अकर्मण्यता हमारा लक्ष्य न हो प्रकृति अपना कार्य कर रही है, इतिहास अपना कार्य कर रहा है। कालचक्र अपनी गति से घूम रहा है। तीनों बातें भारत के पक्ष में हैं। किंतु इसका अभिप्राय यह कदापि नहीं है कि हम हाथ पर हाथ धरकर बैठ जाएं या अकर्मण्यता को गले लगाकर अपने दुर्भाग्य की पटकथा […]
Category: संपादकीय
1947 में साम्प्रदायिक आधार पर देश के बंटवारे को अपनी सहमति देने वाले नेहरू-गांधी की कांग्रेस आज तक कहे जा रही है कि ‘मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।’ कांग्रेस अपने सामने लगे तथ्यों के ढेर की उपेक्षा करके अपनी झूठी बात के महिमामंडन करते रहने की अभ्यस्त रही है। इसके सामने इतिहास गला […]
विश्व में ईसाइयत और इस्लाम के मध्य उभरता अंतद्र्वन्द हमारा ध्यान इन जातियों के पतन की ओर दिलाता है। इतिहास ने ‘ओसामा बिन लादेन’ और ‘जार्ज डब्ल्यू बुश’ को पतन के मुखौटे के रूप में तैयार कर दिया है। इनके पश्चात इनके उत्तराधिकारी आते रहेंगे और पतन की दलदल में ये और भी धंसते चले […]
विश्व में भारतवर्ष एक ऐसा देश है, जिसके धर्म, संस्कृति और इतिहास सर्वाधिक प्राचीन हैं। इस दृष्टिकोण से भारतवर्ष का धर्म वैश्विक धर्म है, भारत की संस्कृति वैश्विक संस्कृति है और भारत का इतिहास (यदि वास्तव में खोजकर तथ्यपूर्ण ढंग से लिखा जाए तो) विश्व का इतिहास है। विश्व के ऐतिहासिक नगरों, देशों की राजधानियां […]
भारत का ‘अन्नदाता’ इस समय आत्महत्या कर रहा है। जैसे-जैसे यह घटनाएं बढ़ती हैं, वैसे-वैसे ही विपक्षी पार्टियां चिल्लाती हैं कि सरकार किसानों के लिए कुछ नहीं कर रही है, और यह सरकार किसान विरोधी है। विपक्ष की इस चिल्लाहट के बीच सरकारें किसानों के कर्ज माफ कर रही हैं। पर देखा जा रहा है […]
इस विषय में मुझे राष्ट कवि ‘श्री त्रिपाठी कैलाश आजाद’ (सांगली) महाराष्ट निवासी की कुछ पंक्तियां याद आ रही हैं, जो यहां इस विषय में बिल्कुल सत्य साबित होती हैं, यथा- एक दूसरे के लिए, रहें कृतज्ञ हम। प्रत्येक परिस्थिति में, रहें स्थितप्रज्ञ हम।। वेदों का सार ‘इदन्नमम्’ का भाव ले। सर्वोदय की भावना से, […]
पर्यावरण नियंत्रक सांस्कृतिक प्रकोष्ठ’ में कार्यरत व्यक्तियों के लिए आवश्यक हो कि वे संस्कृत के जानने वाले तो हों ही, साथ यज्ञ विज्ञान की गहराइयों को भी सूक्ष्मता से जानते हों। कौन सी सामग्री किस मौसम में और किस प्रकार पर्यावरण प्रदूषण से मुक्त करने में हमें सहायता दे सकती है-इस बात को ये लोग […]
भारत के चौदहवें राष्ट्रपति का चुनाव निकट आता जा रहा है, हम सभी का ध्यान इस समय यह देखने में लगा हुआ है कि ‘रायसीना हिल्स’ पर इस बार पहुंचने की किसकी बारी है? यद्यपि भाजपा के प्रत्याशी श्री रामनाथ कोविंद का ‘रायसीना हिल्स’ पहुंचना लगभग निश्चित है, परंतु इसके उपरांत भी विपक्ष की प्रत्याशी […]
महर्षि दयानंद ने कहा था- ”यदि अब भी यज्ञों का प्रचार-प्रसार हो जाए तो राष्ट्र और विश्व पुन: समृद्घिशाली व ऐश्वर्यों से पूरित हो जाएगा।” इस बात से लगता है कि भारत सरकार से पहले इसे विश्व ने समझ लिया है। देखिये-फ्रांसीसी वैज्ञानिक प्रो. टिलवट ने कहा है- ”जलती हुई खाण्ड के धुएं में पर्यावरण […]
ईश्वर के प्रति कृतज्ञता अपनायें अब विचार करें कि उसे हम क्या दे रहे हैं? कदाचित ‘कुछ भी नहीं’ उसके प्रति कोई कृतज्ञता नहंी, कोई धन्यवाद नहीं। यही तो है नास्तिकता। यदि हम ईश्वर के प्रति भी कृतज्ञ होकर धन्यवाद करना और कहना सीख लें तो हमारे और शेष संसार के संबंध मानवीय ही नहीं, […]