आतंकवाद का अंतर्राष्ट्रीय षडय़ंत्र हम देखते हैं किअशिक्षा से त्रस्त समाज भारत में सर्वाधिक मुस्लिम समाज है। इस समाज को मुल्ला-मौलवियों ने आज भी जकड़ा हुआ है। इस कठमुल्लावाद के विरूद्घ फिर भी वहां विद्रोह नहीं हैै। न कोई मुल्ला आतंकवाद की भेंट चढ़ा और न कोई मस्जिद अथवा मदरसा? आखिर ऐसा क्यों नहीं हुआ […]
Category: संपादकीय
पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन और वे सभी राष्ट्र अथवा संगठन जो भारत से या तो शत्रुता रखते हैं अथवा ईष्र्या करते हैं, क्या अशिक्षित और बेरोजगार हैं? क्या वे लोग जो भारत को पुन: इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए सक्रिय हैं और यहां एक सुनियोजित रणनीति के अंतर्गत आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं वे अशिक्षित […]
अवधूत दत्तात्रेय हर क्षण किसी से ज्ञान प्राप्त करने के लिए तत्पर रहा करते थे। वह पशु-पक्षियों एवं कीट पतंगों की गतिविधियों को बड़े ध्यान से देखा करते और विवेचना कर उनसे शिक्षा प्राप्त किया करते थे। दत्तात्रेय अक्सर कहा करते थे कि ”जिनसे मैं कोई भी शिक्षा लेता हूं वे मेरे गुरू हैं।” एक […]
इन नेताओं को कौन समझाये कि भारत में आतंकवाद की समस्या का मूल कारण अगर ‘अशिक्षा’ और बेरोजगारी होती तो भारत में क्रांति होती। सारे भूखे और बेरोजगार अशिक्षित संसद की ओर कूच करते, हमारे राजभवनों को आग लगाते, बैंक खातों में जमा धनराशि का हिसाब लेते और अपने अधिकारों का सम्मान करने वाले लोगों […]
नारी शक्ति और ममता बैनर्जी
पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी अपने ‘हठीले’ स्वभाव के कारण चर्चा में बनी रहती हैं। हठीले व्यक्ति के विषय में यह सर्वमान्य सत्य होता है कि वह विवेकहीन होता है, वह स्वार्थी होता है और अपने ‘स्वार्थ’ के सामने उसे और कुछ भी नहीं दिखता है। कहने के लिए वह स्वयं या उसके समर्थक […]
भारत लोकतंत्र की जन्मस्थली है। आज का ब्रिटेन और अमेरीका तो भारत के लोकतंत्र की परछाईं मात्र भी नहीं है। हमारे ‘शतपथ ब्राह्मणादि ग्रंथों’ में राजनीतिशास्त्रियों के लिए कई बातें अनुकरणीय रूप से उपलब्ध हैं। ‘शतपथ ब्राह्मण’ में राजकीय परिवार के लोगों के राजनीतिक अनुभवों से देश को लाभान्वित करने के उद्देश्य से इस परिवार […]
आतंकवाद भारत की ही नहीं, अपितु आज विश्व की एक बड़ी समस्या बन चुका है। सही अर्थों में मानव समाज की यह बुराई मानव के दानवी स्वरूप की सनातन परंपरा का अधुनातन स्वरूप है। विश्व के पिछले दो हजार वर्ष के इतिहास को यदि उठाकर देखा जाये तो जिन लोगों ने ईसाइयत और इस्लाम के […]
भारत की सेना का इतिहास अत्यंत गौरवपूर्ण है और इसका कारण यह है कि भारत ही विश्व का वह प्राचीनतम और पहला देश है जिसने जीवन को उन्नति में ढालने के लिए सर्वप्रथम सैन्य विज्ञान की उत्कृष्टतम खोज की। शेष विश्व तो यह आज तक भी समझ नहीं पाया कि सैन्य विज्ञान क्या होता है? […]
निजी सुरक्षा के नाम पर अर्थशक्ति का अपव्यय, भाग-4 सेना में मुस्लिमों को आरक्षण देश की सुरक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ करते हुए अब देश की सशस्त्र सेनाओं में मुस्लिमों को आरक्षण दिया जा रहा है। इसका परिणाम क्या होगा? भविष्य में पाकिस्तान से यदि भारत का युद्घ हुआ तो वही आशंका रहेगी कि जो राजा […]
हम यह मानते हैं कि शासक वर्ग के लिए सुरक्षा की आवश्यकता होती है। उसके उत्तरदायित्वों के अनुसार समाज में उसके शत्रु भी होते हैं। राजकीय कार्यों में विघ्न डालने वाले भी होते हैं, इसलिए शासन को उसकी सुरक्षा का पूर्ण दायित्व लेना अपेक्षित है। किंतु ऐसा कहना अद्र्घसत्य ही है-पूर्णसत्य नहीं। इस अद्र्घसत्य को […]