प्रधानमंत्री श्री मोदी अपने दो कार्यकाल पूर्ण कर चुके हैं। 10 वर्ष के अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जो कुछ किया है उसे स्वयं प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी ने देश के लिए एक गौरवपूर्ण उपलब्धि के रूप में जनमानस के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास किया। उन्होंने देश के मतदाताओं को यह बताया […]
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प्रधानमंत्री के रूप में श्री मोदी ने पहले दिन से जुटकर काम करना आरंभ किया। श्री मोदी ने चुनाव में मिली सफलता को इस भाव से लिया कि लोगों ने उन्हें काम करने के लिए नियुक्त किया है, समय गंवाने के लिए नहीं। इसीलिए उन्होंने अपनी सारी टीम को भी काम में जुट जाने की […]
जब देश 16वीं लोकसभा के चुनाव की तैयारी कर रहा था तो उस समय भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी सावधानी से गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने स्टार प्रचारक के रूप में मैदान में उतारा। पार्टी बहुत सावधानी से आगे बढ़ रही थी। उसने देश में नरेंद्र मोदी की विभिन्न सभाओं का आयोजन करना […]
डॉ मनमोहन सिंह ऐसे प्रधानमंत्री थे जो बौद्धिक रूप से तो योग्य थे पर राजनीतिक रूप से पूर्णतया अयोग्य सिद्ध हो चुके थे। यही कारण था कि वह अपनी लोकप्रियता कभी बना ही नहीं पाए। अपने पहले कार्यकाल में डॉ मनमोहन सिंह कुछ सीमा तक अपनी स्थिति को बेहतर बनाए रखने में सफल रहे थे। […]
14वीं लोकसभा के चुनाव 2004 में संपन्न हुए। 20 अप्रैल 2004 से 10 मई 2004 तक चार चरणों में यह चुनाव संपन्न हुआ था। देश के मतदाताओं ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में अनास्था व्यक्त की और संक्रमण काल से गुजरते हुए देश ने सत्ता एक बार फिर कांग्रेस के हाथों में दे […]
13 वीं लोकसभा – 1999 – 2004 1999 की 13 वीं लोकसभा के चुनाव 5 सितंबर से 3 अक्टूबर 1999 के बीच हुए । पहला मतदान 5 सितंबर को, दूसरा 11 सितंबर को, तीसरा 18 सितंबर को, चौथा 25 सितंबर को और अंतिम 3 अक्टूबर को संपन्न हुआ। पहली बार चुनाव को पांच चरणों में […]
सनातन की पहचान को विकृत करते नेता
यदि आपसे पूछा जाए कि देश पहले है या दल पहले है तो आपका उत्तर निश्चित रूप से यही होगा कि देश पहले है। पर राजनीति में इस समय देश से पहले दल हो गया। लोकतंत्र नीतियों का आलोचक है। हो सकता है कि किसी विषय को लेकर आपकी विचारधारा या मत अलग हो और […]
छोटे नेताओं की छोटी हरकतों, छोटी सोच और संकीर्ण मानसिकता के कारण देश अभी भी अंधेरे में टक्कर मार रहा था। उसे नेता की खोज थी। पर नेता नहीं मिल रहा था। संक्रमण काल की रात्रि अभी और गहराती जा रही थी। अंधकार छंटने का नाम नहीं ले रहा था। ऐसी परिस्थितियों में 16 फरवरी […]
पी0वी0 नरसिम्हाराव प्रधानमंत्री के रूप में बहुत अधिक लोकप्रिय नहीं हो पाए थे। वह भीड़ को आकर्षित करने वाले नेता कदापि नहीं थे। उन्होंने देश को एक योग्यतम अधिकारी की भांति आगे बढ़ाने का काम किया। अधिकारी से आगे जाकर नेता बनने की बात उन्होंने कभी सोची भी नहीं। शायद वह जानते थे कि जब […]
विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार के पतन के पश्चात जब चंद्रशेखर को कांग्रेस ने अपना मोहरा बनाकर देश का प्रधानमंत्री बनाया तो आरंभ से ही यह स्पष्ट हो गया था कि इस समय नई लोकसभा के चुनाव बहुत निकट हैं । कांग्रेस 1980 के इतिहास को दोहराने की तैयारी कर रही थी, जब इंदिरा गांधी […]