ किया और इसका लाभ देश के अल्पसंख्यकों को देने का भरपूर प्रयास किया। शासन का स्वरूप पंथनिरपेक्ष होना चाहिए । पंथनिरपेक्षता का अर्थ है कि शासन में जो […]

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संपादकीय

22 जनवरी : हम श्रद्धा के दीप जलाएंगे…. और कांग्रेस …?

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण ठुकरा दिया है। सोनिया गांधी की कांग्रेस अपने हिंदू विरोध के सही स्वरूप में सामने आ गई है। यह सच है कि सोनिया गांधी को भारतीयता से कोई प्रेम नहीं है। यही कारण था कि वह अपने शासनकाल में ( […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

मालदीव को समझनी चाहिए भारत की महानता

भारत में स्वामी दयानंद जी महाराज और उसके पश्चात महात्मा गांधी के भी आंदोलनों में स्वदेशी, स्वराष्ट्र, स्वभाषा, स्वसंस्कृति और स्वराज्य जैसे शब्द विशेष रूप से स्थान प्राप्त करते रहे। इस दृष्टिकोण से देखें तो भारत के द्वारा स्वाधीनता ही ‘स्व’ बोध के लिए प्राप्त की गई थी। अब भारत के प्रधानमंत्री श्री मोदी ने […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

कांग्रेस का राष्ट्र विरोधी आचरण और श्री राम मंदिर

कांग्रेस अपने जन्म काल से ही हिंदू विरोधी आचरण करती आई है । हिंदू विरोधी का अभिप्राय है – राष्ट्र विरोधी होना। कांग्रेस के ऐसे दोगले चरित्र के होने का कारण यह भी है कि इसे भारतीय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से प्रेरित होकर स्थापित नहीं किया गया था अपितु भारतीय राष्ट्रवाद को मिटाने या उसकी उठती […]

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