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संपादकीय

लोकसभा चुनाव: दुनिया का सबसे महंगा चुनाव

आजाद भारत का पहला चुनाव 1952 में हुआ था। भारत के संविधान में दी गई व्यवस्था के अनुसार संपन्न हुए इन चुनावों में उस समय मात्र 10.50 करोड रुपए खर्च हुए थे। भारत ने संसदीय लोकतंत्र को अपनाकर अपनी पुरातन राजतंत्रीय व्यवस्था को विदा कर दिया था। तब लोगों ने सोचा था कि अब बड़ी […]

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संपादकीय

घटता हिंदू – मिटता हिंदू , कौन सुनेगा पुकार ?

सचमुच यह खबर दु:खी करने वाली है कि भारतवर्ष में पिछले 65 वर्ष में हिंदुओं की जनसंख्या 8% कम हो गई है। जबकि इस दौरान मुस्लिम जनसंख्या 9.84 प्रतिशत से बढ़कर 14.09% हो गई है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में ‘धार्मिक अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी का देशभर में विश्लेषण’ नामक विषय के माध्यम […]

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संपादकीय

विरासत टैक्स और कांग्रेस का चरित्र

जिन्हें हम अधिकार कहते हैं मातृभूमि के संदर्भ में वही हमारे लिए कर्तव्य होते हैं। वर्तमान शिक्षा प्रणाली अधिकार और कर्तव्य के बीच उतनी सूक्ष्मता से अंतर नहीं कर पाई जितनी अपेक्षा थी। जब बात राष्ट्र की आए तो वहां पर कर्तव्य अर्थात करणीय कर्म ही हमारे लिए सबसे बड़ा धर्म बन जाता है। वहां […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

मोदी के भारत की अर्थव्यवस्था और उसकी चुनौतियां

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर कई ऐसी सकारात्मक रिपोर्ट आई हैं जिनसे पता चलता है कि आने वाले दिनों में भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की अग्रणी अर्थव्यवस्था में होगी। विदेशी मीडिया मोदी सरकार की उपलब्धियों पर बहुत कम प्रकाश डालता है । इसके पीछे कारण केवल एक है कि मोदी सरकार को वैश्विक मंचों पर बदनाम कर […]

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संपादकीय

नेहरू जी और मोदी जी में है मौलिक अंतर

जब जब कांग्रेस के नेताओं पर भाजपा के नेताओं और विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी की ओर से हमला बोला जाता है और किसी बात को लेकर कहा जाता है कि अमुक गलती नेहरू के जमा जमाने में हुई थी, तब तब कांग्रेस को बड़ी मिर्ची लगती है । कांग्रेस को आज भी यह लगता […]

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संपादकीय

राहुल गांधी की नकारात्मक राजनीति और चुनावी दौर

राजनीतिज्ञ को वर्तमान परिस्थितियों में अपना स्वार्थ सिद्ध करना प्राथमिकता पर दिखाई देता है। जबकि राजनेता को राष्ट्रहित दिखाई देता है। राजनीतिज्ञ अपने निहित स्वार्थ की राजनीति करता है। जब कि राजनेता देश के और राष्ट्र के भविष्य निर्माण की योजना में निमग्न रहता है। यही कारण है कि जहां राजनीतिज्ञ छोटी-छोटी बातों को तूल […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

सनातन भारत ,राम मंदिर और आरएसएस

भारत सनातन है और सनातन ही भारत है। इन दोनों का अन्योन्याश्रित संबंध है । जिसे समझना प्रत्येक भारतीय के लिए आवश्यक है जो इस पहेली के रहस्य को समझ जाता है वह भारत को समझ जाता है और फिर उसे सनातन को समझने में भी देर नहीं लगती। जिस प्रकार सनातन और भारत का […]

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देश विदेश संपादकीय

प्रधानमंत्री मोदी के लिए मॉरीशस की महत्ता

प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति में उन देशों को प्राथमिकता दी गई है जो भारतीय धर्म, संस्कृति और इतिहास की परंपराओं को अक्षुण्ण बनाए रखने के प्रति संकल्पित हैं । भारतीय मूल के प्रवासियों की संतानों के रूप में मॉरीशस की अधिसंख्य हिंदू जनसंख्या ने भारत के प्रति अपने समर्पण को प्रकट करने में कभी […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

राम मंदिर और संघ की राष्ट्रवादी चिंतनधारा

17 मार्च 2024 को नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक संपन्न हुई। जिसमें एक प्रस्ताव राम मंदिर निर्माण के संदर्भ में पारित किया गया।इस प्रस्ताव में राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में संपन्न हुए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा गया कि श्री अयोध्या धाम में […]

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संपादकीय

विपक्ष के चूहों की भागदौड़ और प्रधानमंत्री मोदी

अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा की 10 सीटों पर भाजपा ने निर्विरोध चुनाव जीतकर यह स्पष्ट कर दिया है कि पूर्वोत्तर भारत में उसका कोई विकल्प नहीं है । इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में गड़बड़ी कराकर भाजपा पर चुनाव जीतने का आरोप लगाने वाले विपक्ष को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए कि आखिर उसने अरुणाचल प्रदेश में […]

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